आमतौर पर हर व्यक्ति जीवन के शुरूआती दिनों में पढ़ाई-लिखाई के बाद नौकरी में बिजी हो जाता है। आप भी 40 साल की उम्र तक जॉब और पारिवारिक दायित्वों को पूरा करने में लगे रहते हैं। हर चीज में बचत के बारे में सोचते रहते हैं। नौकरी, परिवार फिर बच्चों के लिए अपनी शौक और इच्छाओं को मार देते हैं। लेकिन 40 के बाद आपका जीवन आपका अपना जीवन होता है। चालीस के बाद आपको पता चल जाता है कि आपकी जिंदगी में किन चीजों की अहमियत है और किन गैरजरूरी चीजों को जिंदगी से निकाल देना है। उन चीजों पर समय की बर्बादी क्यों, जो आपको कुछ नहीं देतीं। ऐसे में आप कई चिंताओं से मुक्त होकर निकल पड़ते हैं दुनिया घूमने और जानने-समझने...
40 की उम्र के बाद सफर के 15 ऐसे फायदे हैं जो कम उम्र के लोग ना जानते ना समझते हैं। आइए जानते हैं उन फायदों के बारे में-
1. सफर की आजादी
40 के बाद आपको सफर करने की आजादी होती है। आप अपने हिसाब से यह तय कर पाते हैं कि आपको कहां जाना है, कैसे जाना है, कहां ठहरना है और कहां-कहां घूमना है। आपको अपनी यात्रा की योजना बनाने में आसानी होती है। आप जरूरत पड़ने पर रास्ते में भी अपनी यात्रा में बदलाव कर पाते हैं। लेकिन 40 से कम उम्र के लोगों के साथ यह नहीं हो पाता। उन्हें कई चीजों के साथ समझौते करने पड़ते हैं।
2. बजट-खर्च की चिंता नहीं करते
40 की उम्र तक आप कई दायित्वों से मुक्त हो चुके होते हैं। इससे पहले तक दायित्वों के निर्वाह के साथ आप इतना बचत कर लेते हैं कि आपको खर्च की चिंता नहीं होती। आप मन लायक जगह की यात्रा कर पाते हैं और मन लायक जगहों पर ठहर पाते हैं। जहां मन हुआ वहां घूमने-फिरने के साथ महंगी जगहों पर खाने-पीने का आनंद ले पाते हैं। जबकि 40 से कम उम्र वालों को यात्रा के दौरान कई तरह की सेल्फ मेड पाबंदियों से गुजरना पड़ता है। आप घर-परिवार और अन्य दायित्वों के कारण कई बार चाहकर भी बजट कम होने के कारण महंगे होटल में ठहर नहीं पाते या महंगे रेस्त्रां में खा-पी नहीं पाते। आपको पैसे-पैसे का हिसाब देखना होता है। आर्थिक बोझ के चक्कर में आप जीवन का आनंद नहीं ले पाते।
3. कोई जल्दबाजी नहीं होती
40 के बाद आपके पास समय ही समय होता है। अगर जॉब में भी होते हैं तो उस मुकाम तक पहुंच चुके होते हैं, जहां आपके पास काफी छुट्टियां बची होती है और छुट्टी लेने को कोई दिक्कत नहीं होती। आप आराम से छुट्टी पर निकल पाते हैं। आपको कोई जल्दबाजी नहीं होती। अगर किसी स्थान पर और दिन ठहरने का मन करता है तो आप वहां आसानी से ठहर पाते हैं, जो कम उम्र के लोगों के साथ संभव नहीं होता है। वे समय से बंधे होते हैं।
4. वीकडे पर यात्रा करने का आनंद
40 की उम्र के बाद सबसे बड़ा फायदा वीकडे पर घूमने का है। मंडे से फ्राइडे के बीच जब आम लोग ऑफिस की तरफ भागते हैं आप किसी शानदार लोकेशन पर दिलचस्प और रोमांचक घुमक्कड़ी का आनंद ले रहे होते हैं। 40 के बाद आप काम की जगह मानसिक शांति को ज्यादा तरजीह देते हैं। पहाड़ या किसी नेशनल पार्क के रिसॉर्ट में प्रकृति की खूूबसूरती को निहार रहे होते है। अगर जॉब में भी होते हैं, तो आपकी इतनी छुट्टियां बची होती है कि आप कभी भी आसानी से हफ्ते भर के लिए छुट्टी ले लेते हैं। काम के दिनों में भी पर्यटक स्थलों को घूमने निकल पड़ते हैं। वीकडे पर होटल और फ्लाइट टिकट भी सस्ते होते हैं। वीकडे पर सफर करने का फायदा यह होता है कि इस दौरान पर्यटक स्थलों पर ज्यादा भीड़-भाड़ नहीं मिलती। जबकि वीकेंड पर तो कई जगहों पर पैर रखने तक की जगह नहीं होती है। 40 से कम उम्र के लोग इसका आनंद नहीं ले पाते। उन्हें तो ज्यादातर वीकेंड पर ही घूमने का मौका मिलता है और वहां भी ऑफिस समय से पहुंचने की चिंता परेशान किए रहती है।
5. ऑफ सीजन छूट का फायदा
40 से कम उम्र के लोग ज्यादाकर छुट्टियों के समय ही घर से निकल पाते हैं। उस दौरान सभी पर्यटक स्थलों पर हॉट सीजन होने के कारण आने-जाने के टिकट से लेकर ठहरने वाले होटलों के दाम भी काफी ज्यादा होते हैं। पर्यटक स्थलों पर काफी भीड़ होने से आप ठीक से उस स्थान का मजा भी नहीं ले पाते। ठीक से प्राकृतिक खूबसूरती को निहार भी नहीं पाते। जबकि 40 से ज्यादा उम्र वाले ऑफ सीजन में उसी जगह की यात्रा कम खर्च में ज्यादा दिनों के लिए कर पाते हैं। ऑफ सीजन डिस्काउंट का फायदा लेकर एक-एक खूबसूरती का आनंद ले पाते हैं।
6. कोई रोक-टोक नहीं होती
40 के बाद की सफर में आप घर से बाहर भी रिलैक्स फील करते हैं। कोई रोक-टोक नहीं होती। आप अपनी मर्जी के मालिक होते हैं। छोटी-छोटी बातों पर आपको टोकने वाला कोई नहीं होता है। जब मन किया, निकल पड़ते हैं और आराम से सफर का आनंद लेते हैं। आप यह नहीं सोचते कि कब, कैसे और किस चीज से यात्रा करने है। जबकि कम उम्र वालों को घर परिवार और ऑफिस के हिसाब से अपना टूर प्लान करना होता है। उसमें फेरबदल करना होता है।
7. आर्थिक रूप से मजबूत होने के कारण ज्यादा सफर करते हैं
जब आप 40 के ऊपर में होते हैं तो बाहर अधिक समय बिता पाते हैं। इस उम्र में आर्थिक रूप से मजबूत होने के कारण आप ज्यादा जगहों के यात्रा कर पाते हैं। आप यात्रा के लिए पैसे की चिंता नहीं करते। सेल का इंतजार नहीं कर किसी भी सीजन में एक नई यात्रा पर निकल पड़ते हैं। अगर आपके गली-मोहल्ले से लोग यात्रा पर जा रहे होते हैं, तो उसमें आप भी शामिल हो पाते हैं। इतना ही नहीं हफ्ता-दस दिन के लिए पहाड़ी या जंगल में कैंप लगाकर प्रकृति का जी-भर आनंद भी ले पाते है।
8. पीछे छोड़ आगे की सोचते हैं
40 के बाद घुमक्कड़ी में आप कुछ दिनों के लिए सब कुछ भूल जाते हैं। आप अपनी सभी परेशानियों को पीछे छोड़ देते हैं। नौकरी और परिवार के कारण आप जिस यात्रा पर चाहकर भी नहीं जा पाते थे, वहां आप 40 के बाद आसानी से निकल जाते हैं। बस घूमने या कहीं जाने का मन किया और बैग पैक कर निकल पड़े किसी नए सफर के लिए। जबकि कम उम्र के लोगों को यात्रा के दौरान भी घर-ऑफिस की चिंता लगी रहती है।
9. लोग क्या कहेंगे नहीं सोचते
40 से कम उम्र के लोगों की सबसे बड़ी परेशानी यह भी होती है कि लोग क्या कहेंगे। वे यात्रा की योजना बनाते वक्त कई चीजों को ध्यान में रखते हैं। वे खुद से ज्यादा लोगों के कमेंट का ध्यान रखते हैं। ट्रेन से जा रहे हो या प्लेन से, ट्रेन से राजधानी से या शताब्दी से। किस होटल में बुक कराया है। स्वीमिंग पुल, स्पा है या नहीं। रूम में क्या-क्या सुविधा मौजूद है। लेकिन 40 से ज्यादा उम्र वाले इस सबसे दूर लोकल बस या स्लीपर से यात्रा कर घर्मशाला में ठहरने और ढाबा में खाने से भी नहीं हिचकते है। वे होमस्टे में कम खर्च पर रूक वहां के आम लोगों के बीच ज्यादा समय बिताते हैं।
10. मिलता है सम्मान
40 की उम्र के बाद यात्रा के दौरान आपको स्थानीय लोगों के बीच काफी सम्मान भी मिलता है। सफर के दौरान ट्रेन या बस में कई बार कम उम्र के लड़के खड़े होकर आपको बैठने के लिए सीट दे देते हैं। कई जगह लाइन में भी लोग आपको आगे जाने देते हैं। सफर के दौरान सभी आपका सम्मान करते हैं। यह ही नहीं जब लोगों को पता चलता है कि आप इतने जगह घूम चुके हैं तो वे आपका आदर तो करते ही हैं आपसे उन जगहों के बारे में जानना भी चाहते हैं। आज भी कई जगहों पर 40 से ज्यादा उम्र वालों को स्थानीय लोग उन्हें अपना मेहमान मान उनकी सुविधा का विशेष ख्याल रखते हैं। ये चीज 40 से कम उम्र वाले सोच भी नहीं सकते। कई जगह तो 40 से कम उम्र वालों को होमस्टे में रखते भी नहीं है।
11. स्थानीय संस्कृति-परंपरा को करीब से जान पाते हैं
40 से ऊपर का होने पर आप सफर के दौरान हर छोटी-बड़ी बातों पर ध्यान देते हैं। आपके अंदर उस स्थान के बारे में जानने-समझने की इच्छा बलबती है। आप वहां की स्थानीय सभ्यता-संस्कृति को जानने-समझने की कोशिश करते हैं। वहां की परंपरा, संस्कृति और इतिहास के बारे में बेहतर समझ बना पाते हैं। स्थानीय लोगों के साथ घुल-मिलकर उनके सुख-दुख के साथ उनके बारे में जान पाते हैं जो कम उम्र के लोगों में संभव नहीं है।
12. यात्रा आपको किस्सागोई बनाती है
40 के बाद की यात्रा में आप आराम से लोगों से मिलते जुलते हैं उनके सुख-दुख को जानते हैं। उनके कई मुद्दों पर चर्चा करते हैं। आप उन्हें अपने अनुभवों, अपनी यात्राओं, सभ्यता, संस्कृति और रहन सहन के बारे में बताते हैं। इससे आपके अंदर बातों को रोंमाचक ढंग से रखने की कला आ जाती है। आप अपनी यात्रा की रोमांचक बातों को और लोगों के सामने आकर्षक तरीके से रख पाते हैं। इससे आपने किस्सागोई की कला विकसित हो जाती है।
13. यात्रा आपके खाने की आदत बदल देती है
एक खास उम्र तक आप कहीं भी जाते हैं तो वहां भी पसंद लायक खाना खोजते हैं। दिल्ली से साउथ जाने पर भी हम पराठे, छोले भटूरे, पाव भाजी या थाली खोजते रहते हैं। बहुत आगे बढ़ते हैं तो डोसा-इडली तक पहुंचते हैं। लेकिन 40 की उम्र के बाद हम लोकल खानपान पर ज्यादा ध्यान देते हैं। उनके यहां बनने वाले स्थानीय व्यंजनों और पकवान का स्वाद लेना चाहते हैं। इससे हमारी खाने-पीने की आदत तो बदलती ही है। खानपान और स्वाद को लेकर हमारी समझ भी बढ़ती है। हम ये जान पाते हैं कि इलाके के हिसाब से किस जगह के लोग किस तरह के खानपान को तरजीह देते हैं। ये कम उम्र में संभव नहीं है।
14. 40 के बाद की यात्रा आपके नेटवर्क का विस्तार करती है
40 से पहले की यात्रा में जिस किसी भी जगह जाना होता था, वहां जाकर दर्शनीय स्थल देख और घूम-फिर कर आ जाता था, लेकिन अब पिछले 10-12 सालों में जहां भी जाता हूं लोगों से इस तरह से घूलता मिलता हूं कि एक अपनापन का संबंध स्थापित हो जाता है। वहां से आने के बाद भी उनसे संपर्क बना रहता है। सुख-दुख की बात होती रहती है। घर में कोई कार्यक्रम हो तो कई बार बुलावा भी आ जाता है। इस तरह 40 के बाद की यात्रा से आपका नेटवर्क काफी बढ़ जाता है। आमतौर पर कम उम्र के लोग इसका फायदा नहीं उठा पाते।
15. आपको एक्टिव और ऊर्जावान बनाती है यात्रा
यात्रा आपके शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाती है और आपके हृदय रोग के जोखिम को कम करती है। 40 के बाद घुमक्कड़ी करने से हर्ट अटैक की आशंका 32 प्रतिशत कम हो जाती है। यात्रा के दौरान प्रदूषण मुक्त प्राकृतिक स्थलों पर रहने और घूमके फिरने के कारण आप ज्यादा स्वस्थ रहते हैं। घूमने-फिरने से आपका तनाव कम होता है और आपके डिप्रेशन में जाने की संभावना कम हो जाती है। आप खुद को ज्यादा तंदुरुस्त और ऊर्जावान महसूस करते हैं। इसके साथ ही घुमक्कड़ी 40 से ज्यादा उम्र के लोगों को यात्रा एक्टिव बनाए रखती है। ये आपके आत्मविश्वास को बढ़ाती है। इस उम्र में घुमक्कड़ी है एक ऐसा चीज है जिसपर पैसा खर्च कर भी आप कई तरह से अमीर बन जाते है। आप शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और भावनात्मक रूप से अनुभवों के धनी बन जाते हैं।