उत्तराखंड के पहाड़ों की गोद में बसा एक स्वर्ग, जिसके बारे में आपको पता होना ही चाहिए

Tripoto
Photo of उत्तराखंड के पहाड़ों की गोद में बसा एक स्वर्ग, जिसके बारे में आपको पता होना ही चाहिए by Rishabh Dev

पहाड़ों में कुछ जगहें होती हैं जो बेपनाह खूबसूरत होती हैं। ऐसी जगह का अनुभव जिंदगी भर नहीं भूलते और अपने दोस्तों, साथियों को उस जगह के बारे में जरूर बताते हैं। पहाड़ों में ऐसे नजारों से हर कोई रूबरू होना चाहता है लेकिन इसी खूबसूरती को देखने की डगर लंबी और कठिन होती है। कहते हैं न कि कठिन सफर के बाद सबसे सुंदर नजारे देखने को मिलते हैं। पहाड़ों में आपको ऐसे ही नजारे देखने हैं तो उत्तराखंड के गिदारा बुग्याल जाने का प्लान जल्द से जल्द बनाएं।

Photo of उत्तराखंड के पहाड़ों की गोद में बसा एक स्वर्ग, जिसके बारे में आपको पता होना ही चाहिए by Rishabh Dev

गिदारा बुग्याल उत्तराखंड की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। इस जगह के बारे में कम लोगों को पता है इसलिए यहाँ आपको सैलानियों की भारी भीड़ भी नहीं मिलेगी। दियारा बुग्याल के खूबसूरत नजारों को देखने के लिए आपको एक लंबा ट्रेक करना पड़ेगा। इस ट्रेक को करने में 6-7 दिन लगते हैं। अगर आप रोमांच के शौकीन हैं तो आपको इस ट्रेक को करने में मजा आएगा। यदि आपने ट्रेक नहीं किए हैं तो आपको काफी मुश्किल होगी। गिदारा बुग्याल का ट्रेक कठिन जरूर है लेकिन इससे खूबसूरत नजारे आपको कहीं और देखने को भी नहीं मिलेंगे।

गिदारा बुग्याल

गिदारा बुग्याल उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित है। इस बुग्याल के बारे में कम लोगों को पता है क्योंकि यहाँ तक पहुँचना आसान नहीं है। आप देहरादून से सबसे पहले उत्तरकाशी पहुँचिए। उसके बाद भटवारी होते हुए गंगोत्री का रास्ता पकड़ लीजिए। गंगनानी ब्रिज से पहले बाएं तरफ के रास्ते पर जाएंगे तो गंगनानी हॉट स्प्रिंग मिलेगा। जहाँ ये रास्ता खत्म होगा, वहीं तक ही गाड़ी जा सकती है। इस कठिन रूट की वजह से गिदारा बुग्याल के बारे में कम लोगों को पता है।

कब जाएं?

ट्रेकिंग करने से पहले सही समय का चुनाव करना सबसे अहम होता है। गिदारा बुग्याल का ट्रेक करने के लिए सबसे बेस्ट टाइम जून और सितंबर महीने का माना जाता है। इस दौरान आप खूबसूरत हरे-भरे घास के मैदान को देख पाएंगे। साथ में ट्रेकिंग करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। सर्दियों में यहाँ जमकर बर्फबारी होती है। उस समय ट्रेकिंग करना थोड़ा कठिन होता है।

ट्रेकिंग रूट:

दिन 1

भंगेली पहुँचे

गिदारा बुग्याल का ट्रेक करने के लिए आपको सबसे पहले भंगेली पहुँचना होगा। आपको देश के किसी भी कोने में रहते हों। आप सबसे पहले देहरादून पहुँचिए और वहाँ उत्तरकाशी के लिए निकल पड़िये। इसके बाद गंगोत्री के रास्ते से होते हुए गंगनाली के गर्म पानी के स्रोत को देखते हुए आगे बढ़िए। भंगेली गांव से कुछ किलोमीटर पहले तक ही गाड़ी जाती है। वहाँ से आपको भंगेली पैदल ही जाना होगा। भंगेली में आप होमस्टे में ठहर सकते हैं और यहाँ के स्थानीय फूड का स्वाद ले सकते हैं।

दिन 2

भंगेली से रिख गैरी

अगले दिन आपका गिदारा बुग्याल का ट्रेक शुरू होगा। इसके लिए आपको सबसे पहले भंगेली से सुबह- सुबह निकलना होगा। पहले दिन का ट्रेक ज्यादा कठिन नहीं होगा लेकिन थकावट आप पर हावी हो सकती है। देवदार और चीड़ के जंगलों से जाने वाला रास्ता इस ट्रेक को शानदार बना देगा। पहले दिन आप 7 किमी. की ट्रेकिंग के बाद रिख गैरी पहुँचेंगे। यहाँ पर अपना टेंट लगाइए और तारों से भरे आसमान के नीचे रात गुजारें।

दिन 3

रिख गैरी से गिदारा बुग्याल

ट्रेक के तीसरे दिन ब्रेकफास्ट के बाद गिदारा बुग्याल के लिए चल पड़िए। रिख गैरी से गिदारा लगभग 7 किमी. की दूरी पर है। गिदारा बुग्याल तक पहुँचने में आपको 6-7 घंटे का समय लगेगा। रास्ते में आपको नीचे नदी बहती हुई दिखाई देगी। जब आप गिदारा बुग्याल पहुँचेंगे तो खुशी के मारे उछल पड़ेगे। समुद्र तल से 3,800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित गिदारा से बर्फ से ढंकी चोटियां दिखाई देंगी। आसपास लगे फूल इस जगह को और भी सुंदर बना देते है। आप गिदारा बुग्याल में रात भी गुजारें।

दिन 4

गिदारा बुग्याल टॉप

गिदारा बुग्याल से कुछ ही किमी. की दूरी पर खूबसूरत बामसारू लेक है। इस ट्रेक में आप इस जगह को भी शामिल कर सकते हैं। अगले दिन सुबह-सुबह गिदारा बुग्याल से जल्दी निकलिए। लगभग दो घंटे के ट्रेक के बाद पहाड़ों में स्थित लेक के सामने होंगे। इस जगह पर कुछ समय रहने के बाद वापस गिदारा बुग्याल आ जाइए और फिर गिदारा टॉप पर जाने के लिए ट्रेकिंग कीजिए। गिदारा टॉप समुद्र तल से 4,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहाँ से हिमालय के 360 डिग्री के शानदार नजारे के गवाह बनिये। यहाँ आकर आपको लगेगा कि अगर जन्नत कहीं है तो यहीं है। गिदारा बुग्याल में रात गुजारिए औप वापस लौटने के लिए तैयार रहिए।

दिन 5

गिदारा बुग्याल टू रिख गैरी

अगले दिन सुबह-सुबह सूर्योदय को देखने के बाद गिदारा बुग्याल से रिख गैरी के लिए निकल पड़िए। लगभग 7 किमी. की दूरी 5-6 घंटे में तय हो जाएगी। रिख गैरी में आप फिर से कैंप लगाइए और नींद की आगोश में चले जाइए।

दिन 6

रिख गैरी से भंगेली

ये आपके पहाड़ों में ट्रेकिंग का आखिरी दिन होगा। रिख गैरी से भंगेली 7 किमी. है। अब तक थकान आप पर हावी हो चुकी होगी और आप किसी भी हालत में नीचे पहुँचना चाहते होंगे। कुछ घंटों बाद आप भंगेली पहुँचेंगे। उसके बाद वहाँ से आप गंगनानी हॉट स्प्रिंग जा सकते हैं। अगर इसके बाद भी आपके पास समय बचता है तो उत्तरकाशी निकल जाइए और फिर अगले दिन देहरादून का सफर तय कीजिए।

इन बातों का रखें ध्यान

1- अपने साथ अपने पहचान पत्र की फोटोकॉपी जरूर रखें।

2- आपके पास ट्रेकिंग के अच्छे जूते, पानी की बोतल और टेंट भी होना चाहिए।

3- अपने साथ गर्म कपड़े और ग्लव्स रखना न भूलें।

4- साथ में टॉर्च और पोंचो भी रखें।

5- अपने बजट से कुछ एक्सट्रा कैश साथ में रखें।

6- फर्स्ट ऐड किट।

क्या आपने उत्तराखंड के गिदारा बुग्याल की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।

रोज़ाना टेलीग्राम पर यात्रा की प्रेरणा के लिए यहाँ क्लिक करें।

Further Reads