कुश कल्याण: उत्तराखंड की एक गुमनाम जगह, जहाँ मिलेगी सिर्फ सुंदरता ही सुंदरता

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Photo of कुश कल्याण: उत्तराखंड की एक गुमनाम जगह, जहाँ मिलेगी सिर्फ सुंदरता ही सुंदरता by Rishabh Dev

देवभूमि उत्तराखंड अपने सुरमयी वादियों के लिए जाना जाता है। चारों तरफ ऊँचे-ऊँचे और हरे-भरे पहाड़ हर किसी का मन मोह लेते हैं। उत्तराखंड की इस अपार सुंदरता में चार चांद लगाते हैं यहाँ के बुग्याल। बुग्याल पहाड़ों में घास के मैदान होते हैं। उत्तराखंड में मखमली चादर की तरह दिखने वाले कई सारे बुग्याल हैं लेकिन ज्यादातर के बारे में कम लोगों को ही पता है। उत्तराखंड में ऐसा ही एक बेहद खूबसूरत कुश कल्याण बुग्याल है।

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कुश कल्याण बुग्याल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। समुद्र तल से 13,500 फीट की ऊँचाई पर स्थित इस बुग्याल को बेलक-कुश कल्याण बुग्याल के नाम से भी जाना जाता है। मखमली हरी चादर की तरह दिखने वाला ये बुग्याल 25 किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में फैला हुआ है। कहा जाता है कि स्वर्गारोहण के समय पांडव इन्हीं बुग्यालों से होकर गुजरे थे। एक समय था जब यहाँ से चारधाम के तीर्थयात्री गुजरते थे लेकिन अच्छी सड़क और रास्ते बनने के बाद इस रास्ते से अब कम लोग ही जाना पसंद करते हैं।

कैसे पहुँचे?

कुश कल्याण बुग्याल तक पहुँचने के लिए एक लंबा ट्रेक करना पड़ता है। उत्तरकाशी जिले से इस बुग्याल के लिए पांच रास्ते हैं और एक रास्ता टिहरी के बूढ़ाकेदार से होकर जाता है। कुश कल्याण बुग्याल तक जाने का सबसे बढ़िया रास्ता मल्ला गाँव से माना जाता है। इस रूट के बारे में आपको आसानी से जानकारी मिल जाएगी।

देहरादून - मल्ला गाँव – गैरी - कुश कल्याण – लता/पिनसर गाँव – मल्ला गाँव

दिन 1: मल्ला गाँव पहुँचे

कुश कल्याण बुग्याल का ट्रेक मल्ला गाँव से शुरू होता है। आप सबसे पहले देहरादून पहुँचिए। दिल्ली से देहरादून के लिए आपको ट्रेन, बस और फ्लाइट आराम से मिल जाएँगी। देहरादून से उत्तरकाशी 143 किमी. की दूरी पर है। आपको देहरादून से उत्तरकाशी के लिए बस आराम से मिल जाएगी। उत्तरकाशी पहुँचने के बाद आपको मल्ला गाँव पहुँचना होगा। उत्तरकाशी से मल्ला 27 किमी. की दूरी पर है। मल्ला गाँव में रात रूकिए और अगले दिन से शानदार ट्रेक के लिए तैयार रहिए।

दिन 2: मल्ला से गैरी

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मल्ला गाँव के किनारे भागीरथी नदी बहती है। अगले दिन सुबह-सुबह उठिए और नाश्ता करने के बाद ट्रेक पर निकल पड़िए। मल्ला से गैरी 8 किमी. की दूरी पर है। मल्ला गाँव से ट्रेक करते हुए आगे बढ़ेंगे तो रास्ते में सिला गाँव मिलेगा। सिला गाँव समुद्र तल से 2,000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। घने जंगलों को पार करने के बाद आप गैरी कैंप पहुँचेंगे। पहले दिन का ट्रेक आसान तो होगा लेकिन थकावट तभी भी काफी होगी। यहाँ आपको बर्फ से ढंके पहाड़ दिखाई देंगे।

दिन 3: गैरी टू कुश कल्याण

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नाश्ता करने के बाद गैरी से कुश कल्याण के लिए चल पड़िए। गैरी कैंप से कुश कल्याण बुग्याल 10 किमी. की दूरी पर है। रास्ते में आपको जंगल, खूबसूरत घास के मैदान और छोटी-छोटी पानी की धाराएँ मिलेंगी। जब आप कुश कल्याण बुग्याल पहुँचेंगे तो नजारा देखकर इस ट्रेक की सारी थकावट भूल जाएँगे। आप इस पल को जीना चाहेंगे। ऐसे नजारे आपको रोज-रोज नहीं मिलेंगे। इस खूबसूरत बुग्याल में कैंप लगाइए और रात में आराम कीजिए।

दिन 4: कुश कल्याण – लता/पिनसर

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कुश कल्याण बुग्याल से अगले दिन क्यारकी बुग्याल की तरफ बढ़ेंगे। कुश कल्याण बुग्याल से आपको दो रास्ते मिलेंगे। एक रास्ता लता गाँव से होकर जाएगा और दूसरा पिनसर गाँव से होकर गुजरेगा। आप इनमें से किसी भी रास्ते से आगे बढ़ सकते हैं। इस दिन आपको 10 किमी. का ट्रेक करना होगा। आपको बेहद खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे।

दिन 5: मल्ला गाँव

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अगले दिन नाश्ता करने के बाद मल्ला गाँव वापस लौटने की तैयारी कर लीजिए। आपको कुश कल्याण बुग्याल से मल्ला गाँव पहुँचने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। मल्ला गाँव पहुँचने के बाद उत्तरकाशी और अपने वापसी रूट पर चल पड़िए। अगर आपको उत्तराखंड की दूसरी जगहों पर जाना है तो उत्तरकाशी से जा सकते हैं।

कब जाएँ?

कुश कल्याण बुग्याल उत्तराखंड की शानदार जगहों में से एक है। इस बुग्याल का ट्रेक करने का सबसे सही समय मई-जून और सितंबर-अक्टूबर बेस्ट रहेगा। इस दौरान मौसम भी खुला रहेगा और आपको कुश कल्याण बुग्याल पहुँचने में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी।

टिप्स:

1- कुश कल्याण बुग्याल ट्रेक के दौरान अपने साथ अपना पहचान पत्र और फोटो जरूर रखें।

2- अपने साथ गर्म कपड़े, कैपिंग व ट्रेकिंग का जरूरी सामान जरूर रखें।

3- पानी की बोतल, खाने का सामान, चाकू और फर्स्ट एड बॉक्स भी साथ रखें।

4- इस ट्रेक को बिना गाइड के ना करें।

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