भारत में रहस्यमय कहानियों की कोई कमी नहीं हैं | इनमे से कई रहस्यों से तो हम बहुत सदियों से डरते आए हैं | कुछ दृश्य ऐसे दिखते हैं जो रोंगटे खड़े कर देते हैं तो कुछ अनसुलझे वाकये ऐसे हैं जिनका जवाब किसी के पास नही है | सही मायनों में हमारे देश में डरावने किस्से कहानियों की कोई कमी नही है | हालाँकि हमारे बड़े बूढ़ों ने हमेशा से हमें इन कहानियों से अंजान बनाए रखने का पूरा प्रयास किया है, फिर भी भारत में भूतिया पर्यटन यानी डार्क टूरिज़्म बहुत मशहूर हो रहा है |
आज जब सोशल मीडिया हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है, कई सैलानियों को ऐसी जगहें जाने में रोमांच का अनुभव होता है जहाँ का इतिहास खौफनाक रहा हो | भानगढ़ के किले या कुर्सिओंग की घाटी जाने वाले सैलानियों की तादात हर साल बढ़ रही है | लेकिन अभी भी देश में ब्रिटिश काल के बने कुछ ऐसे गिरिजाघर हैं जिनके रहस्य से ज़्यादातर लोग अंजान हैं | तो लीजिए हम आपके लिए ले कर आए हैं भारत के कुछ सबसे भूतिया गिरिजाघरों की सूची...
थ्री किंग्स चर्च
कहाँ है: गोवा
कहानी : कहते हैं गोवा के राज्य पर क़ब्ज़ा करने के लिए बहुत साल तक तीन राजाओं की लड़ाई चली थी | एक राजा ने बाकी के दो राजाओं को इस गिरिजाघर में दावत पर बुलाया था मगर उसने धोखे से उन दोनों की ज़हर खिला कर हत्या कर दी | जब स्थानीय लोगों को इस धोखे का पता चला तो वे उन दोनों की हत्या का बदला लेने के लिए गिरिजाघर पहुँच गये | कहा जाता है कि ये देख कर तीसरे राजा ने भी ज़हर खा कर आत्महत्या कर ली | तीनों राजाओं को एक साथ इसी गिरिजाघर में दफ़नाया गया था| सुनने में आता है कि स्थानीय लोगों को आज भी तीनों राजाओं के प्रेत दिखते हैं | भारत की कुछ सबसे भूतिया जगहों में शुमार इस गिरिजाघर में सैलानी जाना इसलिए पसंद करते हैं ताकि वे किसी तरह तीनों राजाओं के प्रेतों को खुद अपनी आँखों से देख सकें | स्थानीय लोग सूर्यास्त के बाद इस गिरिजाघर से दूर रहने की सलाह देते हैं लेकिन इतने सालों में कोई ऐसी घटना सामने नही आई जिसमे भूतों द्वारा किसी को कोई नुकसान पहुँचाया गया हो |
रॉस द्वीप
कहाँ है : अंडमान
कहानी : धरती के गरम हिस्से में स्थित अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 572 द्वीपों में से 38 द्वीपों पर मानव बस्तियाँ है | इन द्वीपों में से ही एक हिस्से पर स्थित है मशहूर रॉस द्वीप जो पुराने समय में ब्रिटिश साम्राज्य का मुख्यालय हुआ करता था | हिंद महासागर के मध्य में स्थित इसे भूतिया द्वीप भी कहा जाता है | 19वी शताब्दी में ब्रिटिश द्वारा इस द्वीप को अपना मुख्यालय बनाए जाने का प्रमुख कारण था यहाँ का छुपा हुआ परिवेश और प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता | प्रेस्बिटेरियन गिरिजाघर, शानदार बाग बगीचे, टीक की लकड़ी के फर्श और अन्य संपदाओं से भरपूर इस द्वीप पर रहना किसी ज़माने में लोगों का सपना हुआ करता था | भारत को आज़ादी मिलने के बाद इस द्वीप को भी अचानक बंजर छोड़ दिया गया | इस द्वीप में अब खंडहरों, घने जंगलों और जंगली जानवरों के अलावा और कुछ नही है और ये चीज़ ही इसे डरावना पुट देती है |
सेंट जॉन बैपटिस्ट चर्च
कहाँ है : मुंबई
कहानी : बैपटिस्ट चर्च खंडहर की स्थिति में तब से है जब से पुर्तगाली इस जगह को बंजर छोड़ कर गये हैं | ये गिरिजाघर करीब 500 साल से भी ज़्यादा पुराना है | कई लोगों ने इस गिरिजाघर में एक युवा दुल्हन का भूत देखा है जो यहाँ आने जाने वालों को डराती है | सन 1977 में यहाँ से इस भूत को भगाने का एक अनुष्ठान करवाया गया था जिसके दौरान बताया जाता है कि लोगों ने एक ज़ोर की चीख सुनी और पास के कुवें में किसी के कूदने की आवाज़ आई | हालाँकि इस भूत की प्रष्ठभूमि की कहानी कोई नहीं जानता और अनुष्ठान के बाद यहाँ भूत देखा भी नहीं गया लेकिन फिर भी इस गिरिजाघर में जाने की हिम्मत ज़्यादा लोग नहीं कर पाते |
बैंडेल चर्च
कहाँ है : कोलकाता
कहानी : भूत पिशाच से जुड़ी हुई कई कहानियाँ कोलकाता में इतनी प्रचलित हैं क़ि भूतिया पर्यटन के अंतर्गत यहाँ सैलानियों को शहर के ख़ास भूतिया दौरे पर ले कर जाया जाता है | शहर में सैंट पौल चर्च जैसे कई मशहूर गिरिजाघर हैं और इनसे जुड़ी कई कहानियाँ ऐसी भी हैं जो सदियों से चली आ रही है | 15वी शताब्दी में इस शहर में वास्को दी गामा के नेतृत्व में पुर्तगाली आने लगे और उन्होने इस शहर को अपना मुख्यालय बना लिया | और इसी के साथ भारत के पूर्व में ईसाई धर्म का आगमन भी शुरू हो गया | मगर 17वी शताब्दी में भारत के पश्चिमी इलाक़ों से आए म्य्हेल घुसपैठियों ने पुर्तगालियों पर आक्रमण कर दिया | येगिरिजाघर अब खंडहर की शक्ल ले चुका है और यहाँ सदियों से असाधारण हरकतें महसूस की जा रही हैं |
डेमोंटे कॉलोनी
कहाँ है : कोवलम
कहानी : क्या आप का किसी फिल्म के सेट का हिस्सा बनने का मन हुआ है ? कोवलम के इस हिस्से का अतीत इतना दिलचस्प रहा है कि ये एक तमिल फिल्म "डेमोंटे कॉलोनी" की प्रेरणा रह चुका है | यहाँ की कहानी जॉन डी मोंटे नामक एक सफल पुर्तगाली व्यवसायी के इर्द गिर्द घूमती है जो यहाँ अपनी पत्नी के साथ रहता था और उसका एक बेटा जर्मनी में रहता था। इस पुर्तगाली व्यावसायी ने अपने सप्ताहांत मकान में रहते हुए ही लोकप्रिय लेडी ऑफ माउंट कारमेल चर्च का निर्माण किया था | लेकिन जल्द ही इस पुर्तगाली पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा | जर्मनी से भारत वापस लौटते हुए उसके बेटे की मौत हो गयी जो मात्र 22 वर्ष का था | उसकी पत्नी का स्वास्थ्य भी खराब रहने लगा | इन मुसीबतों के बोझ तले दब कर ये सफ़र पुर्तगाली देखते ही देखते एक दुखी बूढ़े आदमी में तब्दील हो गया | अपने जीवन के अंत में इस बूढ़े पुर्तगाली ने अपनी जायदाद का सारा हिस्सा स्थानीय सरकार के नाम कर दिया | मगर जल्द ही इस इलाक़े के आस पास रहने वाले लोगों ने ये जगह खाली कर दी | कारण था यहाँ होने वाली अजीबोगरीब घटनायें और भूतिया अनुभव | इस जगह के बारे में सबसे ख़ास बात यह है कि ये शहर के बीचों बीच स्थित है और हाल ही फिल्म के चलते मीडिया ने इस जगह को और भी मशहूर बना दिया है |
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