हरियाणा के झज्जर स्थित भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य की वेटलैंड को अंतरराष्ट्रीय महत्व की रामसर कन्वेंशन सूची में शामिल किया गया है। सूची में हरियाणा के गुरुग्राम की सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान झील भी शामिल हैं। अब भारत में कुल 46 रामसर स्थल हो गए हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए वेटलैंड का अहम महत्व होता है। रामसर स्थल में पक्षियों की दुर्लभ प्रजातियों का संरक्षण होता है। भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य मानव निर्मित वेटलैंड है। यहां पक्षियों की करीब 266 से अधिक प्रजातियां हैं। भिंडावास अभयारण्य राज्य में मीठे पानी की आर्द्रभूमि का सबसे बड़ा स्थल है। यहां सर्दियों के दौरान 80 प्रजातियों के 40 हजार से अधिक प्रवासी पक्षी आते हैं।
भिंडावास पक्षी अभ्यारण को भारत सरकार ने 3 जून, 2009 को एक पक्षी अभयारण्य के रूप में स्थापित किया था। यह करीब 1074 एकड़ में फैला हुआ है। यहां ओरिएंटल हनी-बजर्ड़, पाइड किंगफिशर, सारस क्रेन आदि पक्षियों को देखा जा सकता है। यहां एक झील का निर्माण किया गया है, जो काफी सुन्दर है। आप इस झील के किनारे सैर का आनंद ले सकते हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि राज्य के सबसे बड़े वेटलैंड भिंडावास को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। भिंडावास झील में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। भिंडावास अभ्यारण्य में पर्यटकों के नाइट स्टे के लिए शिविर की व्यवस्था, झील की सौंदर्यीकण और वन्यजीवों के लिए एक औषधालय शामिल होगा। इसके साथ ही स्थानीय युवकों को गाइड के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। भिंडावास में हर साल सितंबर से मार्च के बीच दुनिया भर से बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं।
कैसे पहुंचें भिंडावास पक्षी अभ्यारण:
पक्षियों के लिए स्वर्ग भिंडावास पक्षी अभ्यारण्य आप आसानी से पहुंच सकते हैं। यह हरियाणा के झज्जर से करीब 12 किलोमीटर दूर है। झज्जर से आप बस, ऑटो या टैक्सी से पहुंच सकते हैं। झज्जर रेलवे स्टेशन 8 किलोमीटर की दूरी पर है। आप यहां से ऑटो या टैक्सी ले सकते हैं। हवाई जहाज से आने पर करीब 60 किलोमीटर दूर दिल्ली आना होगा। फिर वहां से बस, ट्रेन या टैक्सी से आ सकते हैं।
कब पहुंचे-
भिंडावास पक्षी अभ्यारण वैसे तो सालों भर खुला रहता है, लेकिन यहां घूमने का सबसे बेहतर समय दिसंबर और जनवरी है। इस समय यहां हजारों प्रवासी पक्षी देखने को मिल जाते हैं।