पहाड़ की सुंदरता को देखने का सुकून कुछ अलग ही है। पहाड़ हर जगह ही खूबसूरत लगता है। कभी पहाड़ों के नजारे आसानी से देखने को मिल जाते हैं तो कभी-कभी कठिन दुर्गम रास्तों से होकर इन तक पहुँचना पड़ता है। उत्तराखंड में एक शानदार जगह है, चोपता। हर कोई एक बार इस जगह तक जरूर जाना चाहता है। इस जगह की सुंदरता हर किसी को मोहित कर देती है।
हिमालय खूबसूरत हरियाली और पहाड़ों से भरा हुआ है। ये सुंदर-सुंदर दृश्य आंखों को सुकून देते हैं। घने जंगलों से गुजरने वाला ये रास्ता लंबा जरूर है लेकिन ऐसी खूबसूरती आपको कहीं और नहीं मिलेगी। पहाड़ की चोटी से हिमालय की कई शानदार चोटियाँ देखने को मिलेंगी। वो अनुभव और एहसास आप कभी नहीं भूल पाएंगे।
कैसे पहुँचे?
फ्लाइट: अगर आप वायु मार्ग से तुंगनाथ आने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे निकटतम देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। जाली ग्रांट हवाई अड्डे से तुंगनाथ 180 किमी. की दूरी पर है।
ट्रेन: यदि आप ट्रेन से जाना चाहता हैं तो सबसे नजदीकी हरिद्वा और ऋषिकेश है। इन शहरों से आपको अपने गंतव्य तक बस या कैब आराम से मिल जाएगी।
वाया रोड: आप सड़क मार्ग से भी चोपता की यात्रा कर सकते हैं। दिल्ली से हरिद्वार के लिए काफी बसें चलती हैं। इसके अलावा अगर आपके पास खुद की गाड़ी है तो आपके लिए तो ये यात्रा रोड ट्रिप बन जाएगी।
दिल्ली – हरिद्वार – ऋषिकेश – देवप्रयाग – श्रीनगर – रुद्रप्रयाग – अगस्तयमुनि – कुंड/सारी – उखीमठ – चोपता – तुंगनाथ
रूट:
दिल्ली से सारी
एक बार जब आप सामान लेकर निकल पड़ते हैं तो यात्रा वहीं से शुरू हो जाती है। तो सबसे पहले आपको हरिद्वार पहुँचना होगा। उसके लिए दिल्ली से आप बस ले सकते हैं या फिर कई सारी ट्रेन भी हरिद्वार जाती हैं। हरिद्वार पहुँचने के बाद आपको ऋषिकेश, देवप्रयाग और श्रीनगर होते हुए सारी गाँव पहुँचना है। सारी गाँव चोपता ट्रेक का बेस प्वाइंट है। यहीं से ट्रेक शुरू होता है। सारी गाँव में रात में आराम कीजिए और अगले दिन के लिए तैयार हो जाइए।
देवरिया ताल
अगले दिन सुबह-सुबह उठिए और नाश्ता करने के बाद पैदल चलना शुरू कर दीजिए। पहले दिन का ट्रेक कुछ ज्यादा लंबा नहीं है। आप एक घंटे के अंदर देवरिया ताल पहुँच जाएंगे। यहाँ आपको सुकून शांति का अनुभव होगा। पहाड़ों के बीच स्थित एक सुंदर-सी झील आपका दिन बना देगी। दिन भर आपको इसी लेक के किनारे घूमना है। यहाँ से आपको चौखंबा पर्वत का नजारा देखने को मिलेगा।
चोपता
देवरिया ताल में सुबह-सुबह उठकर फिर से पैदल चलना शुरू कर दीजिए। इस दिन आपको कठिन रास्तों से होकर गुजरना पड़ेगा। आपको पहाड़ों और चीड़ के जंगलों से होकर गुजरेंगे। ट्रेक के दूसरे दिन आपको 8-10 घंटे चलना पड़ेगा। चोपता पहुँचने पर आप थककर चूर हो जाएंगे। बिस्तर मिलते ही आप पड़ जाएंगे। यहाँ से ही आपकी असली परीक्षा शुरू होगी।
तुंगनाथ महादेव
अगले दिन चोपता से आपको 5 घंटे का ट्रेक करना होगा। ये ट्रेक आपकी जिंदगी का सबसे सुंदर ट्रेक होगा। आपको चारों तरफ जो नजारा दिखाई देगा वो आपने पहले कभी नहीं देखा होगा। पहाड़ और हरे-भरे बुग्याल में ट्रेक करने के बाद तुंगनाथ पहुँचेंगे। यहाँ पर दुनिया की सबसे ऊँचाई पर भगवान शिव का मंदिर स्थित है। तुंगनाथ के आगे थोड़ी ही चढ़ाई करने पर आप चन्द्रशिला भी जा पाएंगे। तुंगनाथ जाएं तो चन्द्रशिला तो जरूर जाना चाहिए। यहाँ से आपको हिमालय की कई चोटियाँ देखने को मिलेंगी।
कब जाएं?
हर मौसम में तुंगनाथ का एक अलग ही रंग देखने को मिलता है। अब ये आप पर निर्भर करता है कि आप तुंगनाथ को कैसे देखना चाहते हैं। मानसून को छोड़कर आप कभी भी तुंगनाथ की यात्रा कर सकते हैं। गर्मियों में यहाँ ना बहुत गर्मी होती है और ना बहुत ज्यादा ठंड। सर्दियों में तुंगनाथ की यात्रा में आपको बर्फ के अलावा कुछ नहीं मिलेगा। ये आपको एक अलग ही अनुभव देगा।
सुझाव:
1- इस ट्रेक के दौरान रास्ते में बहुत सारे ठहराव नहीं हैं तो अपने साथ सभी जरूरी सामान रखना ना भूलें।
2- रात के समय ट्रेकिंग करने के बारे में ना सोचें। जंगल रात में कभी भी सुरक्षित नहीं होता है।
3- ट्रेकिंग में अपने साथ बहुत ज्यादा खाने-पीने का सामान ना ले जाएं क्योंकि हल्का-सा सामान पहाड़ पर भारी लगने लगता है।
4- अपने साथ ट्रेकिंग के सारे सामानों को साथ में रखें।
5- अपने साथ फर्स्ट एड किट जरूर रखें।
6- ऐसी जगहों पर इंटरनेट और एटीएम नहीं चलते हैं इसलिए अपने साथ जरूरत से ज्यादा कैश रखें।
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