मैंने बहुत सुना है कि गोआ में ऐसी काफी चीज़ें हैं जो सामान्य आँखों को दिखती नहीं पर मैं कभी यह अनुभव नहीं कर पाया। पिछली गोआ यात्रा के दौरान मैंने तय किया इसका पता लगाने का और निकल पड़ा अपनी जासूसी टोपी पहन कर यह देखने के लिए कि गोआ में बीच और सस्ती अंग्रेजी शराब के अलावा है क्या। स्थानीय लोगों से बात करने के बाद काफ़ी कुछ मालूम पड़ा जो मज़े करने आए पर्यटकों को दिखता भी नहीं और उनसे छुपाया भी जाता है।
आईये जानते हैं कुछ ऐसे ही घोटालों के बारे में जो आप को गोआ में कोई नहीं बताएगा:
1. पब्लिक ट्रांसपोर्ट का एकाधिकार (मोनोपली)
चाहे आप गोआ बस से आएं या ट्रेन से या फ्लाइट से, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का घोटाला तो कदम रखते ही चुभता है। मुझे मडगांव स्टेशन पर उतरकर, वहां से पब्लिक ट्रांसपोर्ट लेकर पालोलेम की तरफ जाना था जहाँ मेरा होटल बुक था। जिनको जानकारी नहीं गोआ के बारे में, यह 35 किलोमीटर की दूरी है जिसके लिए दिल्ली में 500-600 रुपये में उबर, ओला मिल जाती है।
जैसे ही मैं मडगांव पर उतरा, 'गवर्नमेंट एप्रूव्ड प्रीपेड टैक्सी' वाला 1200 की पर्ची काटने के लिये तैयार था जो मेरी कैलकुलेशन से दो गुना ज़्यादा थी। अगला ऑप्शन था ऑटो जो आपको लग रहा होगा कि सस्ता होगा। पर गोआ आपको सरप्राइज करेगा, 800 रु मांगे ऑटो वाले ने। 22रु किलोमीटर के हिसाब से मैं ड्राइवर के साथ लक्ज़री गाड़ी लेकर घूम सकता हूँ मुम्बई, दिल्ली में।
ऐसा क्यों होता है?
सिम्पल सी कहानी है डिमांड और सप्लाई की। इसको अपने फायदे के लिए बढ़िया तरीके से तोड़ा मरोड़ा गया है। मार्केट में ओला, उबर की जगह तो है पर गोआ के प्राइवेट टैक्सी वाले किसी को घुसने ही नहीं देते। 'गवर्नमेंट एप्रूव्ड' के नाम पर सब कंट्रोल करके रखा हुआ है और पिस्ते बिचारे पर्यटक हैं।
कैसे निपटें?
थोड़ा हल्का पैक कीजिये और बस का सफर चुनिए जो सबसे सस्ता साधन है गोआ घूमने का। दूसरा नज़र रखिये बाकी पर्यटकों पर जिनके साथ आप टैक्सी शेयर कर सकते हैं।
2. नियंत्रित कैश का बहाव (कैश फ्लो)
एक और प्रॉब्लम जो गोआ में है वो है कैश। ATM बहुत ही कम हैं, खासकर कि साउथ गोआ में। स्थानीय लोग कार्ड से पेमेंट लेना पसंद नहीं करते। जो ATM बचे हैं, या तो वहाँ कैश नहीं होता या लम्बी लाइन लगी होती है।
ऐसा क्यों होता है?
ATM ढूंढते हुए जब एक ऑटो वाले से बात हुई तो उसने कहा कि ऐसा नहीं है कि बैंक यहां ATM खोलना नहीं चाहते पर यहां के लोग ही खुलने नहीं देते।'कैश एक्सचेंज पॉइंटस' बने हुए है हर जगह जहाँ पर टिकट बुक वगैरह करने का भी बिज़नेस चलता है। यह लोग कैश पर 3 से 5 प्रतिशत का कमीशन कमाते हैं। और यह सब भी सिर्फ फॉरेनर्स के लिए, हम लोगों के नसीब मैं तो ATM ढूंढना ही लिखा है।
कैसे निपटें?
अपनी यात्रा का अंदाज़ा लगाकर चलिए और उस हिसाब से हमेशा अपने पास कैश रखिए।
3. पेट्रोल माफिया
कैश की तरह पेट्रोल, डीज़ल की दिक्कत तो नहीं है पर डिस्ट्रीब्यूशन का नेटवर्क ऐसा है कि प्रॉब्लम आती है। सबसे ज़्यादा पर्यटक यहां आते हैं पूरे भारत में पर सिर्फ 110 काम करते हुए पैट्रॉल पंप हैं जिसमें से ज़्यादा नार्थ और सेंट्रल गोआ में है।
ऐसा क्यों होता है?
पटनम के एक वेटर ने एकदम सही बताया कि लोग यहां महनत वाला काम नहीं करना चाहते। घर से प्लास्टिक बोतल में पेट्रोल बेचना भी एक ऐसा ही काम है जिसके लिए लाइसेंस की ज़रूरत भी नहीं। 65 रु लीटर को आराम से 70-75 रु लीटर बेचते हैं।
कैसे निपटें?
अपने ट्रिप को बहतर प्लेन कीजिए और एक ही बारी में हिसाब से थोड़ा ज़्यादा पेट्रोल भरवाएं अपनी गाड़ी या स्कूटी में।
तो बस यही है। अपने आंख और कान खुले रखें और सतर्क रहिये हमेशा। और जो आपको लूटना चाहते हैं उनसे बच कर रहिए क्योंकि वो तो होगा ही। हैप्पी ट्रेवल्स।
ऐसे और किसी प्रॉब्लम के बारे में जानते हैं जो गोआ में होती है, नीचे कमैंट्स में लिखए और अपने दोस्तों से इसको शेयर कीजिए।
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