#गोआ
#आइए बताते है आप लोगो को गोआ विजिट का डिजिटल वृतांत। 2019 का समय था,कोरोना जैसी कोई चीज नही थी,सफर यात्रा का आनंद बखूबी ले रहे थे हम लोग,और खासकर जब सफर गोआ का तो थोड़ा रोमांच और भी बढ़ जाता है।
तो शुरू करते है,हम लोगो का शैक्षणिक भ्रमण का यह सफर ओल्ड गोवा से शुरू हुआ सबसे पहले हम लोग गोआ के वर्ल्ड हेरिटेज चर्च और पुरातत्विक संग्रहालय जाना था। हम लोग ट्रैन के सफर से अभी वास्को द गामा पहुँचे थे,स्टेशन से लौटकर तुरंत अपने पहले पड़ाव के लिए निकल गए मन मे उत्सुकता थी, क्योंकि इसके पहले चर्च देखे तो थे किंतु कभी अंदर जाकर नही उसे उस तरह से अनुभव नही किये थे,और जब वो वैश्विक धरोहर हो तो उत्सुकता और भी बढ़ जाती है।
#वैश्विक धरोहर घोषित होने के बाद यूनेस्को ने इसे "चर्च एंड कान्वेंट आफ ओल्ड गोआ" का नाम दिया। यह पुर्तगालियों की राजधानी थी। पुर्तगाली यहाँ आये तो व्यापार करने के लिए किन्तु यहाँ आने के बाद वो यही रह गए और लंबे समय तक यहाँ रहे। आज भी गोवा की संस्कृति मे पुर्तगालियों के संस्कृतियो का समावेश मिलता है। सबसे पहले हम लोग संग्रहालय में गए वहां अंदर जाते ही हमे एक बड़ी सी मूर्ति दिखाई देती है ,वो देखने मे तो योद्धा की मूर्ति लग रही थी किन्तु हमारे इस भ्रम को हमारे गाइड ने दूर किया उसने बताया कि यह एक पुर्तगाली कवि था। इसके अलावा गाइड ने हमे और भी आश्चर्य करने वाली चीजें बताई जैसे मछली वहाँ के लोगो का इतना प्रिय भोजन है कि वो इसे शाकाहार में गिनती करते है। यहाँ के घर जो कि झोपड़ी की तरह बनाये जाते थे क्योंकि यहाँ बारिश बहुत होती है इसलिए यहां ऐसे घर बनाये जाते थे। यहाँ के घर भी देखने मे अत्यंत आकर्षक और रंगीन दिख रहे थे जो कि बहुत मनभावन लग रहे थे,आप कह सकते है कि उदासी इस शहर में दूर दूर तक नही दिख रही थी।
#अब कई सारी सुंदर ,आकर्षक चीजे देखने के बाद हम लोग संग्रहालय के दूसरे तल पर पहुँचे,यह लकड़ी का तल था और ऊपर लगभग सारा काम लकड़ी का ही किया गया था।ऊपर बहुत ही अद्भुत पेंटिंग्स देखे जो की उस समय के शासको के थे,जो शासक मजबूत होता था उसी के ऊपर अपनी पेंटिंग करा देता था ,लगातार शोध चल रहा है जिससे कि पता लगाया जा सके कि इसके अंदर कौन सी चित्र थी। अब हम लोग इसको घूमकर चर्च जाने के लिये निकले।
#इस जगह कि ऐतिहासिक विरासत की बात करे तो ओल्ड गोवा को 15वी शताब्दी के समय बीजापुर के मुस्लिम सुल्तान ने गण्डली नदी के किनारे एक बंदरगाह के रूप में बनावाया था। 1510 में पुर्तगाली वायसराय अलफोंसो-डी-अल्बुकर्क ने व्यापारी विमोजी की सहायता से इस गाँव को ले लिया। लगभग 20वी शताब्दी तक यह पुर्तगालियों के प्रभाव में था,और अब यहाँ की संस्कृति का हिस्सा है।
हमने जो चर्च घुमा वो अलग अलग जगह पर थी उन सभी को मिलाकर इस जगह को वैश्विक धरोहर घोषित किया गया था,जो हमने घुमा उनके नाम कुछ इस प्रकार थे-
1.बेसिलिका ऑफ बाम जीसस,
2.बेसिलिका ऑफ बाम जीसस & सी कैथड्रल,
3.चर्च आफ सेंट केजेटन,
- जो चर्च बेसिलिका ऑफ बाम जीसस था वह 1605 में बनवाया गया था, यह सभी चर्चो में सबसे ज्यादा विजिट होने वाला चर्च है।
- इसके अतिरिक्त दूसरा सी कैथड्रल था यह 1619 में बनवाया गया था,यह गोवा में मुस्लिम अधिपत्य के बाद बनवाया गया था।
- अब तीसरा चर्च जो था वो सेंट केजेटन था,इसे 1700 में बनवाया गया था। यह रोम के सेंट पीटर बेसिलिका से प्रेरित था,यह गोवा के यूनिक चर्चो में आता है।
इन तीन चर्च को घूमने के बाद हमलोगो ने बहुत ही नया अनुभव प्राप्त किया। पहली बार चर्च के अंदर गए और वहां बैठे जहाँ लोग प्रार्थना के वक्त बैठे रहते है।वास्तव में वहाँ जो अनुभूति थी वो बहुत ही पवित्र थी वहाँ महसूस हुआ ईश्वर का घर किसी भी धर्म से जुड़ा हो हमेसा पवित्र ही रहता है।
#शाम हो चुका था अब हम इस वर्ल्ड हेरिटेज साइट को विजिट कर चुके थे,शाम के वक्त हम बीच पर पहुंचे,हमारे मन मे इस जगह को लेकर बहुत आशंकाएँ थी,जो कि हमारे पूर्वानुमान के बहुत उलट थी,लोग काफी सुलझे हुए थे,ऐसा कह सकते है यहां समुद्र किनारे आप मानसिक स्वंत्रता का अनुभव कर सकते है,बहुत सारी भ्रांतिया इस जगह को लेकर फैला दी जाती है,लेकिन आंखों देखी स्थिति कुछ और ही परिभाषा गढ़ रहे थे,कई परिवार भी बहुत खूबसूरत ढंग से यहां अपना समय व्यतीत कर रहे थे,रात के वक्त क्रूज राइडिंग हमारे जीवन के सबसे खूबसूरत लम्हो में से एक था,उस वक्त को शायद केवल और केवल महसूस किया जा सकता है,मेरा यही कहना है जब भी गोआ जाएं क्रूज राइडिंग जरूर करें,वहां इस क्षेत्र के परम्परागत कार्यक्रम भी होते है,इसके अलावा रात की रंगीन रोशनी में जब आप बीच समुद्र में हो और गाने की धुन चल रही हो तो इससे शानदार और भला क्या ही हो सकता है। इस तरह से हम सभी ने इस जगह पर भरपूर लुफ्त उठाया अब हमें रात्रि विश्राम के लिए अपने होटल भी जाना था,आगे की घुम्मकड़ी कहां कहां हुई आगे के लेख में आप सभी समक्ष लाऊंगा जुड़े रहिये।
#Jay Gupta
#Date-9 जनवरी 2019
#ओल्ड गोवा ,रंगीन गोवा |