
#Awesome_assam_with_traveller. शनिवार की सुबह 3 बजे का अलार्म लगाया था लेकिन किसी कारण से शुक्रवार की रात को नीद ही नहीं आ रही थी. सुबह 4 बजे पहले से ही तय साइकिलिंग प्रोग्राम के लिए निकलना था. करीब रात को 1.30 बजे नीद आयी पता नहीं अलार्म को क्या हुआ बजा ही नहीं. 0430 अचानक नीद खुली सीधा ही Anuj Phukan को फोन किया उसको बताया थोड़ी देर में निकालते हैं बाहर बारिश भी हो रही थी.
अंडे उबालने रख दिये और फ्रेश हो कर रेडी हो गया 20 मिनट मे. 5 बजे निकल कर पहुचा अनुज के पास. फिर हम दोनों चल दिये अपने आज के सफर में. कुछ आगे जा कर Laurence Ganlary ने भी हमको जॉइन कर लिया. एक बार फिर से हम तीनों तैयार थे असम की घुमक्कड़ी के लिए. कल रात से ही बारिश बहुत हो रही थी तो मौसम बहुत सुहाना था. बारिश में भीगते भीगते हम तेज़पुर से निकल चुके थे. करीब 50 km चलने के बाद हम लोगों ने जोहराट-गुवाहाटी छोड दिया और अब हम जिस रास्ते पर थे वहाँ रोड़ की स्थिति सही नहीं थी. करीब 7 km चलने के बाद तो रोड और भी ख़राब हो गई अब सिर्फ एक ट्रेक जैसा शुरू हो गया था. साइकिल चलाना अब मुश्किल हो गया था.
करीब 1 km बाद हम पैदल उतर के साइकिल खींचने लगे और लास्ट के कुछ 500 मीटर तो साइकिल को कभी कभी कंधे मे उठा के जाने की नौबत आ गई. 60 km चलने के बाद हम फाइनली थे अपनी आज की मंजिल जिसका नाम था नीला पानी या #paradise_lake. ये जगह असम के नौगाँव जिले के कटलगुड़ी गाँव में है. इस जगह तक पहुचना थोड़ा सा मुश्किल है इसलिए ये अभी तक लोगों के नजरों से बची हुई है और अपने नाम की तरह ये सही मे स्वर्ग है.
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इस झील का पानी बिल्कुल नीला है इस लिए इसको नीला पानी लेक भी बोलते हैं. दोस्तों जिंदगी में पहली बार एक दिन मे बहुत ज्यादा एडवेंचर्स और वर्क आउट का मजा ले लिया. एक ही दिन में साइकिलिंग , ट्रेकिंग, माउंटेन बाइकिंग और स्विमिंग के मजे ले लिए साथ में बारिश के भी. इस झील में पानी जमीन के नीचे से आता है और साथ में बारिश का पानी भी इधर इकट्टा हो जाता है.
ये जगह जंगल और पहाड़ से बिल्कुल लगी हुई है. यहाँ कभी कभी जंगली जानवर भी पानी पीते हुए दिख जाते हैं. नहाने के लिए इस से अच्छी जगह कम ही मिलती हैं. दोस्तों कल 122 km की साइकिलिंग हो गई पिछवाड़े में आज भी बहुत दर्द है















