खजुराहो मंदिर का रोचक इतिहास

Tripoto
23rd Mar 2021
Day 1

मध्यप्रदेश के छतरपुर में स्थित खजुराहों के मंदिर अपनी अद्भुत शिल्पकला और अकल्पनीय मूर्तिकला के लिए पूरी दुनिया भर में मशहूर है। यहां भारत के बेहद प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों का समूह है। वहीं इन मंदिरों की दीवारों पर बनी कामोत्तेजक मूर्तियां यहां आने वाले सभी सैलानियों का ध्यान अपनी तरफ आर्कषित करती हैं।

खजुराहों में हिन्दू और जैन धर्म के प्रमुख मंदिरों का समूह है, जो खजुराहों समूह के नाम से प्रसिद्ध है। चंदेला साम्राज्य में बने इस अद्भुत मंदिर को इसकी भव्यता और आर्कषण की वजह से विश्व धरोहर में शामिल किया गया है, तो आइए जानते हैं भारत के इस प्रसिद्ध खजुराहो के मंदिर के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य –

खजुराहों के मंदिरों के बारे में संक्षिप्त विवरण – Khajuraho Mandir Ki Jankari

कहां स्थित है (Khajuraho Ka Mandir Kaha Hai)भारत के मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित एक छोटा सा कस्बा है।खजुराहों के मंदिरों का निर्माण किसने करवाया (Khajuraho Temple Was Built By)चंदेला वंश के शासक चंद्रवर्मन ने करवाया था।खजुराहों के मंदिरों को कब बनवाया गया (Khajuraho Mandir Ka Itihas)950 और 1050 ईसवी के बीच खजुराहों के इस प्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण करवाया गया।

खजुराहो के मंदिर का इतिहास और इसकी प्रसिद्धि – Khajuraho Mandir History In Hindi

अपनी अद्भुत कलाकृति और कमोत्तेजक मूर्तियों के लिए दुनिया भर में मशहूर मध्यप्रदेश के छतरपुर के पास स्थित खजुराहों के मंदिर काफी प्राचीन है। खुजराहों के शानदार मंदिरों का निर्माण चंदेल साम्राज्य के समय में किया गया था। भगवान चंद्र के बेटा राजा चन्द्रवर्मन ने खजुराहों के ज्यादातर मंदिरों की स्थापना की थी।

वहीं जैसे ही चंदेला शासन की ताकत का विस्तार हुआ था, उनके साम्राज्य को बुंदेलखंड का नाम दे दिया गया था और फिर उन्होंने खुजराहों के इन भव्य मंदिरों का निर्माण काम शुरु किया था। इन मंदिरों के निर्माण में काफी लंबा वक्त लगा था, 950 ईसापूर्व से करीब 1050 ईसापूर्व तक इन मंदिरों का निर्माण किया गया था।

इसके बाद चंदेल वंश के शासकों ने अपनी राजधानी उत्तरप्रदेश में स्थित महोबा को बनी ली थी। वहीं खुजराहों के बहुत से मंदिर हिन्दू राजा यशोवर्मन और ढंगा के राज में बनाए गए थे, जिसमें से लक्ष्मण और शिव जी को समर्पित विश्वनाथ जी का मंदिर काफी प्रसिद्ध है। वहीं 1017 से 1029 ईसापूर्व में गंडा राजा के शासनकाल में बना कंदरिया महादेव का मंदिर खजुराहों के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।

आपको बता दें कि अपनी कलाकृति के लिए विश्व भर में मशहूर खजुराहो के मंदिर, उत्तरप्रदेश में स्थित महोबा से करीब 35 मील दूरी पर बनाए गए हैं। 12 वीं शताब्दी तक खजुराहों के मंदिर का सौंदर्य और आर्कषण बरकरार था, लेकिन 13 वीं सदी में जब दिल्ली सल्तनत के सुल्तान कुतुब-उद-द्दीन ने चंदेला साम्राज्य को छीन लिया था, तब खजुराहो मंदिर के स्मारकों में काफी बदलाव किया गया था, और इसके सौंदर्य में काफी कमी आ गई थी।

वहीं इसके बाद 13वीं से 18 सदी के बीच मध्यप्रदेश के खजुराहों के ऐतिहासिक और अद्भुत मंदिर मुस्लिम शासकों के नियंत्रण में थे। इस दौरान अपनी अद्भुत कलाकृति और शाही बनावट के लिए मशहूर इन मंदिरों को नष्ट भी कर दिया गया था। आपको बता दें कि लोदी वंश के शासक सिकंदर लोदी ने 1495 ईसवी में बलपूर्वक खुजराहों के कई प्रसिद्ध मंदिरों को ध्वस्त कर दिया था।

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वहीं कुछ इतिहासकारों के मुताबिक हिन्दू और जैन धर्म के इस खुजराहों के मंदिरों के समूह में पहले मंदिरों की संख्या 85 थी, जो कि पहले 20 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए थे, और अब इनमें से सिर्फ 20 मंदिर ही ऐसे बचे हैं, जो कि 6 किलोमीटर के दायरे में फैले हुए हैं। वहीं खजुराहों के इन मंदिरों में सही देखरेख के अभाव की वजह से काफी नुकसान भी हुआ था, इसके साथ ही कई मंदिरों से मूर्तियां भी गायब होने लगी थी।

यही नहीं कुछ लोगों ने खुजराहो के मंदिरों के दीवारों में बनाईं गईं कामोत्तक मूर्तियों को गलत संकेत मानकर नष्ट करने के भी प्रयास किए थे एवं इन अद्भभुत मूर्तियों को धर्म के विरुद्ध बताया था।

हालांकि, बाद में हिन्दू और जैन धर्म के लोगों ने मिलकर भारत के इस प्रसिद्ध मंदिरों की सुरक्षा को लेकर प्रयास भी थे किए, जिसकी वजह से सिर्फ 20-22 मंदिर ही सुरक्षित हैं, वहीं खजुराहों के मंदिरों को भव्यता और आर्कषण की वजह से साल 1986 में विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया था।

खजुराहों के मंदिर के निर्माण से जुड़ी कथा – Khajuraho Temple Story

अपनी अद्भुत कलाकृतियों और कामोत्तक मूर्तियों के लिए विश्व भर में प्रसिद्द यह खजुराहो के मंदिर के निर्माण से लेकर एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है, जिसके मुताबिक काशी के प्रसिद्द ब्राहा्ण की पुत्री हेमावती, जो कि बेहद खूबसूरत थी।

एक दिन नदी में स्नान कर रही थी, तभी चन्द्रदेव यानि कि चन्द्रमा की नजर उन पर पड़ी और वे उनकी खूबसूरती को देखकर उन पर लट्टू हो गए और हेमवती को अपना बनाने की जिद में वे वेश बदलकर उसके पास गए और उन्होंने हेमवती का अपहरण कर लिया।

जिसके बाद दोनों को एक-दूसरे से प्रेम हो गया और फिर दोनों को चन्द्रवर्मन नाम का एक बेटा हुआ, जो कि बाद में एक वीर शासक बना और उसने चंदेल वंश की नींव रखी। हेमवती ने चन्द्रवर्मन का पालन-पोषण जंगलों में किया था, वह अपने पुत्र को एक ऐसे शासक के रुप में देखना चाहती थी, जिसके कामों से उसका सिर गर्व से ऊंचा उठे।

वहीं अपनी माता के इच्छानुसार चन्द्रवर्मन एक साहसी और तेजस्वी राजा बना, जिसने मध्यप्रदेश के छतरपुर के पास स्थित खजुराहो में 85 बेहद खूबसूरत और भव्य मंदिरों का निर्माण करवाया, जो कि अपने आर्कषण की वजह से आज भी पूरे विश्व भर में जाने जाते हैं।

खजुराहों के मंदिर की अद्भुत कलाकृतियां अपने आप में अनूठी और अद्धितीय है। वहीं इन मंदिरों के दीवार पर बनाई गईं कुछ कामोत्तेजक कलाकृतियां काफी शानदार है, जिसकी वजह से खजुराहो के मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल में शामिल किए गया, जिसे देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं।

खजुराहो मंदिर का निर्माण कब करवाया गया – When Was Khajuraho Temple Built

अपनी अद्भुत कलाकृतियों और कामोत्तक मूर्तियों के लिए विश्व भर में प्रसिद्द खजुराहों में इन बेहद शानदार मंदिरों का निर्माण चंदेला साम्राज्य के समय 950 और 1050 ईसवी के बीच में राजा चंद्रवर्मन ने करवाया था। यहां हिन्दू और जैन धर्म के मंदिरों का समूह है। खजुराहों के मंदिरों में महादेव जी को समर्पित एक कंदरिया महादेव जी का मंदिर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और भव्य मंदिर है।

खजुराहो मंदिर की प्रमुख विशेषताएं – Features Khajuraho Temple

खजुराहों के मंदिर अपनी भव्यता और सुंदर कलाकृतियां एवं मनमोहक कामोत्तक मूर्तिकला की वजह से पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है। इस प्राचीनतम मंदिर की सुंदर कलाकृतियां दुनिया की सबसे खूबसूरत कलाकृतियों में शुमार हैं, जो कि कलाप्रेमियों का ध्यान अपनी तरफ आर्कषित करती हैं।

खजुराहों के मंदिर में दीवारों पर बनी इन अद्धितीय मूर्तियों की बेहतरीन कारीगिरी और नक्काशी की हर कोई तारीफ करता है। खुजराहों के मंदिर में बनी कामोत्तेजक मूर्तियां इसकी प्रमुख विशेषता हैं, इन आर्कषक मूर्तियों के द्धारा जो कामुक कला के अलग-अलग आसन प्रदर्शित किए गए हैं, लेकिन फिर भी यह प्रतिमाएं अश्लील प्रतीत नहीं होती हैं।

इस प्राचीन मंदिर की कलाकृतियों की अद्भुत शिल्पकारी और प्रभावशाली मूर्ति कला की भव्यता की वजह से इन्हें विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया है। इस शानदार खजुराहों के मंदिर के अंदर करीब 246 कलाकृतियां हैं जबकि 646 कलाकृतियां बाहर हैं, जिनमें ज्यादातर कलाकृतियां कामुकता को प्रदर्शित करती हैं। इसकी बेहद विशेष कलाकृतियों की वजह से खजुराहों के मंदिर की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान है

Photo of खजुराहो मंदिर का रोचक इतिहास by RAVI TRAVELS
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खुजराहों में देवी-देवताओं को समर्पित हैं कई मंदिर – Khajuraho Temples नंदी मंदिर – Nandi Temple अपनी आर्कषित और मनमोहक कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध खजुराहो का यह प्रसिद्ध मंदिर शिव वाहक नंदी को समर्पित है, जिसकी लंबाई कुल 2.20 मीटर है, और इसमें 12 खंभे बने हुए हैं। यह प्रसिद्ध मंदिर विश्वनाथ मंदिर के आकृति के सामान है। पार्वती मंदिर – Parvati Temple Khajuraho वर्ल्ड हेरिटेज साईट में शामिल खजुराहो के मंदिर के अंदर माता पार्वती को समर्पित खूबसूरत मंदिर बना हुआ है, इस मंदिर में देवी गंगा भी विराजमान है। सूर्य मंदिर – Chitragupta Temple अपनी विशेष कलाकृति के लिए मशहूर इस प्रसिद्द खजुराहो के मंदिर के अंदर भगवान सूर्य को समर्पित चित्रगुप्त का मंदिर बना हुआ है, जिसमें भगवान सूर्य की एक बेहद आर्कषक करीब 7 फीट ऊंची मूर्ती रखी गई है, जो कि 7 घोड़े वाले रथ को चलाती हुई प्रतीत होती है। विश्वनाथ मंदिर – Vishwanath Temple Khajuraho मध्यप्रदेश राज्य के छतरपुर के पास स्थित भारत के इस प्रसिद्ध और भव्य मंदिर के अंदर भगवान शंकर जी को समर्पित विश्वनाथ जी का मंदिर बना हुआ है, जो कि यहां बने सर्वश्रेष्ठ मंदिरों में से एक हैं।

कंदरिया महादेव मंदिर – Kandariya Mahadeva Temple

करीब 31 मीटर ऊंचे बने खजुराहों का यह कंदरिया महादेव मंदिर खुजराहों के मंदिरों में सबसे विशाल और भव्य मंदिर है, जो कि भगवान शिव जी को समर्पित है, इस मंदिर में कामुकता को दर्शाती हुईं करीब 872 मूर्तियां हैं, और प्रत्येक मूर्ति की ऊंचाई करीब 1 मीटर है।

लक्ष्मण मंदिर – Lakshmana Temple

दुनिया के इस भव्य मंदिर के अंदर पर लक्ष्मण मंदिर काफी प्रसिद्ध है, इसके रामचंद्र चतुर्भुज मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित ऐसा मंदिर है, जो कि चंदेल वंश के शासकों के समय में बनाया गया था।

देवी जगदंबा मंदिर – Devi Jagadambi Temple

कुंडलीदार और बेहद जटिल रचना के आकार में बने इस विश्व प्रसिद्ध खजुराहो के अंदर के अंदर देवी जगदंबा का मंदिर है, जो कि कंदरिया महादेव के उत्तर की तरफ बना हुआ है। जो कि कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्द है।

चौंसठ योगिनी मंदिर – Chausath Yogini Temple Khajuraho

खजुराहों यह मंदिर 64 योगिनियों को समर्पित सबसे प्राचीन मंदिर है। जिसका निर्माण ग्रेनाइट के सुंदर पत्थरों से किया गया है।

मंतगेश्वर मंदिर – Matangeshwar Temple Khajuraho

मंतगेश्वर मंदिर, खजुराहों का सबसे प्राचीन मंदिर है, जिसका निर्माण राजा हर्षवर्मन द्धारा करीब 920 ईसवी में करवाया गया था, इसके बाद इस मंदिर में 2.5 मीटर का शिवलिंग भी मौजूद है, जहां अभी भी पूजा-अर्चना की जाती है। इस मंदिरों के अलावा यहां वराह एवं लक्ष्मी का मंदिर भी बना हुआ है।

वहीं पूर्वी समूह के मंदिरों में वामन, विष्णु के वामन अवतार को समर्पित वामन, जैन, जावरी मंदिर स्थित हैं, जबकि दक्षिण समूह के मंदिरों में चतुर्भुज, दूल्हादेव आदि प्रसिद्ध हैं। इसके साथ ही यहां लाइट एवं साउंड शो भी होता है।

खजुराहों के प्रसिद्ध मंदिर के दर्शन के लिए ऐसे पहुंचे – Khajuraho Temple Location

भारत के मध्यप्रदेश प्रांत में स्थित खजुराहो एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जिसके सबसे पास झांसी, हरपालपुर, महोबा रेलवे स्टेशन है। जिसकी महोबा से दूरी करीब 54 किलोमीटर है, जबकि छतरपुर से यह 45 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है, यह सतना जिले से करीब 105 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

यहां पहुंचने के लिए बेहतरीन बस सुविधा भी उपलब्ध है। इसके अलावा यहां हवाई मार्ग के माध्यम से भी पुहंचा जा सकता है, भारत के इस सबसे प्राचीन मंदिर के लिए दिल्ली, बनारस और आगरा से रोजाना विमान सेवा भी उपलब्ध है।

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