वेगामन: वो शानदार हिल स्टेशन जिसका नाम सिर्फ कुछ ही यात्री जानते हैं!

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Photo of वेगामन: वो शानदार हिल स्टेशन जिसका नाम सिर्फ कुछ ही यात्री जानते हैं! by Rishabh Dev

मनमोहक आबोहवा, हर तरफ फैली इलायची की सुगंध और आपके हाथ में गर्म काॅफी का कप। बैठ जाइए चारों तरफ फैले पहाड़ की किसी भी चोटी पर और निहारिए डूबता सूरज। कुदरत के ऐसे ही कुछ बेहतरीन दृश्यों को आत्मसात किए हुए है, केरल का वेगामन हिल स्टेशन जहाँ देश के कई हिस्सों में चिलचलाती गर्मी परेशान कर रही है वहीं ये जगह सुहाने मौसम के लिए मशहूर है। केरल की अद्भुत सुंदरता के गुलदस्ते में वेगामन एक महकते फूल की तरह हर किसी को मोह लेता है।

श्रेय: अश्विन अय्यर

Photo of वगामों हिल टाउन, Vagamon, Kerala, India by Rishabh Dev

पश्चिमी पहाड़ियों का एक बड़ा हिस्सा केरल में पड़ता है। इन पहाड़ियों से लिपटी सड़क ऊपर जाती है, जहाँ से आप प्रकृति की सुंदरता को निहार सकते हैं। आप इसके किसी भी हिस्से में घूम आइए, यह आपको आनंदविभोर कर देगा। इडुक्की जिले में एक से बढ़कर एक हिल स्टेशन हैं, लेकिन उन सबसे अलग है वेगामन हिल स्टेशन। इसकी खूबसूरती बिखरी है उन छोटी-छोटी पहाड़ियों पर पसरी हुई हरी घास की चादरों पर। समुद्र तल से 1,200 मीटर की उँचाई पर स्थित ये हिल स्टेशन अपने टीलों के कारण फेमस है।

मरमला झरना

पहाड़ों के बीच ऊँचाई से गिरता हुआ झरना हर किसी को आकर्षित करता है। वेगामन हिल स्टेशन पर स्थित मरमला झरने की सुंदरता भी कुछ ऐसी ही है। झरने में उतरना प्रतिबंधित है और इसकी वजह है इसकी ऊँचाई। झरने की गिरने की ऊँचाई बहुत ज्यादा है जिस वजह से पानी का प्रवाह इतना तेज होता है कि इसके नीचे खड़े होकर आनंद नहीं लिया जा सकता। वेगामन से इराटुपेटा के रास्ते पर ये झरना स्थित है, इस झरने तक आप गाड़ी से नहीं पहुँच सकते।

आपको यहाँ तक पहुँचने के लिए ट्रेकिंग करनी पड़ेगी, झरने तक पहुँचने में आपका ट्रेकिंग का अनुभव भी हो जाएगा। बरसात के मौसम में तो हर जगह से झरते पानी के बीच मरमला झरने की गरजती आवाज़ अलग से पहचानी जा सकती है। रास्ते में दूरतलक फैली हरियाली और पहाड़ एक अलग रोमांच पैदा करते हैं। जब झरना करीब आता है तो एक अलग ही दुनिया सामने आ जाती है।

हरी घास की चादर

ऊँची-ऊँची घास के बीच से गुजरती सड़क आपको हर पल एक नया रोमांचक अनुभव कराती नज़र आएगी। बाद में सड़क उस ऊँचाई तक पहुँच जाती है, जहाँ घास ज़मीन पर चारों तरफ फैल जाती है। दूर-दूर तक सिर्फ हरी घास की चादर ही दिखाई देती है। ये हरापन देखना अपने आप में एक अनूठापन लाता है। ऐसी जगहें बहुत कम हैं जहाँ प्रकृति की छटा एक अलग ही मानक पा लेती है।

तंगलपारा पहाड़ी

वेगामन की पहाड़ियों की श्रृंखला में इस पहाड़ी पर एक बड़ी चट्टान पूरी तरह से संतुलित है। इस पहाड़ी पर आप ट्रेकिंग के जरिए ही पहुँच सकते हैं। उस जगह पर पहुँचकर आप तंगलपारा के आसपास के बेहतरीन नज़ारों को देख सकते हैं। तंगलपारा नामक ये पहाड़ी अपने आप में एक रहस्य को लेकर बैठी है। इसके बारे में माना जाता है कि इस स्थान पर अफगानी सूफी संत हजरत शेख फरीदुद्दीन बाबा आए थे। 800 ईस्वी की इस घटना से जो़ड़ते हुए मुसलमानों ने इस जगह पर एक मस्जि़द बनाई जहाँ से आप वेगामन का विहंगम दृश्य देख सकते हैं।

तमिल-मलयाली संस्कृति का अनूठा संगम

वेगामन एक छोटा-सा प्लांटेशन टाउन भी है, जहाँ चाय, काॅफी और इलायची की खेती की जाती है। 'वाल्टर डंकन एंड कंपनी' ने यहाँ चाय के बागानों की शुरूआत की थी। दूर-दूर तक गहरे हरे रंग की मोटी चादर के बीच चाय की पत्तियाँ चुनने वाले कामगारों को देखें तो यह सब एक तस्वीर के समान लगता है। चाय और काॅफी के बागानों में काम करने वाले लोग पड़ोसी राज्य तमिलनाडु से हैं, वे अब यहीं बस चुके हैं। तमिलनाडु के लोगों यहाँ रहते हैं इसलिए यहाँ के वातावरण में वहाँ का प्रभाव दिखाई पड़ता है। इसी वजह से वेगामन हिल स्टेशन मलयाली और तमिलनाडु की संस्कृति का अनूठा संगम है।

केरल और तमिलनाडु की भाषा और संस्कृति मिली-जुली है। ये मेल इस स्थान की अहमियत बढ़ा देता है। यहाँ चाय के साथ इलायची की भी खेती होती है। जब इलायची की फसल तैयार हो जाती है उस दौरान वेगामन में घूमना और और रहना एक एक सुगंधित सौंदर्य में बांधे रखता है। उस खूशबू को आप ताउम्र संजोए रखते हैं।

मुट्टकुन्न

वेगामन ऊँचे-ऊँचे टीले के लिए जाना जाता है। ये टीले पहाड़ियों पर उभरी घास से घिरे होते हैं। दूर-दूर तक फैली हरी चादर के बीच सिर उठाए ये छोटे-छोटे टीले एक अलग ही दुनिया में ले जाते हैं। इन्हीं टीलों में से एक है मुट्टकुन्न। मुट्टकुन्न मलयालम शब्द है जिसका अर्थ है, अंडे की शक्ल वाले टीले। इन टीलों को देखकर लगता है कि किसी ने पत्थर उठाकर करीने से ये टीले बनाए हैं और इनको खूबसूरत बनाने के लिए इनमें हरा रंग भर दिया हो। प्रकृति ये अद्भुम कलाकारी आपको हैरान ज़रूर कर देगी। पर्यटक इस टीले पर ट्रेक करते हैं और टेंट लगाते हैं। खुले आसमान के नीचे प्रकृति के खूबसूरत नजारों को देखना सबसे शानदार चीजों में से एक है। यहाँ दोस्तों और परिवार के साथ अच्छ समय बिता सकते हैं।

पहाड़ों की सुंदरता

वेगामन आने का मतलब हैं पहाड़ों के बीच अपने को आराम देना, खुद को एक शांत दुनिया में ले जाना। ये पहाड़ केरल की सुंदरता का एक अलग ही अनुभव कराता है। ऊँचाई पर स्थित होने की वजह से अनुछए पहाड़ पर्यटक की नजर में अभी कम ही आये हैं। ये हिल स्टेशन तीन पहाड़ियों की एक श्रृंखला है, तगंल, मरुगन और कुरिसमला। यहाँ का शांत वातावरण, मलय पर्वत की ठंडी-ठंडी हवा और घाटी में फैली दूर तलक हरियाली, इससे सुंदर जगह नहीं हो सकती। वेगामन पहुँचने का रास्ता बेहद सुंदर है, चारों तरफ सदाबहार वन हैं। आगे बढ़ने पर पेड़ कम होने लगते हैं और हरियाली बढ़ने लगती है।

मुंडकायम घाट

वेगामन से लगभग 8 कि.मी. दूर स्थित मुंडकायम घाट खुद में एक फेमस टूरिस्ट प्लेस है। अगर आपको डूबते के सूरज का शानदार नज़ारा देखना है तो इस घाट पर आइए और दूर तलक क्षितिज पर डूबते हुए सूरज के नज़ारे का अनुभव लीजिए। यहाँ कई तरह के पक्षियों केा बड़ी आसानी से देखा जा सकता है। पक्षियों में रूचि रखने वाले लोग यहाँ आकर घंटो बैठे रहते है और उनको निहारते हैं।

पाइन फाॅरेस्ट

वेगामन का पाइन फाॅरेस्ट यानी चीड़ का जंगल यहाँ आने वाले लोगों के एहसास को छूता है। चीड़ के हजारों पेड़ों के बीच खुद को खड़े पाना प्रकृति का एक अलग ही अनुभव है। आसपास का वातावरण तब और जादुई लगने लगता है जब सूरज की सुनहरी किरणें पेड़ों के बीच से छनकर जंगल में प्रवेश करती हैं। मशीनी दुनिया की भाग-दौड़ से भागकर यहाँ आकर प्रकृति से जुड़ना एक सहज अनुभव है। यहाँ आने वाले लोग इस जंगल के बारे में बहुत कम जानते हैं। अगर आप वेगामन आएँ तो इस जंगल में जाना न मिस करें।

दूसरे आकर्षण

वेगामन से लगभग 60 कि.मी. दूर स्थित यह बांध अपने आप में विज्ञान और इंजीनियरिंग की एक मिसाल है। आसपास की पहाड़ियों को घेरकर पहाड़ पर होने वाली बारिश के पानी को रोका जाता है और उसका उपयोग बिजली बनाने और सिंचाई के लिए किया जाता है। इसके अलावा रामक्कलमेड यहाँ एक और मशहूर स्थान है, जो वेगामन को और समृद्ध करता है। ये जगह वेगामन से करीब 57 कि.मी. दूर है। यहाँ के ऊँचे पहाड़ से तमिलनाडु के खेतों को देखा जा सकता है।

यहीं पास में ही पवन चक्कियाँ घूमती हुई दिखाई देती हैं। वहीं वेगामन से 17 कि.मी. दूर एलापरा अपनी अद्भुत सुंदरता के लिए जाना जाता है। एला का अर्थ होता है, इलायची और पारा का अर्थ होता है, चट्टान। यहाँ इलायची की खेती आज भी होती है, लेकिन उससे ज्यादा काॅफी और चाय की खेती होती है। इस गाँव में रूकना और स्थानीय लोगों के बीच रहना एक नया अनुभव हो सकता है।

ऐसे मिली पहचान

शताब्दियों तक वेगामन का सौंदर्य और इसका अनूठी प्राकृतिक सौंदर्य दुनिया के लिए अछूता रहा। 20वीं शताब्दी के शुरूआत में आकर इस स्थान को एक पहचान मिली, जब 1926 में ‘वाल्टर डंकन एंड कंपनी’ ने यहाँ चाय के बागान लगाने शुरू कर दिए। 1930 आते-आते यहाँ चाय के कई बागान हो गए और फिर इसने ‘प्लांटेशन टाउन’ के रूप में अपनी अलग पहचान हासिल कर ली। 1950 में स्थापित कुरसिमला आश्रम ने वेगामन को दूर-दूर तक फैलाने में मदद की। अगर आप ट्रेकिंग करने के शौकीन हैं तो वेगामन आपके लिए बेहतरीन जगह है। ऊँचे-ऊँचे लेमन ग्रास के बीच बने पतले रास्तों के सहारे नीचे से उपर तक पहाड़ नापना इतना आसान नहीं है लेकिन अगर टैकिंग करते हैं तो यहाँ ज़रुर आना चाहिए।

कब और कैसे पहुँचे?

श्रेय: जेरिन थॉमस

Photo of वेगामन: वो शानदार हिल स्टेशन जिसका नाम सिर्फ कुछ ही यात्री जानते हैं! by Rishabh Dev

वेगामन अब केरल के टूरिस्ट बुक में अपनी अलग पहचान बना रहा है। यहाँ तक आप सड़क से आराम से पहुँच सकते हैं, पास में ही रेलवे स्टेशन आलुवा है। अगर आप फ्लाइट से आना चाहते हैं तो पास में ही कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जहाँ से आप टैक्सी से वेगामन जा सकते हैं। वेगामन में ठहरने के लिए बड़े-बड़े होटल और रिसोर्ट नहीं है, लेकिन आकर्षक होमस्टे ज़रूर हैं। ये होमस्टे बेहद ही साफ-सथुरे और सुरक्षित स्थान है, जो बहुत ही कम कीमत पर मिल जाते हैं। वेगामन आने के लिए मार्च से जून और जुलाई से सितंबर के बीच का समय सबसे परफेक्ट है।

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