पंजाब को वीरों की भूमि कहा जाता है। यहाँ पर कई सारे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है। इसमें जो सबसे पहला नाम स्वर्ण मंदिर का आता है। पंजाब में देखने के लिए कई सारे शहर हैं और कुछ तो बेहद ही शानदार हैं। इनमें पंजाब का गुरदासपुर शहर भी शामिल है। पंजाब का गुरदासपुर शहर अमृतसर के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। गुरदासपुर अमृतसर से लगभग 75 किमी. दूर और पाकिस्तान की सीमा से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर है। यह शहर स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय उद्योग का केंद्र है। अगर आपका पंजाब को अच्छे से घूमने का प्लान है तो उसमें गुरदासपुर भी ज़रूर शामिल होना चाहिए।
गुरदासपुर का इतिहास भी काफ़ी प्राचीन है। कहा जाता है कि 17वीं शताब्दी में गुरिया जी ने संगी गोत्र के जाटों से ज़मीन ख़रीदी थी। वहीं पर गुरदासपुर की स्थापना की गई थी। उन्हीं के नाम पर गुरदासपुर का नाम रखा गया। माना जाता है कि गुरिया जी के पूर्वज अयोध्या से थे और वे पनियर आकर बस गए थे। मुग़ल सत्ता के अंत के बाद गुरदासपुर में सिख वर्चस्व का उदय हुआ। ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1849 में दूसरे एंग्लो-सिख लड़ाई में गुरदासपुर पर क़ब्ज़ा कर लिया था। बँटवारे के बाद गुरदासपुर को लेकर काफ़ी असमंजस बना रहा लेकिन अंत में गुरदासपुर भारत का हिस्सा बना।
कैसे पहुँचे?
गुरदासपुर अमृतसर से लगभग 75 किलोमीटर दूर है। यहाँ पहुँचने के लिए आपको कोई दिक़्क़त नहीं होगी। गुरदासपुर हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
फ़्लाइट: अगर आप हवाई मार्ग से पंजाब के गुरदासपुर को घूमने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे निकटतम एयरपोर्ट राजा संगत सिंह जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो अमृतसर से लगभग 20 किलोमीटर दूर है। आप यहाँ से टैक्सी या बस से आराम से गुरदासपुर पहुंच सकते हैं।
ट्रेन: अगर आप रेल मार्ग से गुरदासपुर जाना चाहते हैं तो सबसे नजदीक गुरदासपुर जंक्शन स्टेशन है। गुरदासपुर रेलवे स्टेशन पंजाब का मुख्य रेलवे स्टेशन है। गुरदासपुर के लिए अमृतसर और दिल्ली से ट्रेन नियमित तौर पर चलती हैं।
वाया रोड: आप पंजाब के गुरदासपुर सड़क मार्ग से भी जा सकते हैं। अमृतसर शहर समेत आपको पंजाब के कई शहरों से गुरदासपुर के लिए बस आराम से मिल जाएगी। आप खुद की गाड़ी से भी गुरदासपुर जा सकते हैं। गुरदासपुर नेशनल हाईवे 1 और नेशनल हाईवे 3 के जंक्शन पर स्थित है, जो दिल्ली चंडीगढ़ और अमृतसर से जुड़ा हुआ है।
क्या देखें?
1. दुर्गियाना मंदिर
पंजाब के गुरदासपुर शहर में कई धार्मिक स्थल हैं, जिनमें से दुर्गियाना मंदिर भी शामिल है। यह मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है। मंदिर का निर्माण पुराने समय में किया गया था और यह एक बेहद एक प्राचीन मंदिर है जो स्थानीय लोगों के लिए काफ़ी पवित्र है। इस मंदिर के बाहर बड़ा बाजार होता है जहां से आप पूजा सामग्री और वस्तुएं खरीद सकते हैं। दुर्गियाना मंदिर अपनी आकर्षक आर्किटेक्चर और प्राचीन इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। इसे स्थानीय लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक माना जाता है और यह सिर्फ़ गुरदासपुर का नहीं पंजाब का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।
2. करतारपुर साहिब गुरुद्वारा
करतारपुर साहिब गुरुद्वारा गुरदासपुर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गुरु नानक देव जी के जन्म स्थल के पास स्थित है। करतारपुर साहिब पाकिस्तान के इलाक़े में आता है। भारतीय लोग करतारपुर साहिब जा सकें, इसके लिए करतापुर साहिब कॉरिडोर बनाया गया है। इस गुरुद्वारे का निर्माण 1504 में हुआ था और यह एक प्राचीन गुरुद्वारा है जो श्रद्धालुओं को अपनी शांति और सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। इस गुरुद्वारे को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनी धार्मिक संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण स्थलों में से एक माना जाता है।
3. शाहपुर कांडी क़िला
गुरदासपुर में एक शानदार ऐतिहासिक जगह भी है, शाहपुर कंडी क़िला। यह पंजाब का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। इस क़िले को अफगान राजा जहाँगीर ने बनवाया था और इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ था। इस क़िले को प्रकाश की एक लंबी सूरजमुखी से खूबसूरती से सजाया गया है। शाहपुर कंडी क़िला एक संरचना का एक संयोजन है जो कम से कम चार मुख्य हवेलियों से मिलता है। इन हवेलियों में कमरे, दरबार और भंडार शामिल हैं। इसके अलावा क़िले में कई भवन हैं जिनमें शहर के इतिहास के बारे में जानकारी दी जाती है।इस क़िले की आकर्षण से एक अन्य विशेषता ये है कि दीवारों के ऊपर स्थित घंटी है, जो रात में भी बजती रहती है। क़िले के पास एक सुंदर सागर भी है जिसे तालाब शाहपुर के नाम से जाना जाता है। गुरदासरपुर जाएँ तो इस क़िले को देखना ना भूलें।
4. अचलेश्वर मंदिर
माँ अचलेश्वर मंदिर गुरदासपुर का एक और पवित्र धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे आदि शक्ति के रूप में जाना जाता है। मंदिर की स्थापना के बारे में कई किंवदंती हैं लेकिन ये तय है कि इसे प्राचीन काल में बनाया गया था। यह मंदिर गुरदासपुर शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर है और यहाँ पर तीन मुख्य मंदिर हैं, माँ अचलेश्वर, भैरव बाबा और हनुमान मंदिर। मंदिर के बाहर एक प्राचीन पीपल का वृक्ष है, जो बहुत प्राचीन होने के साथ-साथ अत्यंत महत्वपूर्ण भी है। मंदिर में साल में एक विशाल उत्सव मेले का आयोजन होता है जिसमें बड़ी संख्या में लोग आते हैं।
5. मुकेश्वर मंदिर
अचलेश्वर मंदिर और दुर्गियाना मंदिर के अलावा गुरदासपुर शहर में कई मंदिर हैं, जिनमें मुकेश्वर मंदिर भी शामिल है। गुरदासपुर का यह मंदिर मुकेश्वर महादेव को समर्पित है और यहां पर शिवलिंग की पूजा की जाती है। यह मंदिर गुरदासपुर के पास गाँव मुकेश्वर में स्थित है। मुकेश्वर मंदिर को 1985 में बनाया गया था और वर्तमान में यह एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है जो स्थानीय और सैलानियों दोनों के बीच काफी लोकप्रिय है। इसके अलावा गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक, रणजीत सागर डैम, कबूतरी दरवाज़ा और गुरदास नंगाल जैसी जगहों को भी देख सकते हैं।
कब जाएँ?
गुरदासपुर पंजाब का एक प्रमुख शहर है। गर्मियों में यहाँ बहुत तेज़ झुलसा देने वाली गर्मी पड़ती है। इस वजह से गर्मियों में तो गुरदासपुर में घूमने का प्लान सही नहीं रहेगा। गुरदासपुर को घूमने के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों का माना जाता है। आप नवंबर से फ़रवरी के बीच में गुरदासपुर आ सकते हैं। इस दौरान आप गुरदासपुर को अच्छे से एक्सप्लोर कर पाएँगे। मौसम के अलावा अगर आप गुरदासपुर में धार्मिक उत्सवों और मेलों को देखना चाहते हैं तो गुरु नानक जयंती और बैशाखी जैसे त्यौहारों पर जाना बेहतर रहेगा। आपको जब भी मौक़ा मिले पंजाब के इस धार्मिक और ऐतहासिक शहर को देखना ना भूलें।
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