जब हम संतरे की बात करते हैं तो हमारे जेहन में जिस जगह का नाम आता है वो नागपुर है। लेकिन हममें से कितने लोगों को पता है कि भारत में नागपुर के अलावा एक और जगह ऐसी है जहाँ के ऑरेंज बहुत फेमस हैं। अरूणाचल प्रदेश का एक छोटा और प्यारा-सा कस्बा है, आलो। इस जगह को ऑरेंज टाउन के नाम से भी जाना जाता है। हरियाली से भरे इस खूबसूरत कस्बे के बारे में बहुत कम लोगों को पता है। अरूणाचल प्रदेश की ये अनछुई जगह घुमक्कड़ों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है।
कल्पना कीजिए आपके चारों तरफ हरियाली ही हरियाली फैली हुई है, पास से कलकल बहती नदी और स्वागत करने के लिए स्थानीय आदिवासी हों तो वो जगह कितनी प्यारी होगी। ऐसी ही अनोखी जगह है, आलो। आलो अरूणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग जिले का ये छोटा-सा कस्बा लिकाबली से 220 किमी. दूर स्थित है। खूबसूरती से भरा ये कस्बा सिपु और सियोम नदी के किनारे स्थित है। अगर आपको इस जगह के बारे में नहीं पता तो मेरे मानिए तो जल्द ही यहाँ जाने का प्लान बना डालिए।
क्या देखें?
वैसे तो आलो पैदल घूमने वाली जगह है। जहाँ आप जितना पैदल चलेंगे उतना ही आपको इस जगह से प्यार हो जाएगा। फिर भी आलो में कुछ जगहें हैं जिनको आप देख सकते हैं।
1- काजु विलेज
आलो अपने रिच कल्चर के लिए जाना जाता है। अगर आपको इस कल्चर को जानना है तो काजु विजेज आपको जाना चाहिए। आलो से लगभग दो किलोमीटर दूर इस गाँव में आदि जनजाति के लोग रहते हैं। ये उनकी पैतृक जगह है, यहाँ वे कई सौ सालों से रह रहे हैं। इस हरे-भरे गाँव में आप आदि जनजाति के कल्चर, वेशभूषा, धर्म के बारे में जान पाएँगे। इस गाँव में कुछ अलग बनावट के घर होते हैं जिनको देखकर आप हैरान रह जाएँगे। इसके अलावा यहाँ की हरियाली आपको दीवाना बना लेगी। इस गाँव को देखकर आपको लगेगा कि सारे गाँव इतने ही खूबसूरत ही होने चाहिए।
2- पाटुम ब्रिज
आलो की सबसे फेमस जगह जहाँ टूरिस्टों जरूर जाते हैं। 146 मीटर लंबा ये केबल ब्रिज इस जगह को दूसरी जगह से जोड़ने का काम करता है। इस जगह से खूबसूरत नजारा दिखाइ्र्र देता है। ब्रिज की नीचे योगमो नदी बहती दिखाई देती है, आसपास हरियाली और दूर तलक बर्फ की चाद से ढंके पहाड़। इस जगह से सूर्यास्त को देखना सबसे प्यारे नजारों में से एक होता है। ये ब्रिज जनवरी 1997 में बनकर पूरा हुआ था। इसलिए यहाँ के लोग जनवरी में यहाँ एक फेस्टिवल भी मनाते हैं। अगर आप जनवरी में आते हैं तो इस फेस्टिवल को देख सकते हैं।
3- दारका
अरूणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग का सबसे बड़ा गाँव है, दारका। घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा ये गाँव सिपु, हिरी और हिसुम नदियों को पार करने के बाद आता है। गाँव बड़ा होने के बावजूद खूबसूरत है आसपास के पहाड़ और हरियाली इस जगह को खास बनाते हैं। इस गाँव में गालो जनजाति के लोग रहते हैं। इस गाँव में मोपिन फेस्टिवल मनाया जाता है जो बहुत फेमस है। आप अगर आलो जाते हैं तो इस गाँव को जरूर देखना चाहिए।
4- हैंगिंग ब्रिज
कभी-कभी घूमते हुए ऐसी चीजें दिख जाती हैं जिन पर विश्वास करना आसान नहीं होता है। आलो में हैंगिंग ब्रिज को देखकर आपको भी ऐसा ही कुछ एहसास होगा। जरा सोचिए कि रस्सियों और बांस से पुल को कैसे बनाया गया होगा? 60-70 मीटर लंबा इस ब्रिज से आदिवासी लोग शहरी इलाकों में आते-जाते हैं। इस पुल पर जब आप चलेंगे तो ये हिलता है जो आपको शायद डरा भी दे। ब्रिज के नीचे नदी बह रही होती है और आसपास खूबसूरत पहाड़ हैं फिर भी वे आपका ध्यान नहीं भटकाएँगे। जब आप चलेंगे तो आपके मन में ये जरूर आएगा कि अब बचके उस पार पहुँच जाऊँ बस।
5- आरेंज के बाग
ऑरेंज टाउन में आओ और संतरे न देख पाओ ऐसा कहीं हो सकता है? आपको यहाँ के ऑरेंज के बागों में जाना चाहिए। ये बाग आपको अपनी खूबसूरती से चकाचौंध कर देंगे। ये बाग आलो के सबसे फेमस जगहों मे से एक है। यहाँ के ऑरेंज बहुत अच्छे होते हैं इसी वजह से तो हर जगह फेमस हैं। आपको आलो में किसी से पूछना नहीं पड़ेगा कि ऑरेंज के बाग किस तरफ हैं। आप खुद ही उनकी ओर खिंचे चले जाएँगे। इन सबके अलावा भी आलो में आप कभी जगहें जा सकते हैं। आप यहाँ दोन्यी पोलो मंदिर और केबिल ब्रिज को भी देख सकते हैं।
क्या करें?
1- रिवर राफ्टिंग
आलो में आप रिवर राफ्टिंग कर सकते हैं। आपको शायद पता नहीं है ये जगह रिवर राफ्टिंग की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। यहाँ की सिलोम नदी में आपको रिवर राफ्टिंग करने का मौका मिलेगा। आपको बता दें कि सिलोम नदी ब्रम्हपुत्र नदी की सहायक नदी है। अगर आपको रिवर राफ्टिंग करने का शौक है तो आप यहाँ कर सकते हैं। इसके अलावा आप यहाँ हाइकिंग और ट्रेकिंग भी कर सकते हैं
2- लोकल लोगों से मिलिए
किसी भी जगह को अच्छे से जानना हो तो वहाँ के लोगों से मिलिए। अगर लोग प्यारे होते हैं जगह भी खूबसूरत लगने लगती है। आलो के लोग बेहद अच्छे हैं। आप इन लोगों से बात कर सकते हैं, इन लोगों के साथ नदी किनारे जाकर मछली पकड़ सकते हैं और इन लोगों के साथ डिनर कर सकते हैं। यहाँ के स्थानीय लोग बंबू में देसी शराब पीते हैं। आप यहाँ जाएँगे तो आपको भी ऑफर की जाएगी। यकीन मानिए यहाँ के लोग ही इस जगह को खास बनाते हैं।
कब जाएँ?
आलो जाने के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों का है। आपको यहाँ दिसंबर से जनवरी के बीच में जाना चाहिए। गर्मियों के समय में बहुत गर्मी पड़ती है। बरसात के मौसम में आलो देखा जा सकता है लेकिन तब ट्रांसपोर्ट एक दिक्क्त बन सकती है लेकिन सर्दियों में ऐसी कोई समस्या सामने नहीं आती है। आलो में बहुत बड़े-बड़े तो लेकिन छोटे-छोटे होटल हैं जहाँ से शानदार व्यू देखने को मिलता है। अगर आपको बड़े होटल में ठहरना है तो आलो से 100 किमी. दूर पासीघाट में आपको वो सुविधा मिल जाएगी।
कैसे पहुँचे?
आलो अरूणाचल प्रदेश के सबसे भीतरी इलाकों में है इसलिए यहाँ से रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट दूर हैं। अगर आप फ्लाइट से आने चाहते हैं तो सबसे नजदीकी एयरपोटी लीलाबरी है जो आलो से 240 किमी. दूर है। अगर आप ट्रेन से आने की सोच रहे हैं तो निकटतम रेलवे स्टेशन सिलापत्थर है जो आलो से 150 किमी. की दूरी पर है। यहाँ से आप टैक्सी बुक करके आलो जा सकते हैं।
क्या आपने कभी ऑरेंज टाउन आलो की यात्रा की है? अपने सफर का अनुभव यहाँ लिखें।
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