मध्यप्रदेश, भारत का सबसे बड़ा पठारी राज्य है जो इसे सबसे अलग बनाता है। यहां किले, मंदिर, ऐतिहासिक जगह, टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क और झरने भी हैं जो सबको लुभाते है। मानसून सीजन में एमपी के पहाड़ हरी चादर ओढ़कर और भी शानदार हो जाते हैं। मानसून के सात रंगों से सजा ये राज्य आपको रोमांच से भर देगा। एमपी की ये 6 जगह जो आपको कभी न भूलने वाला रोमांच देंगी।
भोपाल, मध्यप्रदेश की राजधानी है। भारत के सबसे ज्यादा ग्रीनरी वाले शहरों में से एक। मानसून राजा भोज की नगरी को और भी शानदार बना देता है। भोपाल को तालों या झीलों का शहर भी कहते हैं। श्यामला और अरेरा हिल्स पर बसा ये शहर मानसून में आपको एक अलग अनुभव देता है। मानसून में बड़ा तालाब किसी समुद्र की तरह लगता है। बड़ा तालाब के किनारे बनी वीआईपी रोड पर सैर करने का अपना ही मजा है। मनुभावन टेकरी से शहर को निहारने पर लगता बस यूं ही निहारते रहें। इसके अलावा इंदिरा गांधी म्यूजियम, ट्राइबल म्यूजियम, ताज-उल मस्जिद, सैर-सपाटा, शौर्य स्मारक की सैर भी कर सकते हैं।
कैसे पहुंचे - भोपाल, भारत के बड़े शहरों से एयर और ट्रेन दोनों से बहुत अच्छी तरह कनेक्ट है।
एमपी के उत्तर-पूर्व में स्थित इस शहर को झरने का शहर कहा जाता है। यहां ढेर सारे झरने हैं जो मानसून के सीजन में शानदार दिखाई देते हैं। केवटी, बहुटी, चचाई और पूर्वा जैसे वॉटरफॉल्स हैं। बहुटी वॉटरफॉल्स भारत के सबसे ऊंचे वॉटरफॉल्स में से एक है जिसकी ऊंचाई 198 मीटर है। शानदार वॉटरफॉल्स के अलावा रीवा सफेद बाघ का घर है। इसी कारण से लैंड ऑफ व्हाइट टाइगर कहते हैं। मुकंदपुर टाइगर सफारी सफेद बाघों के लिए। रीवा में इसके अलावा रीवा रियासत की शानदार इमारतें और म्यूजियम भी है। आम के शौकीन लोगों के लिए गोविंदगढ़ का दशहरी और सुंदरजा आम स्वाद में बेमिसाल है।
कैसे पहुंचे - रीवा, दिल्ली और देश के बड़े शहरों से रेल नेटवर्क से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
एमपी के अशोकनगर जिले में स्थित चंदेरी ऐतिहासिक इमारतों के लिए जाना जाता है। मानसून के सीजन में ये शहर और भी शानदार नजर आने लगता है। बावड़ियों और महलों वाला ये शहर मानसून में खिल उठता है। पहाड़ी पर स्थित चंदेरी दुर्ग से शहर हरे रंग में रंगा नजर आता है। जहां तक नजर जाती वहां तक हरियाली ही नजर आती है। चंदेरी अपने चंदेरी दुर्ग, बादल महल, सतखंडा महल, रानी महल, कोशुक महल, खंडारगिरि के लिए जाना जाता है। यहां म्यूजियम भी है। हैंडलूम से प्यार करने वाले लोगों के लिए चंदेरी परफेक्ट है। यहां की साड़ी बहुत फेमस है जिसे चंदेरी की साड़ी के नाम से जाना जाता है। यहां कई फिल्मों की शूटिंग भी हुई है जिसमें स्त्री और सुई धागा जैसी फिल्में भी हैं।
कैसे पहुंचे - चंदेरी के पास अशोकनगर रेलवे स्टेशन है जहां से देश के बड़े शहरों के लिए ट्रेन मिल जाती है।
एमपी के मालवा के पठार पर स्थित मांडू अपने महलों के लिए जाना जाता है। मुगलों ने इसे अपनी गर्मियों की राजधानी बनाई थी जिसे वे शादियाबाद कहते थे। मुगल यहां गर्मियों में आराम करने और युद्ध की थकान को मिटाने आते थे इसी कारण इसे सिटी ऑफ जॉय भी कहा जाता है। मानसून में मांडू अपने पूरे जोर-शोर पर होता है। बारिश के मौसम में तो यहां की इमारतें बातें करने लगती हैं। जहाज महल का आकार तो जहाज की तरह है। हिंडोला महल झूला की तरह बनाया गया है। इसके अलावा यहां होशंगशाह का मकबरा, दाई का महल, अशर्फी महल, रानी रूपमती पैवेलियन, बाज बहादुर महल हैं।
कैसे पहुंचे - मांडू से 76 किमी दूर इंदौर है जो देश के बड़े शहरों से रेल और हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है।
छिंदवाड़ा जिले में स्थित तामिया बेहद शानदार जगह है। सतपुड़ा के पहाड़ पर स्थित तामिया आकर्षक जगह है। यहां से सतपुड़ा की लंबी चौड़ी पर्वतमाला, घने जंगल, बादलों को छूते पर्वत के शिखर रोमांच देने वाले होते हैं। यहां मानसून में तुलतुला पहाड़ को निहारना रोमांच से भर देता है। इसके अलावा यहां अन्होनी कुंड, वल्चर प्वाइंट, सतधारा जैसे टूरिस्ट प्वॉइंट हैं। तामिया के पास पातालकोट है जहां भारिया जनजाति रहती है। ये जगह चारों से पहाड़ों से घिरी है और बीच में पातालकोट नाम का गांव है।
कैसेे पहुंचे - इटारसी बड़ा रेलवे जंक्शन है जो तामिया से मात्र 142 किमी दूर स्थित है यहां से देश के बड़े शहरों के लिए ट्रेन आसानी से मिल जाती है।
मैकल पर्वत की सबसे ऊंची चोटी अमरकंटक। बेहद ही शानदार जगह है। यहां मंदिर, झरने और तीन-तीन नदियों का उद्गम स्थल है। आसमान छूते पेड़ और जरा सी बारिश भी यहां ठंड अहसास करा देती है। समुद्र तल से 1048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरकंटक नर्मदा, सोन और जोहिला सोन नदी का उद्गम स्थल है। मानसून के समय ये जगह स्वर्ग से कम नहीं लगती है। दूधधारा और कपिलधारा जैसे वॉटरफॉल्स हैं जो मानसून सीजन में रोमांचित करते हैं। इसके अलावा यहां कल्चुरी मंदिर समूह, सोन मुंग, माई की बगिया, कबीर चौरा, भृगु कमंडल, दुर्गा धारा जैसी जगह हैं।
कैसे पहुंचे - अमरकंटक से नजदीकी रेलवे स्टेशन अनूपपुर है जो कटनी-बिलासपुर रेल रूट पर स्थित है। यहां से देश के छोटे-बड़े शहरों के लिए ट्रेन आसानी से मिल जाती है।
ये शहर एमपी के बारे में केवल एक ही बात कहते हैं, एमपी अजब है, एमपी गजब है।