इस खूबसूरत हिमाचली गाँव में ट्रेकिंग करना किसी सपने से कम नहीं

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Photo of इस खूबसूरत हिमाचली गाँव में ट्रेकिंग करना किसी सपने से कम नहीं by Deeksha

अगर मुझसे पूछा जाए कि इस दुनिया में सबसे सुंदर क्या है? मेरा जवाब होगा, पहाड़। मेरे लिए पहाड़ से खूबसूरत कुछ भी नहीं है। जहाँ लोग कम और प्राकृतिक सौंदर्य ज्यादा होता है। हम जितने प्रकृति के करीब होते हैं ये जहाँ खूबसूरत होता चला जाता है। पहाड़ों में एक अलग तरह की रवानगी है। जहाँ चेहरे पर पड़ने वाले हवा का स्पर्श भी महसूस होता है। अपनी आपाधापी वाली जिंदगी से बाहर निकलकर आपको इन खूबसूरत पहाड़ों की यात्रा करनी चाहिए। अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं हिमाचल का गडा गुसैन ट्रेक आपको जल्द से जल्द कर लेना चाहिए।

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गडा गुसैन हिमाचल प्रदेश के सिराज घाटी में आता है। हिमाचल की इस खूबसूरत ट्रेक के बारे में कम ही लोगों को पता है। इस जगह के बारे में ज्यादा लोगों को नहीं पता लेकिन इतना पक्का है कि ये हिमाचल के सबसे कठिन ट्रेकों में से एक है। अगर आपने पहले कठिन ट्रेक नहीं किए हैं तो अभी इस ट्रेक से दूर ही रहें। ये उन लोगों के लिए जो रोमांच से दो-चार होते ही रहते हैं। गडा गुसैन की चोटी से आपको ऐसे नजारे देखने को मिलेंगे जो आपने पहले कभी नहीं देखें होंगे।

कब जाएँ?

पहाड़ अगर खूबसूरत होते हैं तो हद से ज्यादा खतरनाक भी होते हैं। अगर आप बिना प्लानिंग के ट्रेक करने के बारे में सोच रहे हैं तो इसे दिमाग से निकाल दीजिए। ऐसा करने पर कई बार खामियाजा भुगतना पड़ता है। अगर आप गडा गुसैन ट्रेक के बारे में सोच रहे हैं तो सही समय मई से जून और अक्टूबर है। गर्मियों में यहाँ की हरियाली देखने को मिलेगी तो अक्टूबर में हल्की-हल्की बर्फ देखी जा सकती है।

कहाँ ठहरें?

इस ट्रेक में आपको पूरे रास्ते में रहने के लिए कोई जगह नहीं मिलेगी। गडा गुसैन गाँव तक आप होमस्टे और होटलों में ठहर सकते हैं। उसके बाद आपको अपना जुगाड़ खुद करना होगा। इसके लिए आपको अपने साथ टेंट जरूर रखना चाहिए। इसके अलावा अपने साथ हल्का-फुलका खाने का भी रखें जो ट्रेक के दौरान एनर्जी दे।

ऐसे करें ट्रेक?

गडा गुसैन ट्रेक एक छोटा-सा गाँव है। यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको सबसे पहले जिभी पहुँचना होगा। जिभी शिमला से लगभग 180 किमी. की दूरी पर है। आप बस से इस जगह तक आराम से पहुँच जाएंगे। जिभी से गडा गुसैन के लिए रोजाना दो बसें चलती हैं। बस से आप सबसे पहले गडा गुसैन पहुँचिए। जहाँ से ये खूबसूरत ट्रेक शुरू होता है। शाम तक गडा गुसैन पहुँच जाइए। इस खूबसूरत गाँव में रात बिताइए और तैयार हो जाइए एक शानदार सफर के लिए।

गडा गुसैन से जलोरी

अगले दिन सुबह-सुबह जल्दी उठिए और ट्रेकिंग के लिए तैयार हो जाइए। शुरूआत में आप मैदानी क्षेत्र में चलेंगे और कुछ देर बाद पहाड़ की चढ़ाई शुरू हो जाएगी। शुरूआत में आपको थकावट हो सकती लेकिन धीरे-धीरे सब सही हो जाएगा। लगभग एक घंटे के बाद अल्वा गाँव पहुँचेंगे। यहाँ से आपको बर्फ से ढकी चोटी भी दिखाई देगी। कुछ देर ठहरकर आगे बढें। कुछ देर बाद आप ऐसी जगह पर पहुँच जाएंगे। जहाँ से आपको एक तरफ मधुपुर फोर्ट और दूसरी तरफ रघुपुर किला दिखाई देगा।

पांडवों का खेत

कुछ देर के आप जंगल से होकर गुजरेंगे। देवदार के पेड़ों से घिरा ये रास्ता आपको अच्छा लगेगा। आगे बढेंगे तो एक बड़ा-सा घास का मैदान मिलेगा। जिसे पांडवों का खेत के नाम से जाना जाता है। किवंदती है कि वनवास के समय पांडव यहाँ एक रात के लिए रूके थे और धान को यहाँ रोपा था। समुद्र तल से 3,000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित ये जगह बेहद खूबसूरत है। पहाड़ों से घिरी इस खूबसूरत जगह पर आकर आपको अच्छा लगेगा। आप कुछ इस हरे-भरे घास के मैदान में ठहर सकते हैं।

लगभग 6-7 घंटे के बाद आप पर थकान हावी हो सकती है। कुछ देर बाद आप किला पहुँच जाएंगे। ये किला पूरी तरह से जर्जर है और यहाँ सिर्फ दीवारें ही बची हैं। लगभग समुद्र तल 3,200 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस जगह से खूबसूरत नजारा दिखाई देगा। जलोरी पास की ये सबसे ऊँची जगह है। यहाँ से आप 360 डिग्री का नजारा देखने को मिलेगा। दूर-दूर तक आपको प्रकृति की अनोखी छटा दिखाई पड़ेगी। यहाँ आप टेंट लगाकर पहाड़ों और तारों भरे आसमान के बीच रात गुजार सकते हैं।

जलोरी टू खनाग

अगले दिन सुबह जल्दी उठिए और खनाक के लिए कदम बढ़ाइए। किले से लगभग 6 किमी. की दूरी पर एक खूबसूरत लेक है। लगभग 2-3 घंटे की यात्रा के बाद आप इस झील तक पहुँच जाएंगे। पहाड़ों के बीच स्थित सर्योल्सर लेक किसी जादू की तरह नहीं है। ये जगह आपके सफर को और भी खूबसूरत बना देगी। झील के पास में एक मंदिर भी है। बोधि नागिन का ये मंदिर स्थानीय लोगों के लिए काफी पवित्र है। कुछ देर यहाँ रूककर आप आगे बढ़ सकते हैं।

अभी तक आप जंगलों से होकर गुजर रहे थे लेकिन अब आपको दूर-दूर तक सिर्फ पहाड़ ही पहाड़ नजर आएंगे। अगर आप बिना गाइड के इस ट्रेक पर जाएंगे तो पक्का रास्ता भटक जाएंगे। लगभग 2-3 घंटे के बाद आन खनाग पहुँच जाएंगे। खनाग में ये ट्रेक खत्म हो जाता है। यहाँ आपको हिमालय के सबसे खूबसूरत नजारों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। सुंदरता ऐसी कि आपको लगेगा कि ये कोई सपना है। खनाग में पीडब्ल्यूडी का गेस्ट हाउस है जिसमें आप ठहर सकते हैं। अगले दिन सुबह-सुबह वापस गडा गुसैन के लिए वापस निकल पड़िए। इस ट्रेक को करने के बाद आपके लिए रोमांच की परिभाषा बदल जाएगी।

नोटः

1. अपने साथ गर्म कपड़ें और ट्रेक की सभी जरूरी चीजें साथ लेकर जाएँ।

2. बिना गाइड के इस ट्रेक को न करें।

3. बिगनर्स जोगनी माता मंदिर या पांडव खेत तक ट्रेक कर सकते हैं।

4. कोशिश करें कि जलोरी के सभी किलों को एक्सप्लोर कर लें।

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