यात्रा पर जाने का एहसास सबसे अलग होता है। जिसको घर की चार दीवारों के बीच रहकर महसूस कर पाना नामुमकिन है। यदि आप घुमक्कड़ हैं तो आप भी नई जगहों की यात्रा करने के लिए आतुर रहते होंगे। नई जगहों के बारे में पढ़ने और रिसर्च करना भी आपके दिनचर्या में शामिल होता होगा। उत्तराखंड वो जगह है जिसके लिए घुमक्कड़ों के दिल में खास जगह है। यहाँ आपको पहाड़ तो मिलेंगे ही पर साथ में बेशुमार खूबसूरती और लाजवाब वाइल्डलाइफ भी मिलती है। यदि आप उत्तराखंड में किसी जगह पर घूमने जाने का प्लान बनाना चाहते हैं तो आपको किसी ऐसी जगह का चुनाव करना चाहिए जो सबसे खास हो। ऐसी ही एक अनछुई जगह है पिथौरागढ़ का अस्कोट।
अस्कोट
अस्कोट उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट तहसील में स्थित है। अस्कोट शब्द का अर्थ अस्सी कोट होता है। एक समय था जब अस्कोट में 80 किले हुआ करते थे। अच्छी बात ये है कि इनमें से कुछ किलों के अवशेष आपको आज भी देखने के लिए मिल जाएंगे। अस्कोट के टेढ़े-मेढे रास्ते और पहाड़ी लैंडस्केप प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुरुआती प्वॉइंट भी है। अस्कोट वाकई मे बेहद खूबसूरत जगह है। अस्कोट के आकर्षक नजारे और वॉटरफॉल इसकी प्राकृतिक खूबसूरती में चार चाँद लगा देते हैं। अस्कोट पंचुली और चिपलकोट के पहाड़ों की गोद में बसा हुआ है। कुल मिलाकर अस्कोट के दिलकश नजारे आपको खूब पसंद आएंगे।
क्या देखें?
अस्कोट बेहद खूबसूरत जगह है। यहाँ देखने के लिए जगहों के अलावा प्राकृतिक सुन्दरता का भी बड़ा भंडार है।
1. अस्कोट सैंक्चुरी
अस्कोट सैंक्चुरी की स्थापना 1986 में की गई थी। ये सैंक्चुरी खासतौर से कस्तूरी हिरण का बचाव करने के लिए बनाई गई थी। बर्फीले पहाड़, ग्लेशियर और सुरमई घाटियों के बीच स्थित ये सैंक्चुरी जीव जंतुओं में रुचि रखने वालों को खूब पसंद आती है। धौली और इकली नदियाँ भी इसी सैंक्चुरी से शुरू होती हैं। सैंक्चुरी के बीच गोरी गंगा बहती है जो देवदार, शीशम, बलूत और शाल पेड़ों के बीच से होते हुए गुजरती है। क्योंकि ये सैंक्चुरी कुमाऊँ के पहाड़ों के बीच में स्थित है इसलिए यहाँ से दिखाई देने वाले नजारे बेहद शानदार होते हैं। इस सैंक्चुरी से पंचचुली और नौकना जैसे पहाड़ों के भी विहंगम दृश्य दिखाई देता है। यदि आप उत्तराखंड में किसी जगह की सैर करना चाहते हैं तो अस्कोट सैंक्चुरी आ सकते हैं।
2. जौलजीबी
अस्कोट से मात्र 15 किमी. की दूरी पर स्थित जौलजीबी भी घूमने के लिए बढ़िया जगह है। जौलजीबी वो जगह है जहां गोरी और काली गंगा नदियों का संगम होता है। जौलजीबी आकर आपको सुकून मिलेगा। नदियों के पानी की आवाज़ आपको रिलैक्स कर देगी। पहाड़ों की सभी जगहें सुंदर होती हैं और अस्कोट का जौलजीबी भी उनमें से एक है। पहाड़ों के खूबसूरत नजारों से सजी इस जगह का दीदार आपको ज़रूर करना चाहिए।
3. नारायण स्वामी आश्रम
नारायण नगर में 2,734 मीटर की ऊँचाई पर स्थित ये आश्रम अस्कोट आने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस आश्रम की स्थापना श्री नारायण स्वामी ने की थी। असल में ये नारायण स्वामी द्वारा स्थापित किए गए मूल आश्रम की ब्रांच है जिसको 1936 में बनवाया गया था। इस आश्रम को खासतौर से कैलाश मानसरोवर जाने वाले यात्रियों की सहायता के लिए बनाया गया था। इस आश्रम में पर्यटकों के लिए अलग-अलग तरह की आध्यात्मिक वर्कशॉप्स का आयोजन किया जाता है। अगर आप किसी शांत जगह पर जाना चाहते हैं तो अस्कोट का नारायण स्वामी आश्रम अच्छा ऑप्शन है।
4. पैदल घूमें
किसी भी जगह को अच्छी तरह एक्सप्लोर करने का सबसे सटीक तरीका है उस जगह को पैदल घूम डालिए। आप अस्कोट में टहलने निकल सकते हैं। पहाड़ी सड़कों पर ठहलना आपको बहुत अच्छा लगेगा। आसपास बिखरी हरियाली आपका दिल खुश कर देगी। पहाड़ों से आती हुई ठंडी हवा आपको रिलैक्स कर देगी। अस्कोट में आप टहलते हुए यहां के स्थानीय बाजार भी देख सकते हैं।
कहाँ ठहरें?
अस्कोट में ठहरने के लिए आपको कोई पांच सितारा होटल या रिजॉर्ट नहीं मिलेगा। ठहरने के लिए आप अस्कोट के फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में कमरा बुक कर सकते हैं। इस रेस्ट हाउस में आपको 2 कमरों के साथ साथ एक केयरटेकर भी मिलता है जो आपकी हर संभव मदद करने में सक्षम होता है। इसके अलावा अस्कोट में और भी होटल और गेस्ट हाउस हैं। इन सभी गेस्ट हाउस में आपको बिना अपनी जेब मे छेद करे आसानी से कमरा मिल जाएगा। आप चाहे तो अस्कोट बस अड्डे के पास स्थित तमाम होटलों में से भी किसी में ठहर सकते हैं। अस्कोट में सभी होटलों में आपको कम दाम में अच्छे और साफ-सुथरे कमरे मिल जाएंगे।
कब जाएँ?
अस्कोट आने के लिए सबसे अच्छा समय गर्मियों का होता है। इस समय जब देश के मैदानी इलाकों में भीषण गर्मी पड़ रही होती है, पहाड़ों पर होने की वजह से अस्कोट का मौसम खुशनुमा बना रहता है। आप चाहें तो ठंड में भी यहाँ आ सकते हैं। सर्दियों में अस्कोट आने से आपको पहाड़ों पर स्नोफॉल भी मिल सकती है। हालांकि सर्दियों के मौसम में वाइल्डलाइफ को देखना थोड़ा मुश्किल होता है।
कैसे पहुँचें?
अस्कोट जाने के लिए आपके पास दो रास्ते हैं। आप चाहे तो ट्रेन और सड़क मार्ग से अस्कोट पहुँच सकते हैं। यदि आप दिल्ली की और से आ रहे हैं तो आप काठगोदाम तक ट्रेन ले सकते हैं। काठगोदाम के बाद आपको बस या टैक्सी बुक करके आगे की यात्रा पूरी कर सकते हैं। यदि आप वाया रोड आना चाहते हैं तो दिल्ली से अस्कोट आने में आपको 16 घंटों का समय लग सकता है। दिल्ली से नेशनल हाईवे 24 और 9 लेकर आप अस्कोट आ सकते हैं।
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