अजमेर से 15 किलोमीटर दूर धार्मिक नगरी पुष्कर पूरे विश्व में घाट और मंदिर के लिए विश्व प्रसिद्ध है पुष्कर में प्रतिवर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन मेला लगता है राजस्थान वासियों के लिए पुष्कर एक विशेष महत्व रखता है पहले दिन अजमेर से पुष्कर पहुंचे बस रिक्शा द्वारा पुष्कर पहुंचा जा सकता है पुष्कर में रहने की अच्छी सुविधाएं है पुष्कर में सबसे पहले पुष्कर के घाट देखें
-ब्रह्मा मंदिर
घाट के किनारे शांति व सुंदरता महसूस होती है घाट के आसपास बहुत सारे मंदिर बने हुए हैं और घाटों पर बहुत सारी पूजा की सामान की दुकानें बहुत सारे लोग यहां पर पूजा व स्नान करने आते हैं
घर देखने के बाद में ब्रह्मा मंदिर को देखें जो विश्व का एकमात्र और सबसे बड़ा मंदिर हैं जिसका निर्माण सबसे पहले शंकराचार्य ने करवाया था यहां पर ब्रह्मा जी की विधिवत रूप से पूजा होती है
- सावित्री माता मंदिर
घाट और ब्रह्मा जी का मंदिर के दर्शन करने के बाद में पुष्कर के बाजार का भ्रमण करते हुए कुछ ही दूरी पर सावित्री माता का मंदिर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है यह मंदिर बहुत ही सुंदर दिखाई देता है मंदिर तक चढ़ने के लिए सीढ़ियां व रोपवे का इस्तेमाल किया जा सकता है सावित्री माता के मंदिर से पूरे पुष्कर का नजारा देखा जा सकता है मंदिर के ऊपर से पुष्कर के आसपास का रेगिस्तान पहाड़ व सुंदर प्राकृतिक दृश्य देखा जा सकता है
- रंगनाथ जी का मंदिर
पुष्कर के बीचो बीच घाटों से कुछ ही दूरी पर रंगनाथ जी का मंदिर बना हुआ है
-अन्य
1 पुष्कर के आसपास रेगिस्तान है जहां पर कैमल सफारी का आनंद लिया जा सकता है
2 पर मैं बहुत सारे रेस्टोरेंट रूफटॉप कैफे हैं जहां पर राजस्थानी गाने का स्वाद लिया जा सकता है
3 पुष्कर की गलियां बहुत ही सुंदर है जहां पर सभी प्रकार की खरीदारी व मिष्ठान की दुकानें है
4 पुष्कर में विशेष रूप से कड़ी कचोरी मालपुआ के लिए प्रसिद्ध है
5 शाम को घाट पर आरती का रोशनी का नजारा देखने लायक है
पुष्कर में कम से कम 1 या 2 दिन तक जरूर रहे