अयोध्या उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा टूरिस्ट हब बनने के लिए बाँहें फैला रहा है। और इसके धार्मिक और आध्यात्मिक राजधानी बनने की शुरुआत अयोध्या रेलवे स्टेशन से हो गई है। भारतीय रेलवे ने इस रेलवे स्टेशन को सुधारने का ज़िम्मा लिया है। इससे रोज़ाना एक लाख से अधिक यात्री प्रतिदिन यहाँ से सफ़र कर सकेंगे।
स्पेशल फ़ूड कोर्ट, एसी कमरे और ब्रिजों से भरा होगा अयोध्या रेलवे स्टेशन के आसपास का नज़ारा
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अयोध्या रेलवे स्टेशन को सुधारने का काम दो चरणों में होगा। इसमें पहले चरण में बिल्डिंग, ब्रिज, फ़ूड कोर्ट, सीढ़ियाँ, स्वचालित सीढ़ियाँ, एसी कमरे, स्टाफ़ के लिए ज़रूरी सुविधाएँ तैयार करने जैसे काम होंगे। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड और हवाई अड्डे से राम मंदिर तक के रोपवे बनाने का भी काम किया जाएगा। यह चरण सितम्बर 2021 में जाकर पूरा होगा।
दूसरे चरण में यात्रियों की सुविधा के लिए ठहरने की व्यवस्था, पार्किंग ज़ोन तैयार करने का काम किया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ज़मीन का भी निर्धारण कर दिया है। दूसरा चरण ख़त्म होने के बाद इस रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन क़रीब एक लाख यात्रियों के सफ़र की सुविधा हो जाएगी।
राम जन्मभूमि मंदिर से मिलता जुलता होगा रेलवे स्टेशन का स्वरूप
ऐसा भी कहा जा रहा है कि तैयार होने वाले रेलवे स्टेशन का स्वरूप राम जन्मभूमि मंदिर से मिलता जुलता होगा। आप यहाँ से सफ़र करेंगे तो भगवान राम और उनकी छवियों के दर्शन हर जगह देखने मिलेंगे। फ़ैज़ाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन किया जाएगा। इसके अलावा अयोध्या में एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की भी योजना है।
कितना बजट हुआ है पास
उत्तर रेलवे के डिविज़नल मैनेजर संजय त्रिपाठी टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट में बताया कि नवंबर 2020 तक कुल 35 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है और 2021 के बजट में 50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट आवंटित किया गया है।
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