गर फिरदौस बर रूए ज़मीं अस्त, हमीं अस्त ओ हमीं अस्त ओ हमीं अस्त। अमीर खुसरो की इस पंक्ति का अर्थ है- अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो वो यहीं है, यहीं है और यहीं है। धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है तो वो कश्मीर में है। हर यात्री की बकेट लिस्ट में कश्मीर ज़रूर होता है। कश्मीर में कई सारी जगहें हैं जिनके बारे में कम लोगों को पता है। ऐसी ही एक जगह है, केरन।
केरन गांव जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले में है। केरन गाँव नीलम नदी के किनारे स्थित एक बेहद शानदार जगह है। नीलम नदी को किशनगंगा नदी के नाम से भी जाना जाता है। केरन गाँव समुद्र तल से 9,634 फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित है। केरन गाँव श्रीनगर से लगभग 165 किमी. की दूरी पर है। नीलम घाटी में चारों तरफ़ हरे-भरे जंगल और घास के मैदान हैं। कश्मीर के केरन गाँव में पहाड़, हरियाली, नदी और झरने हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए केरन एक बेहद शानदार जगह है।
इतिहास
केरन गाँव कश्मीर का एक छोटा-सा गाँव है। केरन को 10वीं सदी में राजा कर्ण ने बसाया था। किंवदंती के अनुसार, राजा कर्ण करनाह में गोमाल इलाक़े में शासन चलाते थे। एक बार उनकी आँखों की रोशनी चली गई। तब उनको किसी ने बताया कि दो नदियों के संगम से बनी नदी में स्नान करने से आँखों की रोशनी आ जाएगी। राजा कर्ण ने केरन गाँव में शारदा मंदिर के पास दरिया में स्नान किया तो उनकी आँखों की रोशनी आ गई। उन्होंने सबसे पहले इस घाटी को देखा और वहीं बसने का निर्णय लिया। उन्होंने इस जगह पर कर्ण नाम का क़स्बा बसाया जिसका नाम बाद में केरन पड़ गया।
कैसे पहुँचे?
कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से केरन गाँव लगभग 100 किमी. की दूरी पर है। आपको श्रीनगर से केरन के लिए कोई सीधी बस नहीं मिलेगी। श्रीनगर से केरन के लिए शेयरिंग टैक्सी और कैब बुक कर सकते हैं। अगर आप बस से केरन जाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको श्रीनगर से करालपोरा के लिए बस लेनी पड़ेगी। इसके बाद आपको करालपोरा से केरन के लिए टैक्सी मिलेगी। केरन गाँव के सबसे निकटतम एयरपोर्ट श्रीनगर हवाई अड्डा है।
क्या देखें?
किशनगंगा नदी
किशनगंगा नदी केरन गाँव से बहती एक शानदार नदी है। किशनगंगा नदी भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर स्थित है। ये नदी नियंत्रण रेखा के अंतर्गत आती है। विभाजन के बाद पाकिस्तान ने इस नदी का नाम नीलम नदी रख दिया है। पहाड़ों के किनारे स्थित किशनगंगा नदी को देखना एक बेहद शानदार अनुभव है। इस जगह के खूबसूरत नज़ारे देखकर आप मंत्रमुग्ध रह जाएँगे। इस उफनदी नदी के किनारे बैठना और बहते हुए देखना शांति की अनुभूति कराती है। अगर आप रोमांच के शौक़ीन हैं तो आप यहाँ रिवर राफ़्टिंग कर सकते हैं।
फरकियां गली
फरकियां गली कश्मीर का एक हिमालय दर्रा है। फरकियां गली माउंटेन पास कुपवाड़ा घाटी और केरन को अलग करता है। फरकियां गली केरन के शानदार आकर्षणों में से एक है। फरकियां गली पहाड़ी दर्रा समुद्र तल से 9,840 फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित है। फरकियां गली का सुंदर नजारा गूगल पर मौजूद तस्वीरों की तरह दिखाई देता है। आप इस जगह की सुंदरता को अपनी आँखों से देख पाएँगे।
डाकघर
यह सुझाव इतिहास प्रेमियों के लिए बहुत अच्छा है। केरन गाँव में एक डाकघर है जिसे आप यात्रा के दौरान नहीं छोड़ सकते हैं। केरन गाँव में स्थित इस डाकघर को ब्रिटिश काल के दौरान खोला गया था। यह कश्मीर में अपने तरह का अनूखा डाकघर है। भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर केरन गाँव में स्थित ये डाकघर भारत के पहला डाकघर है। इस डाकघर का इस्तेमाल अभी भी लोगों द्वारा किया जाता है।
लोलाब वैली
लोलाब घाटी भी जम्मू-कश्मीर की एक ऐसी जगह है, जो किसी जन्नत से कम नहीं है। लोलाब घाटी की खूबसूरती इस कदर लोकप्रिय है कि कोई भी जम्मू-कश्मीर घूमने पहुंचता है वो यहां जरूर पहुंचता है। इस घाटी को लैंड ऑफ लव के नाम से भी जाना जाता है। कई लोग इसे वादी-ए-लोलाब के नाम से भी जानते हैं। नीलम घाटी के पास में स्थित लोलाब वैली खूबसूरत नज़ारों का घर है। हरे-भरे घास के मैदान, बर्फीली चोटियां, नदी और झील के बीच में मौजूद लोलाब घाटी किसी जन्नत से कम नहीं है।
कब जाएँ?
इस जगह पर जाने से पहले आपको परमिशन लेनी पड़ेगी। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफ़लाइन आवेदन कर सकते हैं। कश्मीर के केरन गाँव में कई सारे होटल और होमस्टे खुल गए हैं जिनमें आप ठहर सकते हैं। सर्दियों के दौरान इस जगह पर जमकर बर्फ़बारी होती है। उस दौरान इस जगह को एक्सप्लोर करना थोड़ा मुश्किल होगा। कश्मीर के केरन गाँव में आने का सबसे बढ़िया समय मार्च से जून तक होता है। कश्मीर के केरन में एक तरफ हरी घास से ढंके चारागाह और पहाड़ व दूसरी ओर बहता दरिया है। इस जगह को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे किसी चित्रकार ने कैनवास पर कोई तस्वीर उतारी हो।
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