
एक घुमक्कड़ का मन सवालों से भरा होता है। वो अपने साथ और आस-पास हो रही हर चीज में मतलब तलाशने की कोशिश करता है। उसके बहुत सारे सवालों में कुछ का जवाब उसे यात्राओं के दौरान मिल जाता है लेकिन कुछ जवाब खोजने के लिए उसको बहुत भटकना होता है। शहरों की कहानी भी कुछ ऐसी ही होती है। हर शहर किताब की तरह होता है। जिसकी हर कहानी में उस शहर के किसी नए पहलू का जिक्र होता है। एक शहर कब और कैसे आज दिखाई देने वाली स्थिति तक आया, उसके पीछे का रास्ता क्या था इसके बारे में जानने के लिए आपको शहर में पैदल भटकना चाहिए। लेकिन बिना किसी दिशा के यूँ ही भटकना सुनने में थोड़ा अटपटा लगता है। आपकी इस मुश्किल को कम करने के लिए लगभग हर शहर में वॉकिंग टूर होते हैं। ये टूर आपको शहर के उन हिस्सों में ले जाते हैं जिनमें शायद आप वैसे नहीं पहुँच पाते। अगर आप भी शहरों की कहानियों को नजदीक से देखने की चाहत रखते हैं तो आपको इन वॉकिंग टूर्स पर जरूर आना चाहिए।
भारत का बीच का हिस्सा एक पहाड़ी मैदान जैसा है जिसे हम डेक्कन पठार के नाम से जानते हैं। हैदराबाद इसी भाग में बसा एक खूबसूरत शहर है। हैदराबाद और उसके आस-पास ऐसे कई ग्रेनाइट पत्थरों से बने फॉर्मेशन हैं जिन्हें आपको देख लेना चाहिए। कहते हैं ये सभी पत्थर हिमालय से भी पुराने हैं। हैदराबाद की रॉक वॉक आपको ऐसे ही कुछ दिलचस्प फॉर्मेशन से रूबरू कराती है। इस वॉक पर आपको पत्थरों के पीछे की असामान्य जानकारी के साथ-साथ हैदराबाद के इतिहास के बारे में भी बताया जाता है। वॉक पर आप इन चट्टानों के बीच में बसी झील देख सकते हैं और यहाँ के सुंदर पक्षियों के बारे में भी जान सकते हैं। ये वॉक हर महीने के तीसरे रविवार को आयोजित की जाती है। वॉक की सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें हिस्सा लेने के लिए आपको कोई पैसे नहीं देने होते हैं इसलिए आपको इस वॉक पर जरूर जाना चाहिए।
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2. कलकत्ता वॉक
अगर आप कोलकाता के बारे में थोड़ी भी जानकारी रखते हैं तो आपने कुमारटुली का नाम जरूर सुना होगा। कुमारटुली कोलकाता का वो इलाका है जहाँ देवी दुर्गा की मूर्तियाँ बनाई जाती हैं। दुर्गा पूजा के समय ये इलाका लोगों की भीड़ और मूर्तिकारों की कला से झूम उठता है। कलकत्ता वॉक आपको इसी दुनिया से रूबरू करवाता है। वॉक की शुरुआत सुबह 6.30 बजे अर्मेनियाई घाट की आरती से होती है। इसके बाद आपको कुश्ती के मैच की कुछ झलकियाँ दिखाई जाती हैं। मैच के बाद आप-पास में बसा कोलकाता का मशहूर फूलों का बाजार देख सकते हैं। वॉक में हावड़ा ब्रिज, पुरानी टकसाल और निमतला घाट की सैर भी शामिल रहती है। कहते हैं बंगालियों का कोई काम छोटा नही होता और अगर आप भी कोलकाता के सबसे मोहक त्योहार दुर्गा पूजा के पीछे की कहानी जानना चाहते हैं तो आपको बिना ज्यादा सोचे इस वॉक पर चले आना चाहिए।
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3. पुरानी दिल्ली फूड ट्रेल
अगर आपसे पूछा जाए दिल्ली में आपका पसंदीदा क्विजीन कौन सा है तो आपके मन में सबसे पहले मुगलई खाना जरूर आएगा। लेकिन दिल्ली के सीताराम बाजार की गलियों में मिलने वाला वेजेटेरियन खाने को खाकर आप मुगलई खाना भूल जाना चाहेंगे। पुरानी दिल्ली फूड वॉक आपको सीताराम बाजार की कुछ ऐसी ही गलियों में ले जाता है जहाँ आप इस खाने के बारे में जान सकते हैं। इस वॉक पर आपको खाना बनाने के तरीके से लेकर उसमे इस्तेमाल किए जाने मसालों तक हर चीज की जानकारी दी जाती है। सीताराम बाजार को बनिया बाजार के नाम से भी जाना जाता है इसलिए यहाँ पर मिलने वाले खाने को अक्सर लोग बनिया स्ट्रीटफुड कहते हैं। गोल गप्पे, कुल्चा छोला, बेड़मी पूरी और नगोरी हलवे की खुशबू आपको खूब पसंद आएगी। यहाँ से बढ़कर आप मास्टरजी की हवेली देख सकते हैं। ये दिल्ली में बची चुनिंदा हवेलियों में से है जहाँ आप चाहें तो खाना बनाने में मदद भी कर सकते हैं।
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मैक्सिमम सिटी सुकेतू मेहता की लिखी बहुत मशहूर किताब है जिसकी कहानी पर ये वॉक बनाई गई है। इस वॉक में आप दरिया महल और रधाबाई चौल देख सकते हैं। इसके बाद आप ब्रेबोर्न रेस्त्रां भी देख सकते हैं। वॉक में आपको मुंबई के बहुत पुराने डाक घर की सैर भी कराई जाती है। ये जगह चिठ्ठियों वाले दौर में एक और बार गोता लगाने के लिए बिल्कुल सही है। डाक घर के बाद आप बोरकर का वड़ा पाव और सिक्कानगर में लाजवाब शरबत पीने का मजा उठा सकते हैं। इसके अलावा आप बब्बन जी बॉम्बे टूर पर भी जा सकते हैं। इस टूर की खास बात ये है कि इसमें आप बम्बई के बिहारी समुदाय की सैर कर सकते हैं। अगर आप मुंबई को अच्छे से देखना चाहते हैं तो आपको इस वॉक पर आना चाहिए।
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5. मायलापोर वॉक
मायलापोर चेन्नई के सबसे पुराने इलाकों में से है। इस वॉक पर आप मायलापोर के इतिहास और संस्कृति के बारे में अच्छे से जान सकते हैं। मायलापोर को चेन्नई का सांस्कृतिक खजाना भी कहा जाता है। 1523 में पुर्तगाली लोग और 1749 के बाद अंग्रेजों का दौर देखने के बाद भी इस जगह की पुरानी सभ्यता आज भी जिंदा है। इस वॉक पर आप मायलापोर के प्राचीन मंदिर और उनसे जुड़ी मान्यताओं के बार में जान सकते हैं। आप 300 साल पुराने कपलीस्वरार मंदिर को देख सकते हैं। मंदिर में माने जाने वाले रूटीन को नजदीक से देख सकते हैं। मंदिर को देखने बाद आप इसके आस-पास के इलाकों में घूम सकते हैं। इन इलाकों में ऐसी बहुत सारी दुकानें हैं जहाँ ज्वेलरी, पीतल और सिल्क से बनी चीजें मिलती हैं। वॉक के आखिरी पड़ाव में आपको सरवना भवन आना चाहिए। ये जगह अपनी खास तरीके की कॉफी के लिए पूरे चेन्नई में मशहूर है।
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6. चोलता चोलता
चोलता चोलता कोंकणी भाषा से लिया हुआ शब्द है जिसका मतलब होता है चलते हुए। गोवा की ये वॉक खासतौर से बच्चों के लिए बनाई गई है। गोवा में बुकवॉर्म नाम की एक लाइब्रेरी ने इस वॉक की शुरुआत की थी। वॉक में बच्चों को गोवा के इतिहास के बारे में अच्छे से बताया जाता है। बच्चों को वॉक पर बोरियत ना हो इसका भी खास ध्यान रखा जाता है। वॉक पर हर बच्चे को मैप से रास्ता समझाने के साथ-साथ ट्रेजर हंट जैसे रोमांचक खेल भी करवाए जाते हैं। बच्चे गोवा का इतिहास आसानी से समझ सकें इसके लिए कई तरह की कहानियों का इस्तेमाल किया जाता है। वॉक की सबसे अच्छी बात ये है कि हर बार वॉक के लिए एक अलग रास्ता चुना जाता है। इससे बच्चों का रुझान बना रहता है। इस वॉक पर गवर्नर पैलेस, क्रिश्चियन आर्ट म्यूजियम, कासा डा मोइडा और आजाद मैदान जैसी जगहों को दिखाया जाता है।
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7. माटूंगा मार्केट फूड वॉक
मुंबई के बीच में स्थित माटूंगा में मुंबई का रंग-बिरंगा कल्चर दिखाई देता है। ये वो इलाका है जो मुंबई में रहने वाले कई समुदाय के लोगों का घर है। अगर आप मुंबई की अनेकता में एकता का नमूना देखना चाहते हैं तो आपको माटूंगा आना चाहिए। माटूंगा फूड वॉक आपको इस इलाके के बाजारों की गलियों में ले जाती है। इन गलियों में मिलने वाला खाना यहाँ रहने वाली तीन टुकड़ियों से जुड़ा हुआ है जिसमें तमिल ब्राह्मण, गुजराती और जैन धर्म को मानने वाले लोग शामिल हैं। इन तीनों समुदाओं का खाना वेजेटेरियन होता है लेकिन खाना बनाने के सबके अपने अलग तरीके हैं। इस टूर की शुरुआत कन्निका परमेश्वरी मंदिर से होती है जहाँ आप हिन्दू और बौद्ध धर्म के इतिहास के बारे में जान सकते हैं। इसके सब आपको बाजार में आना चाहिए। बाजार में आपको यहाँ के लोकल फल, सब्जियों और मसालों के बारे में बताया जाता है। माटूंगा में मिलने वाले खाने की एक और खास बात है। यहाँ के खाने में इन तीनों समुदाय का बढ़िया तालमेल दिखाई देता है। आप यहाँ नई डिशें जैसे खाखरा डोसा, जैन मूज और चॉकलेट बर्फी का स्वाद भी ले सकते हैं।
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अगर आप चेन्नई को पत्रकारिता के नजरिए से देखना चाहते हैं तो आपको इस वॉक पर आना चाहिए। वॉक में आप अपने साथ पेन, डायरी और कैमरा भी ला सकते हैं। वॉक में शामिल हुए सभी लोग हर थोड़ी दूर पर रुककर इलाके के लोगों से बात चीत करते हैं। वॉक का हर व्यक्ति चेन्नई की रोजमर्रा वाली जिंदगी से कुछ नए पहलू ढूंढने की कोशिश करता है। वॉक के खत्म होने के बाद हर इंसान को वॉक के दौरान जुटाई हुई जानकारी को जोड़कर एक लेख तैयार करना होता है। आप अपने मन के अनुसार निबंध या रिपोर्ट कुछ भी लिख सकते हैं। आप चाहें तो वॉक के दौरान देखी किसी खास घटना के बारे में भी लिख सकते हैं। सभी लोगों के लेख को बाद में कलेक्ट किया जाता है जिसे एक ऑनलाइन अखबार में पब्लिश किया जाता है।
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शिमला हर घुमक्कड़ के दिल में बसता है। शिमला में कुछ जगहें ऐसी हैं जहाँ हर टूरिस्ट जाता है। लेकिन इस वॉक पर आपको शिमला की फेमस जगहों पर नहीं ले जाया जाता है। बल्कि आपको शिमला के कब्रिस्तानों का टूर करवाया जाता है। शिमला में कुल 5 कब्रिस्तान हैं और इस वॉक पर आपको इनमें से 3 की सैर करवाई जाती है। कनलोग कब्रिस्तान शिमला का सबसे बड़ा कब्रिस्तान है जो घने पेड़ों से घिरा हुआ है। वॉक के रास्ते पर आप पुराने घरों को देख सकते हैं। इसके साथ आप कॉम्बरमेर ब्रिज भी देख सकते हैं। 1828 में बना ये ब्रिज शिमला का पहला ब्रिटिश लैंडमार्क है। ये वॉक उन लोगों के बीच लोकप्रिय है जिनका एक समय पर शिमला से पुराना नाता रहा है। वॉक की शुरुआत सुबह होती है और इसको पूरा करने में लगभग पूरा दिन लग जाता है।
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बेंगलुरु खासतौर से टीपू सुल्तान के लिए जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं टीपू सुल्तान की नगरी में विक्टोरियाई संस्कृति का भी बड़ा हिस्सा है? इस वॉक पर आप बेंगलुरु के इसी छुपे हुए विक्टोरियाई स्वाद से रूबरू होते हैं। अगर आप सोचते हैं कि आपको केवल मुंबई और कोलकाता में ही विक्टोरियाई कल्चर से जुड़ी चीजें मिल सकते हैं तो आपको इस वॉक पर जरूर आना चाहिए। बेंगलुरु अपने आइटी उद्योग के लिए जाना जाता है। ज्यादातर लोग बेंगलुरु आते ही सीधा मैसूर जाने का प्लान बना लेते हैं। लेकिन बेंगलुरु में भी ऐसी जगहें हैं जिन्हें आपको देख लेना चाहिए। इस वॉक पर आपको बेंगलुरु के इतिहास के बारे में बताया जाता है। ये शहर कैसे आज दिखाई दिन वाले अवतार तक पहुँचा उसके बारे में भी बताया जाता है। इस वॉक की खास बात इसका रोमांच है। इस वॉक को शुरू हुए लगभग 6 साल से ज्यादा का समय हो चुका है लेकिन वॉक पर गए लोगों ने आज तक इस टूर में दिखाई जाने वाली जगहों के बारे में नहीं बताया है। इसलिए आपको खुद इस टूर पर जाना होगा।
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