नग्गर के बेहद शानदार प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर, जिनको जरूर देखना चाहिए

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Photo of नग्गर के बेहद शानदार प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर, जिनको जरूर देखना चाहिए by Rishabh Dev

ऊंचे-ऊंचे खूबसूरत पहाड़ और दूर तलक दिखाई देने वाली हरियाली, ऐसी शानदार जगह पर हर घूमने वाले व्यक्ति जाना चाहेगा। व्यास नदी के किनारे बसा नग्गर ऐसी ही ख़ूबसूरती का घर है। नग्गर कभी कुल्लू राजशाही की राजधानी हुआ करता था। यहाँ आज भी राजा का महल नग्गर कैसल है। गर्मियों में यहाँ का मौसम सुहावना रहता है और सर्दियों में जमकर बर्फ़बारी होती है। इन सबके अलावा हिमाचल प्रदेश के प्राचीन नग्गर में चुनिंदा प्राचीन मंदिर हैं, जो देखने लायक़ हैं।

नग्गर के चुनिंदा मंदिर:

1- गौरीशंकर मंदिर

नग्गर के सबसे प्राचीन और लोकप्रिय मंदिरों में से एक है, गौरीशंकर मंदिर। नग्गर कैसल से 1 किमी. की दूरी पर स्थित ये प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर के गर्भागृह में गौरी-शंकर की सुंदर प्रतिमा स्थापित है। मंदिर की नक़्क़ाशी बेहद शानदार है। कला व स्थापत्य की दृष्टि से ये मंदिर 11वीं-12वीं शताब्दी से संबंधित है। मंदिर की दीवारों पर बेहद सुंदर चित्रकारी की गई है। ये गुर्जर-प्रतिहार की अंतिम महान धरोहरों में से एक है। नग्गर के गौरीशंकर मंदिर क राष्ट्रीय महत्व का संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है।

2- त्रिपुरा सुंदरी मंदिर

त्रिपुरा सुंदरी मंदिर नग्गर का बेहद प्राचीन मंदिर है। ये मंदिर पागोडा शैली में बना हुआ है। इस प्राचीन मंदिर का आर्किटेक्चर देखने लायक़ है। मंदिर में तीन छत हैं जिसमें एक लकड़ी से बना स्ट्रक्चर काफ़ी खूबसूरत नज़र आता है। मंदिर के अंदर कई देवी-देवताओं की मूर्ति भी हैं। त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में भगवान गणेश की विशेष पूजा होती है। इसके अलावा मंदिर में भगवान ब्रह्मा की भी विधि विधान से पूजा होती है। आप नग्गर के मंदिरों को देखने का प्लान बनाएँ तो इस मंदिर को देखना ना भूलें।

3- मुरलीधर कृष्ण मंदिर

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नग्गर में कई सारे प्राचीन स्थल हैं। इन्हीं प्राचीन स्थलों में से एक है, मुरलीधर कृष्ण मंदिर। इस मंदिर के बारे में कम ही लोगों को पता है। ये मंदिर नग्गर ब्यास नदी के किनारे से 300 मीटर ऊपर स्थित है। इस मंदिर के निर्माण की अवधि लगभग 5000 साल पहले प्रारंभिक मध्ययुगीन काल की मानी जाती है। नग्गर का मुरलीधर कृष्ण मंदिर शिकारी शैली में बना हुआ है। मंदिर के अंदर राधा और कृष्ण की मूर्ति स्थापित है। इसके अलावा मंदिर में लक्ष्मी-नारायण के साथ पद्म संभव और गरुड़ की मूर्ति भी रखी हुई है। लंबे समय तक देवताओं के इस मंदिर को शाही संरक्षण प्राप्त था।

4- चतुर्भुज नारायण मंदिर

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गौरीशंकर मंदिर से जब आप नग्गर कैसल जाएँगे तो रास्ते में आपको मंदिर मिलेगा, चतुर्भुज नारायण मंदिर। नग्गर कैसल के पास में ये मंदिर स्थापित है। इस मंदिर के परिसर में मंदिर के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। मदिर के दोनों तरफ़ होटल हैं और सामने नग्गर कैसल दिखाई देता है। क्रंकीट संरचनाओं के बीच छिपा हुआ ये मंदिर आसानी से नज़र नहीं आता है। शिखर शैली में बने चतुर्भुज नारायण मंदिर देखने में काफ़ी प्राचीन प्रतीत होता है लेकिन नग्गर के बाक़ी मंदिरों की तुलना में इस मंदिर का रखरखाव ना के बराबर है। नग्गर कैसल देखने जाएँ तो इस मंदिर को ज़रूर देख लें।

5- जगदी पट मंदिर

नग्गर कैसल के अंदर एक प्राचीन मंदिर है जिसे जगदी पट के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर के अंदर एक एक बड़ी चट्टान स्थापित है। कहा जाता है कि मधुमक्खियाँ दिव्य शिला को इस जगह पर लेकर आईं। उसी स्थान पर पत्थर और लकड़ी का मंदिर बनाया गया। नग्गर कैसल का निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ था। ये मंदिर कुल्लू राजवंश का तीर्थस्थल है। मंदिर दिन में कुछ समय के लिए खुलता है लेकिन मंदिर के गेट पर जाली लगी हुई है इसलिए मंदिर अगर बंद भी हो, तब भी आप मंदिर के अंदर देख सकते हैं। नग्गर कैसल घूमते हुए आपको ये प्राचीन मंदिर देखने को मिल जाएगा।

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