गोआ में नहीं दिखेंगी आपकी पसंदीदा शैक्स, पीक सीज़न में मज़ा हो सकता है फीका! 

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गोआ, घुमक्कड़ों का शहर, मस्तीखोरों का ख़ज़ाना। अपने सारे दुःख और ज़िन्दगी की परेशानियाँ भूल भाल कर पूरे भारत से लोग अपनी छुट्टियाँ एन्जॉय करने के लिए पहुँचते हैं यहाँ। लेकिन गोआ की पहचान, रंग-बिरंगी शैक्स का मज़ा फीका पड़ने वाला है। सितंबर का महीना गोआ का बेस्ट सीज़न होता है। लेकिन अपने इस बेस्ट सीज़न में भी गोआ की आलीशान शैक्स खाली हैं और इस बार शायद खाली ही रहेंगी। क्योंकि राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने राज्य सरकारों को अपने तटीय क्षेत्र प्रबंधन योजना का प्लान देने का आदेश जारी किया था।

जब तक गोआ सरकार अपनी योजना का ब्यौरा एनजीटी के सामने नहीं रखती, तब तक गोआ की ये शैक्स बन्द ही रहेंगी। हालाँकि इससे केवल सरकारी क्षेत्र की शैक्स को ही नुकसान झेलना पड़ेगा, प्राइवेट शैक्स पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

कब तक थी समय सीमा

अपनी इस योजना का प्लान देने के लिए सरकार ने मई 2018 की आख़िरी तारीख़ दी थी। इसे आगे बढ़ाकर एनजीटी ने अगस्त 31 कर दिया। जब ये तारीख़ भी निकल गई तो इसे छः महीने आगे बढ़ा दिया गया। अब ये तारीख़ नवम्बर 15, 2019 कर दी गई है। गोआ को छोड़ दें तो बाकी सभी राज्यों ने इससे संबंधित रिपोर्ट एनजीटी को सौंप दी है। गोआ का तटीय क्षेत्र 105 कि.मी. लंबा है और पर्यटन के लिहाज़ से महत्त्वपूर्ण भी।

क्या है तटीय क्षेत्र प्रबंधन योजना का फ़ायदा

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के तटीय विनिमयन क्षेत्र 2011 की अधिसूचना के अंतर्गत सभी तटीय राज्यों को अपनी योजना की जानकारी देना ज़रूरी है। इस योजना के तहत सभी तटों को कुल तीन हिस्सों में बाँटा जाएगा; व्यावसायिक, पर्यावरणीय और ग़ैर विकासी क्षेत्र। इनके होने से एनजीटी को पर्यावरण संचयन में मदद मिलेगी और आगे कम दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

क्या रास्ता बचा है गोआ सरकार के पास

गोआ राज्य की सर्वाधिक आमदनी पर्यटन से ही होती है। इन शैक्स के मालिकों को सरकार ने एनजीटी से थोड़ा समय माँगने और रियायत बरतने का आश्वासन दिया है। कैलंगुट विधानसभा क्षेत्र, जो कि पर्यटन के लिहाज़ से बहुत महत्त्वपूर्ण है, से आने वाले विधायक और कैबिनेट मंत्री माइकल लोबो ने एनजीटी को शपथ पत्र जारी करने की बात कही। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ये शैक्स पूरी तरह से अस्थायी हैं और इनको बन्द नहीं किया जाना चाहिए। इस नवम्बर तक उन्होंने एनजीटी को तटीय क्षेत्र प्रबंधन योजना का ब्यौरा दे देने को भी कहा।

पर्यटन विभाग के मंत्री मनोहर अजगाँवकर ने सितम्बर के अंत तक झोपड़ियों के आवंटन की प्रक्रिया पूरा करने का आश्वासन दिया। इसके अंतर्गत भी तीन प्रकार के लोगों को शैक्स का आवंटन होगा-

1. वे, जिन्हें अपने ज़िले में शैक्स चलाने का अनुभव 10 साल से ज़्यादा है। इन्हें पहली श्रेणी में रखा जाएगा।

2. वे, जिन्हें अपने ज़िले में शैक्स चलाने का अनुभव 5 से 10 साल तक है। इन्हें दूसरी श्रेणी में रखा जाएगा।

3. वे, जिन्हें अपने ज़िले में शैक्स चलाने का अनुभव 5 साल से भी कम है। इन्हें तीसरी श्रेणी में रखा जाएगा।

आप सबको ही पता है, पर्यटन के लिए जितने ज़रूरी गोआ के बीच है, उतनी ही ज़रूरी हैं ये शैक्स। राज्य सरकार हर साल मार्च महीने में इन शैक्स की नीलामी करके अच्छा पैसा बनाती है। इन झोपड़ियों से ही स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलते हैं और अस्थायी होने के चलते हर साल मॉनसून सीज़न आते ही ये झोपड़ियाँ भंग हो जाती हैं।

आपके अनुसार ये समस्या कितने समय में सुलझ जाएगी, कमेंट्स में हमें बताएँ।

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