पूरा दिन वाटर-स्पोर्ट्स के मजे लेने के बाद थकान तो बहुत थी,पर घूमने का उत्साह उससे भी कहीं ज्यादा था। थोडा देर होटल में जा के आराम करने या कहिये घूमने के लिए ताकत बटोरने के बाद हम फिर से निकल पड़े समुद्री हवाओं का आनंद उठाने। शाम का प्लान इस तरह से था कि अंजुना (Anjuna Beach ),वागेटर (Vagator Beach) के समुद्र तट देखने के बाद बागा (Baga) के समुद्र तट पर बने शैक पर ही रात्रि भोजन का मजा लिया जाये।इस वृतांत को आगे पढ़ने के लिए क्लिक करिये
हमारे होटल से अंजुना बीच की दूरी आठ किलोमीटर थी। यहाँ पर ही हमने सूर्यास्त के मजे लिए।यहाँ कि खास बात ये है कि नारियल के पेड़ों से घिरे इस समुद्र तट की रेट लाल है जो कि शाम के समय बहुत ही अच्छी लगती है और रेट के साथ साथ कुछ शिलाखंड भी हैं जिन से यहाँ कि छटा और बढ़ ही जाती है और यहाँ कि हरियाली के साथ साथ हाँ पर लगने वाली बाजार भी जग प्रसिद्ध है। भीड़भाड़ से भरा हुआ ये समुद्री किनारा सड़क से लगा हुआ है जिससे यहाँ पहुंचना काफी आसान है। देखिये यहाँ के कुछ दृश्य -
आकर्षक अंजुना बीच
हरियाली के साथ समुद्र का छोर
बादलों के मध्य छुपे हुए सूर्य देवता
थोड़ी देर यहाँ के नज़रों के बाद हम वागाटोर देखने चल पड़े, यहाँ की खासियत ये है कि सफ़ेद रेत पर काली काली बड़ी बड़ी चट्टानें हैं, और उसके साथ में नारियल के पेड़। इन चट्टानों पर आ कर जब लहरें टकराती हैं तो खूबसूरती और बढ़ जाती है। और समुद्र के पानी का रंग हरा सा लगता है जो कि शायद आसपास की हरियाली कि वजह से हो। रात का समय होने के कारण यहाँ का कोई चित्र नहीं हो पाया, परन्तु यहाँ आ कर ये अफ़सोस सा हो रहा था कि काश रौशनी में कुछ समय यहाँ बिता पाते,अगर जल्दी निकल गए होते। इसके बाद अब रात के खाने का समय था तो सोचा गोवा आ कर के समुद्र किनारे अगर कैंडिल लाइट डिनर नहीं किया तो क्या किया,इसलिए निकले बागा बीच और खाना आने में जितनी देर लगी उसके तो कहने ही क्या थे। पर खाने के स्वाद ने निराश नहीं किया। अब तक सब थक के चूर हो गए थे मन में ये था कि बस होटल पहुँच कर किसी तरह सो जाएँ क्यूंकि अगले दिन फिर निकल पड़ना था यहाँ का आनंद लेने के लिए। तो इसी के साथ मिलते हैं अगली पोस्ट के साथ ,तब तक के लिए अनुमति दीजिये।