घने जंगल, कल-कल बहते झरने और कॉफी और मसाले के बागानों के बीच बैठे आप, ऐसा ही नज़ारा है कूर्ग का। कूर्ग एक ऐसी जगह है जहाँ चारों तरफ कॉफी और मसालों की खूशबू तैरती है और हरियाली भरा दिलकश नज़ारा आपको हर वक्त घेरे रहता है।
कूर्ग को स्कॉटलैंड ऑफ इंडिया कहा जाता है, और ये खिताब इसे अच्छी तरह सूट भी करता है। आप जहाँ नज़र घुमाएँ, वहाँ आपको ऐसी खूबसूरती दिखती है कि आपका दिल यहीं का होकर रह जाता है। ऐसा ही कुछ जादू यहाँ के होम स्टे में भी है, जहाँ ठहरकर आपको कूर्ग से प्यार हो जाएगा।
कूर्ग के बेस्ट कॉफी बागान और होमस्टे
चाहे आप मेरी तरह कॉफी पीने के शौकीन हों या नहीं, यहाँ कॉफी बागान की यात्रा एक ऐसा अनुभव है जो आपको अपने जीवन में एक बार ज़रूर करना चाहिए। कॉफ़ी प्लांटेशन के अलावा, कूर्ग में बढ़िया होमस्टे की कोई कमी नहीं है जो कई कॉफी प्लांटेशन टूर भी देते हैं। ये टूर ना केवल कॉफी के बागान घूमने का एक शानदार तरीका है, बल्कि इसके ज़रिए कॉफी की खेती के बारे में सीखने को भी मिलता हैं।
कहाँ ठहरें
प्लांटेशन ट्रेल्स, TATA कॉफी का एक हॉस्पिटैलिटी ब्रांड है जिसके कूर्ग और चिकमंगलूर में कुल 7 बंगले हैं। यहाँ रहना बिते वक्त की सुंदर यादों को जीने जैसा है।
कभी अंग्रेजों के बनवाए इन बंगलों को टाटा कॉफी लिमिटेड ने संभाला और अब सभी यात्रियों के लिए खोल दिया है। एक बार जब आप यहाँ ठहरेंगे तो शायद वापस जाने का मन ना बना पाएँ। लग्ज़री की गोद में बसे ये बंगले अनोखे और विशाल हैं।। साथ ही, यहाँ के कमरे लकड़ी के फर्श और प्राचीन फर्नीचर से सजे हुए हैं। आपकी सेवा यहाँ किसी राजा की तरह ही होगी, जिसमें एक इन-हाउस शेफ, एक बटलर और हाउसकीपिंग स्टाफ आपकी सारी ज़रूरतों का ख्याल रखेंगे
यहाँ क्या करें?
TATA कॉफी बागान कई दिलचस्प ऑन साइट और ऑफ-साइट एक्टिविटी करने का मौका देता है।
होटल के आस -पास
बीन टू कप टूर
सबसे दिलचस्प और मज़ेदार ऑन-साइट एक्टिविटी है कॉफी बागान का टूर। 'बीन टू कप' टूर का मकसद आपको कॉफी के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी देना है। आप कॉफी रोपण, खेती और कटाई की कला सीख सकते हैं। कॉफी के अलावा ये प्लांटेशन वेनिला, इलायची और काली मिर्च भी उगाते हैं। यहाँ चारों तरफ, हवा खुशबू से भर जाती है और यह एक ऐसा अनुभव है जिसे आप कभी भुला नहीं सकते।
कुदरत के बीच सैर
बंगलों के चारों ओर सुंदर प्राकृतिक रास्ते हैं। सुबह जल्दी उठें और अपने आस-पास के शांत और सुंदर माहौल में खो जाएँ। ये रास्ते आपको तरोताज़ा तो करते ही हैं साथ ही आपको कुदरत के और करीब भी ले आते हैं।
पंछियों से बातचीत
कूर्ग यहाँ रहने वाली 300 से अधिक प्रजातियों के पक्षियों का घर है। यह जगह सभी प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। आप हिल मैना, इंडियन ग्रे हॉर्नबिल, या दुर्लभ प्रजातियों जैसे व्हाइट-बेलीड ब्लू फ्लाईकैचर देख सकते हैं। TATA कॉफ़ी प्लांटेशन ट्रेल्स में सही ठिकानों पर ले जाकर क्षेत्र के पक्षियों की जानकारी दी जाती है।
गोल्फ, बॉनफायर और फोटोग्राफी
प्लांटेशन ट्रेल्स प्रॉपर्टी में 9-होल गोल्फ कोर्स है, जो निवासी मेहमानों के मनोरंजन के लिए बने हैं। आपकी सर्द शामों में गर्मजोशी भरने के लिए यहाँ पर बॉनफायर का भी इंतज़ाम है।
कूर्ग के खूबसूरत नज़ारे तो जैसे फोटोगाफरों के लिए अच्छे मौकों की खदान हैं। चाहे आप एक शौकिया फोटोग्रफर हों या पेशेवर, यहाँ आप दिल खोल कर तस्वीरें खीच सकते हैं
बंगलों से कुछ दूरी पर घूमने की जगहें
नागरहोल नेशनल पार्क
यह पार्क कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच स्थित है और नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व का एक हिस्सा है। यह एक टाइगर रिज़र्व भी है। लेकिन इस पार्क में सिर्फ बाघ ही नहीं हैं, यहाँ एशियाई हाथियों, लंगूरों, चीते, हिरणों, नीलगायों और पक्षियों की एक विशाल विविधता भी मौजूद है। यह बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान का एक बढ़िया विकल्प है क्योंकि यहाँ कम पर्यटक आते हैं। इस राष्ट्रीय उद्यान का सफर कूर्ग में एक शानदार सुबह बिताने का बढ़िया तरीका है।
दुबारे एलिफेंट कैंप
यह स्थान सभी हाथी प्रेमियों के लिए एक बढ़िया जगह है। यहाँ, आप न केवल इस विशालकाय जानवर को करीब से देख सकते हैं, बल्कि उनके साथ वक्त भी बिता सकते हैं। मेहमान यहाँ हाथियों को नहलाने और उनके शरीर पर तेल लगाने जैसे मज़ेदार काम कर सकते हैं। आप उन्हें खाना भी खिला सकते हैं और बाद में हाथी के ऊपर 15 मिनट की सवारी का आनंद ले सकते हैं।
नामद्रोलिंग मठ
अगर आप कूर्ग और ऊटी पैकेज बुक करने की योजना बना रहे हैं, तो चंदन के जंगलों के बीच स्थित, नामद्रोलिंग मठ को यात्रा में ज़रूर शामिल करें। लगभग 5,000 भिक्षुओं और ननों का घर, यह मठ बौद्धिक शिक्षा पाने के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। मठ में एक प्रार्थना सत्र का हिस्सा भी ज़रूर बनें। आप चांदी के आभूषण और अन्य बौद्ध स्मारकों की भी खरीदारी कर सकते हैं।
इरुप्पु झरना
ये कल-कल बहता झरना कूर्ग का एक खज़ाना है। सुरम्य दृश्य और हरियाली के बीच बसा ये वॉटरफॉल फोटोग्राफी के लिए भी एक बढ़िया जगह है। जहाँ मशहूर एब्बे फॉल्स 70 फीट की ऊँचाई से गिरता है, वहीं इरुप्पु फॉल्स 170 फीट की ऊँचाई से नीचे गिरता है। मॉनसून हो या नहीं, यहाँ का नज़ारा हमेशा ही होश उड़ा देने वाला होता है।
कैसे पहुँचें
निकटतम हवाई अड्डा: बैंगलोर (280 कि.मी.), मैंगलोर (211 कि.मी.) और मैसूर (120 कि.मी.)
निकटतम रेलवे स्टेशन: मैसूरु जंक्शन (90 कि.मी.)
आप बैंगलोर से राज्यरानी एक्सप्रेस ले सकते हैं, जो आपको 3 घंटे में मैसूर पहुँचाएगी, और फिर मैसूर से कूर्ग तक बस या टैक्सी ले लें।
KSRTC (कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम) बैंगलोर, मैसूर और मैंगलोर जैसे शहरों से नियमित आधार पर कूर्ग के लिए बसे चलाती है।
तो आप भी कूर्ग और यहाँ के कॉफी के बागानों का प्लान ज़िंदगी में एक बार तो ज़रूर बनाएँ। लेकिन जब तक सब ठीक नहीं हो जाता, घर पर रहें, सुरक्षित रहें!
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