उत्तर भारत का एक राज्य, उत्तराखंड जिसे हम सब देवताओं की भूमि के रूप में जाते हैं। जिसे पहले उत्तरांचल के नाम से भी जाना जाता था। विदेशों में भी इतने ज्येष्ठ और श्रेष्ठ स्थल नहीं होंगे जितने की उत्तराखंड में हैं। दुनिया भर से पर्यटक स्कीइंग, इसके वन्यजीव अभयारण्यों, रिवर राफ्टिंग, ध्यान और चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आते हैं।उत्तराखंड में आपको राजा जी नेशनल पार्क जो हाथियों और बाघों के लिए जाना जाता है, नैनीताल-मसूरी की वादियां,फूलों की घाटी,गोविंद पशु विहार के कस्तुरी मृग और कौसानी, अल्मोडा के सुरम्य दृश्य देखने को मिलते हैं। इसके अलावा पक्षी प्रेमियों के लिए ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं हैं।यमुना और आसन नदियों के सुरम्य जंक्शन पर स्थित आसन कंजर्वेशन रिजर्व पक्षी प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
आसन पक्षी अभयारण्य
आसन पक्षी अभयारण्य,उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमा पे स्थित हैं।आसन पक्षी अभयारण्य देहरादून से करीब 40 किलोमीटर धालीपुर गांव में स्थित हैं।आसन नदी और पूर्वी यमुना नहर के संगम पर बनी यह कृत्रिम झील देहरादून शहर के उत्तर-पश्चिम में ढालीपुर पावर प्लांट के पास स्थित है।आसन पक्षी अभयारण्य की स्थापना 1967 में की गई थी और वर्ष 2005 में इसे देश का पहला वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया गया था।साथ ही यह हाल ही में उत्तराखंड का पहला रामसर स्थल बन गया।यह स्थान साइबेरियन पक्षियों के ठहराव स्थल के रूप में भी काफ़ी प्रसिद्ध है।आप यहां लगभग 80 जल पक्षियों सहित 200 से अधिक पक्षी प्रजातियों का दीदार कर सकते हैं। जिसमें हेडेड गल,इरोशियन विजन,रीवर लोपविंग,ब्लैक विंग्ड स्किल्ड,लिटिल इ ग्रेट,पर्पल हेरोन, कामन किंगफिशर, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, पाच्र्ड किंगफिशर आदि परिंदे शामिल हैं।
2005 में इसे देश का पहला कंजरवेशन रिजर्व घोषित किया गया
यमुना नदी और आसन नदी के संगम से लगे आसन नमभूमि क्षेत्र के आसपास खुबसूरती बेमिसाल हैं। आपको यहां हरे-भरे पहाड़, झरने और झील देखने को मिल जाते हैं। यहां झील में बने टापू पर घास व झाडिय़ों के झुरमुट व यहां का शांत वातावरण परिंदों की पहली पसंद है।यह साइबेरियन पक्षियों के ठहराव का स्थान भी हैं।इस बातों को ध्यान में रखते हुए 14 अगस्त 2005 को इसे देश का पहला कंजरवेशन रिजर्व घोषित किया गया।
उत्तराखंड का पहला रामसर स्थल भी घोषित किया गया
भारत के किसी भी भूमि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण दर्जा दिया जाना हर भारतीय का गौरव बढ़ा देता है। भारत में 75 रामसर स्थल हैं। जिनमें आसन पक्षी अभयारण्य का भी नाम आता हैं।यह उत्तराखंड का एकमात्र रामसर स्थल हैं।यह असन नदी का 444 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। वर्ष 2020, जुलाई में इसे रामसर स्थल में शामिल किया गया था।
आसन पक्षी अभयारण्य में ये परिंदे डालते हैं डेरा
शहर से बाहर होने की वजह से यह जगह बेहद शांति है, जो इन पक्षियों के लिए बहुत जरूरी है। यहां हजारों विदेशी परिंदें हर साल अक्टूबर से फरवरी तक अपना डेरा जमाते हैं।यह स्थान साइबेरियन पक्षियों के ठहराव स्थल के रूप में भी काफ़ी प्रसिद्ध है।आप यहां लगभग 80 जल पक्षियों सहित 200 से अधिक पक्षी प्रजातियों का दीदार कर सकते हैं। जिसमें मलार्ड (जंगली बतख),हेडेड गल,इरोशियन विजन,रीवर लोपविंग,ब्लैक विंग्ड स्किल्ड,लिटिल इ ग्रेट,पर्पल हेरोन, कामन किंगफिशर, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, पाच्र्ड किंगफिशर आदि परिंदे शामिल हैं।एक सर्वे के दौरान पाता चला कि वर्ष 2015 में 48 प्रजातियों के 5796 परिंदे,2016 में 84 प्रजातियों के 5635 परिंदे,2017 में 60 प्रजातियों के 4569 परिंदे,2018 में 61 प्रजातियों के 6008 परिंदे,वर्ष 2019 में 79 प्रजातियों के 6170 परिंदे,2020 में 50 प्रजातियों के 4466 परिंदे ने यहां दस्तक दी।
आसन पक्षी अभयारण्य ले सकते हैं इन गतिविधियों का मज़ा:
आसन पक्षी अभयारण्य पक्षी प्रेमियों के एक दम परफेक्ट जगह हैं। यहां आप बर्ड वॉचिंग के साथ साथ फोटोग्राफी भी कर सकते हैं।यहां वाटर स्कीइंग, पैडल बोटिंग, रोइंग, कयाकिंग, मोटर बोटिंग और कैनोइंग की सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो साहसिक पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।यहां साहसी पर्यटकों को वॉटर स्की का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
आसन पक्षी अभयारण्य में कहां रूके?
जो पर्यटक यहां नाइट स्टे करना चाहते हैं, उनके लिए उचित दामों पर एसी और डीलक्स हट की सुविधा भी उपलब्ध है।आसन पक्षी अभयारण्य में जीएमवीएन रेस्ट हाऊस सुंदर नज़ारा के साथ एक आरामदायक आवास भी प्रदान करता है।जीएमवीएन रेस्ट हाऊस कीमत ना जादे सस्ती और ना जादा महगा हैं। यहां आपको कमरे साफ और सुंदर मिलेंगे।
आसन पक्षी अभयारण्य खुलने बंद होने का समय:
आसन पक्षी अभयारण्य सभी दिन खुला रहता हैं।आसन पक्षी अभयारण्य सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।
आसन पक्षी अभयारण्य घूमने का सबसे अच्छा समय:
अक्टूबर से नवंबर और फरवरी से मार्च तक की अवधि में यहाँ पक्षियों को देखने का सबसे अच्छा समय है।
आसन पक्षी अभयारण्य कैसे पहुंचें?
हवाईजहाज से: देहरादून का हवाई अड्डा, जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है, जो शहर के केंद्र से 20 किमी दूर स्थित है। यहां से आप टैक्सी बुक कर के आसानी से आसन पक्षी अभयारण्य पहुंच सकते हैं।
ट्रेन से: देहरादून नियमित ट्रेन सेवाओं से शहरों, दिल्ली, लखनऊ, इलाहाबाद, मुंबई, कोलकाता, उज्जैन, चेन्नई और वाराणसी से जुड़ा हुआ है। देहरादून रेलवे स्टेशन शहर के केंद्र से 1-2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।यहां से आप टैक्सी बुक कर के आसानी से आसन पक्षी अभयारण्य पहुंच सकते हैं।
रोड से: देहरादून अच्छी तरह से दिल्ली जैसे शहरों से राष्ट्रीय राजमार्ग 58 और 72 तक लगभग 4 घंटे की ड्राइव से जुड़ा हुआ है। चंडीगढ़ 167 किमी की दूरी पर स्थित है और लगभग 3 घंटे की ड्राइव है। देहरादून अच्छी तरह से हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे शहरों से जुड़ा हुआ है।
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