बड़कोट उत्तराखंड में यमुनोत्री के पास स्थित बेहद खूबसूरत जगहों में से एक है। यह जगह यमुनोत्री से 50 किमी की दूरी पर स्थित है। ऊंचे-नीचे हरे-भरे पहाड़, नीला आसमान और बीच में साफ-सुथरी नदी इस जगह की खूबसूरती दोगुना करने का काम करती है। प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर इस जगह में एडवेंचर करने का मौका भी मिलेगा। बड़कोट अपनी नेचुरल ब्यूटी और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। नेचर लवर्स के साथ ही बर्ड्स वाचर्स और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए भी ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है।
बड़कोट क्यों जाएं?
यह हिल स्टेशन एक शांत जगह है, जहां लोग मन की शांति पाने और शांति का अनुभव करने के लिए आते हैं। बड़कोट प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित बंदरपूंछ चोटी के आसपास के स्थलों की मेजबानी करता है। यह जगह पक्षियों को देखने और जंगल में टहलने के लिए एक आदर्श जगह है। आप सेब और फलों के बागों से कुछ स्वादिष्ट ताजे फलों का आनंद ले सकते हैं। प्राकृतिक सुंदरता के अलावा यह स्थान उत्तराखंड के चार धाम स्थलों की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों और भक्तों के लिए एक पड़ाव स्थल भी है। बड़कोट कई आश्रमों और धार्मिक महत्व के कई पवित्र मंदिरों से युक्त है। बड़कोट कई साहसिक खेल गतिविधियों जैसे हाइकिंग, ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग और कई अन्य गतिविधियों का भी घर है।
बड़कोट के आसपास देखने लायक जगहें
1. सूर्य कुंड
विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम में सूर्य कुंड अपना अलग ही महत्व रखता हैं। कहा जाता है कि आज भी भागीरथी की धारा इन्हीं कुंडों से होकर आगे बढ़ती है। पुराणों में भी इस कुंड का उल्लेख किया गया है। इतना ही नहीं इनकी खूबसूरती निहारने के लिए दुनिया भर से सैलानी हर साल यहां पहुंचते हैं। माना जाता है कि इस कुण्ड का पानी इतना गर्म रहता है कि इसमें आलू को गर्म करके खाया जा सकता हैं। सूर्यकुंड के पानी का तापमान 1900F होता हैं।
2. यमुनोत्री मंदिर
बड़कोट का धार्मिक पर्यटन स्थल यमुनोत्री धाम पर्यटकों के बीच बहुत अधिक प्रसिद्ध हैं। युमनोत्री को चार धामों में से एक माना जाता है। मंदिर के कपाट दीवाली के बाद बंद कर दिए जाते हैं। वहीं, अक्षय तृतीया के दिन चार धाम के कपाट खोले जाते हैं।
3. हनुमान चट्टी
हनुमान चट्टी एक मंदिर है, जो भगवान हनुमान को समर्पित है। यह मंदिर बड़कोट से 36 किलोमीटर की दूरी पर हैं। गढ़वाल हिमालय में हनुमान चट्टी के एक ही नाम से दो स्थान हैं। एक मंदिर यमुनोत्री धाम पर स्थित है, जबकि दूसरा बद्रीनाथ मंदिर तक है। हनुमान चट्टी को यमुनोत्री और डोडी ताल के बीच ट्रेकिंग के लिए जाना जाता हैं।
4. बंदरपूंछ चोटी
माउंट बंदरपूंछ ट्रेकर्स और पर्वतारोहियों के लिए एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन है, जो एक चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग का अनुभव प्रदान करता है। माउंट बंदरपूंछ के शिखर तक का ट्रेक घने जंगलों, अल्पाइन घास के मैदानों और ग्लेशियरों से होकर गुजरता है, जो क्षेत्र के विविध वनस्पतियों और जीवों की झलक प्रदान करता है। 12 किमी लंबा ये ग्लेशियर 6316 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।
5. लाखामंडल
लाखामंडल चकराता क्षेत्र में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। मंदिर के देवता भगवान शिव हैं। लाखामंडल परिसर में आज भी कई मंदिरों के अवशेष मौजूद हैं। यहां ग्रेफाइट से बना शिवलिंग है जो पानी डालने पर चमकता है।ऐसी मान्यता है कि मंदिर में अगर किसी शव को इन द्वारपालों के सामने रखकर मंदिर के पुजारी उस पर पवित्र जल छिड़कें तो वह मृत व्यक्ति कुछ समय के लिए पुन: जीवित हो उठता है। जीवित होने के बाद वह भगवान का नाम लेता है और उसे गंगाजल प्रदान किया जाता है। गंगाजल ग्रहण करते ही उसकी आत्मा फिर से शरीर त्यागकर चली जाती है। लेकिन इस बात का रहस्य क्या है यह आज तक कोई नहीं जान पाया। यह मंदिर बड़कोट से 25 किमी की दूरी पर स्थित है।
बड़कोट जाने का सबसे अच्छा समय
अप्रैल, मई और जून के गर्मियों के महीनों को बड़कोट की यात्रा के लिए सबसे आरामदायक समय माना जाता है जब तापमान सुखद होता है और तापमान 29 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं होता है। हालाँकि, यदि आप क्लासिक हिमालयन विंटर चिल का अनुभव करना चाहते हैं तो अक्टूबर से फरवरी के सर्दियों के महीनों के दौरान बड़कोट की यात्रा कर सकते है। इस समय उपयुक्त सर्दियों के कपड़े साथ जरूर लेकर जाएं क्योंकि इन महीनों के दौरान तापमान 4- 2 डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है।
कैसे पहुंचें बड़कोट?
फ्लाइट से: बड़कोट का सबसे निकटतम एयरपोर्ट देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है। जोकि बड़कोट से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। हवाई अड्डे से आप बस या यहाँ के स्थानीय साधनों की मदद से बड़कोट आसानी से पहुँचा जा सकता है।
ट्रेन से: बड़कोट का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून और ऋषिकेश जंक्शन हैं। स्टेशन से आप यहाँ चलने वाले स्थानीय साधन की मदद से बड़कोट पहुँच जाएंगे।
बस से: बड़कोट सड़क मार्ग के माध्यम से अपने आसपास के सभी शहरो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। बता दें कि सड़क मार्ग के माध्यम से बड़कोट देहरादून, उत्तरकाशी और ऋषिकेश मार्ग के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं।
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