भारत विविधताओं से भरा देश है। दुनिया में भारत इकलौता देश होगा जहां समुद्र, पहाड़, रेत और समुन्दर सब कुछ देखने को मिलेगा। यहाँ मौसम और बोली से लेकर भाषा और पहनावा अलग-अलग है। अलग परंपराओं वाले इस देश में घुमक्कड़ों के लिए इतना कुछ है कि सब कुछ घूमना नामुमकिन-सा है। भारत में कुछ जगहें तो ऐसी भी हैं जिनको देखकर लगेगा कि आप किसी एक अलग दुनिया में आ गए हों। इनमें से कुछ जगहें सैलानियों के बीच लोकप्रिय भी हैं। ऐसी शानदार जगहों को हर किसी को एक बार ज़रूर देखनी चाहिए। हम आपको भारत की कुछ ऐसी ही चुनिंदा जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं।
1- पुगा वैली
पुगा घाटी लद्दाख के चंगथांग में स्थित है। इस जगह को जियोथर्मल एनर्जी के लिए भी जाना जाता है। इस घाटी में बोरेक्स और सल्फ़र से निर्मित गर्म पानी के कुंड देखने को मिल जाएँगे। इस घाटी में नमक भी बहुत पाया जाता है। ये नमक आपको बर्फ़ की तरह लगेगा लेकिन असल में वो नमक होता है। आप पुगा घाटी में कर्जोक मोनेस्ट्री तो देख ही सकते हैं। इसके अलावा इस घाटी का मुख्य आकर्षण जियोथर्मल एनर्जी को भी देख सकते हैं। यहाँ आकर आपको विश्वास नहीं होगा कि ऐसी भी जगह हमारे देश में है।
2- सांभर लेक
राजस्थान अपनी मेहमान नवाज़ी के लिए जाना जाता है। यहाँ देखने को इतना कुछ है कि साल भर बड़ी संख्या में लोग इस जगह को देखने के लिए आते हैं। राजस्थान की राजधानी जयपुर से कुछ ही दूरी पर एक शानदार झील है जिसे सांभर लेक के नाम से जाना जाता है। 90 वर्ग मील में फैली इस झील में तीन नदियाँ गिरती हैं। सांभर लेक को नमक उत्पादन के लिए जाना जाता है। इस जगह को देखकर आपको लगेगा कि आप सफ़ेद रेत पर चल रहे हों। चारों तरफ़ आपको सफ़ेदी ही सफ़ेदी नज़र आएगी। शाम के समय यहाँ सूर्यास्त का नज़ारा बेहद सुंदर होता है। यक़ीन मानिए ये जगह आपकी कल्पना भी खूबसूरत है।
3- पैगोंग लेक
अगर लद्दाख की एक सिर्फ़ एक फ़ेमस जगह का नाम बताना हो तो सबसे पहला नाम पैगोंग त्सो का आएगा। लद्दाख में स्थित पैंगोंग लेक 14,000 फुट से ज़्यादा की ऊँचाई पर स्थित है। पैगोंग त्सो लेह से 55 किमी. की दूरी पर स्थित है। 135 किमी. लंबी यह झील 604 वर्ग किमी. में फैली हुई है। लद्दाखी भाषा में पैगोंग का अर्थ है समीपता और तिब्बती भाषा में त्सो का अर्थ है झील। थ्री इडियट मूवी के बाद यह लेक लोगों के बीच काफ़ी पॉपुलर हो गई है। हर कोई एक बार इस शानदार झील को देखने के लिए ज़रूर आना चाहता है।
4- जांस्कर घाटी
लद्दाख से लगभग 105 किमी. की दूरी पर स्थित जोखू घाटी सुंदरता के मामले में एक अलग ही जगह है। ये घाटी जन्नत का एहसास कराती है। बर्फ़ से ढँके पहाड़ और हरियाली से लदे जंगल इस जगह की सुंदरता में चार चाँद लगाते हैं। जांस्कर घाटी को स्थानीय भाषा में ज़हर या जंगस्कर के नाम से भी जाना जाता है। जांस्कर वैली समुद्र तल से 13,154 फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित है। 5000 वर्ग किमी. में फैली इस जांस्कर घाटी में आप ट्रेकिंग और रिवर रॉफ्टिंग भी कर सकते हैं। जो एक बार इस जगह पर घूमने के लिए जाता है, अपना दिल इस घाटी में छोड़ आता है।
5- जोखू वैली
भारत कई अद्भुत और बेहद सुंदर जगहों से भरा हुआ है। भारत के पूर्वोत्तर में एक ऐसी ही शानदार जगह है, जिसे जोखू घाटी के नाम से जाना जाता है। कई अलौकिक कथाओं के लिए फ़ेमस जोखू घाटी उन लोगों के लिए जन्नत है जिनको पहाड़ों से प्यार है। समुद्र तल से 2,000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित जोखू घाटी नागालैंड और मणिपुर के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित है। फूलों से भरी ये जगह बेहद खूबसूरत है। ये जगह देखने में किसी खूबसूरत पेंटिंग की तरह लगेगी जिस पर किसी ने सारे रंग बिखेर दिए हों। अगर आपको मौक़ा मिले तो पूर्वोत्तर की जोखू वैली को एक्सप्लोर करना ना भूलें।
6- त्सो कर लेक
पुगा वैली की तरह ही लद्दाख की त्सो कर लेक चांगथांग इलाक़े में स्थित है। लद्दाख की सबसे ऊँची झीलों में से एक त्सो कर खारे पानी की लेक है। त्सो कर लेक दो हिस्सों में बंटी हुई है, त्सो कर लेक और स्टारत्सपुक त्सो। 1800 हेक्टेयर में फैली त्सो कर लेक खारे पानी की झील है और 438 हेक्टेयर में फैली स्टारत्सपुक त्सो लेक में पानी मीठा होता है। दोनों झीलें आपस में जुड़ी हुई हैं। इस झील को रामसर साइट की सूची में शामिल किया गया है। काफ़ी ऊँचाई पर स्थित होने की वजह से कम ही लोग इस जगह पर जा पाते हैं। यहाँ आपको कई दुर्लभ और सुंदर नज़ारे देखने को मिलेंगे जो ज़िंदगी भर याद रहेंगे।
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