आज मेरा बर्थडे था जी हां आपकी जान आपके निज़ाम का जन्मदिन था , तो गुरु हजारों की संख्या में शुभकामनाएं मिली दिल बहुत खुश हुआ , मैंने कभी सोचा नही था इस बार इतनी ज्यादा शुभकामनाएं मिलेगी , लेकिन फिर भी न जाने मुझे किसी एक खास की शुभकामनाओं का इंतज़ार था , जो की दिन अंत होने तक पूर्ण नही हुआ , खैर उनके होने न होने से कुछ फ़र्क नही पड़ा ये मेरी जिन्दगी में काफी सालों बाद ऐसा हो रहा था , हां मगर मुझे इस बात का कोई मलाल या गम नही था , और न ही कोई अफसोस , क्योंकि शायद मेरी मंजिल धीरे धीरे मेरे पास आ रही है , इसलिए , पता नही क्या , पर अब आपका भाई इस सब चीजों से बहुत उपर उठ चुका है , 🥰 अब मुझे इंतज़ार रहता है तो बस उस दिन का जब मैं घर से बाहर घूमने निकलता हूं 😃 मुझे इसी दिन का इंतज़ार था सब कुछ अच्छा होने के बाद मैं और मेरे दोस्त घूमने निकले जैसा की आप सब जानते है को में कितना कंजूस हूं , उसमे मेरे मात्र ७०० रुपए ही खर्च हुए और बाकी सब okay रहा और पूरा डियर पार्क घूमने के बाद उस एक शख्स की कमी खल रही थी जो वहां से बाहर आने के बाद खत्म हो गई 🤣😅🤣 खैर उसे छोड़ो वहां से निकलने के बाद हम एक सोसायटी में खो गए क्योंकि उस सोसायटी का नाम वुडलैंड था और दीपेश को वुडलैंड के शोरूम से वुडलैंड के जूते लेने थे सो वो गधा हमे पूरा सोसायटी घुमा लाया , और अंत में मालूम पड़ा कि शोरूम तो डिस्ट्रिक्ट सेंटर के अंदर है , फिर हम वहा भागे वहां भी दीपेश को जूते पसंद नही आए तो हम फिर पैसिफिक भागे दुर्भाग्य से वहां का वुडलैंड शोरूम बंद हो गया था , फिर पुनः हम डिस्ट्रिक्ट सेंटर भागे 😅 और फिर हमने दीपेश के लिए जूते लिए भाई ने ५००० के जूते लिए मुझे दिल से खुशी हुई कि मेरा coder दोस्त अपनी मेहनत की कमाई से जूते ले रहा है , एंड फिर हम बिरयानी खाने द्वारका मोड़ पहुंचे और हमने 5 लोगो ने मिलकर हर एक के लिए हाफ हाफ प्लेट बिरयानी ऑर्डर की और सबने भाई पेट भरके खाया हमे बहुत मज़ा आया , और वाकई में ये दिन काफ़ी सालों बाद यादगार रहा गुरु 🥰🥰 तो दोस्त मिलते है अगले सफ़र पर । यूट्यूब पर विडियो देखना न भूलें मुसाफिर निज़ाम आपकी जान