वृंदावन ऐसा तीर्थ जहां सभी कम से कम एक बार तो सभी का मन करता है आने को। यह स्थली श्री कृष्ण से जुड़ी होने के कारण यहां साल भर यात्रियों का जमावड़ा रहता । यहीं की श्री कृष्ण के जन्म की कथाएं हैं। यमुना का वो किनारा जहां कालीदेह का वध किया इसी नगरी में है।बांके बिहारी मंदिर जहां भगवान के दर्शनों को पाने के लिए भीड़ जुटी रहती है,यहां का मुख्य मंदिर है।वृदावन में ही निधिवन है। माना जाता है कि इसी स्थान पर आज भी श्री कृष्ण रात मैं गोपियों के साथ रास रचाते हैं।यह भावों की नगरी है अतः कहते हैं की निधिवन की सभी झाड़ियां सखी बन जाती हैं। भक्त गण जिनकी श्री कृष्ण की भक्ति में श्रद्धा होती है भोर में un स्थानों का झाड़ू लगाते हैं
जिससे की रात को रास करते समय कांटे नही लगें।संध्या होते ही यह स्थान बंद कर दिया जाता है यहां किसी को प्रवेश नहीं दिया जाता है।चोबीस खम्बों का मंदिर जिसे एक सेठ ने अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर बनवाया था।रंग जी का मंदिर जिसमें दक्षिण भारत की प्रथा के अनुसार पूजा की जाती है। काफी बड़ा परिसर है इस मंदिर का।राधा रमण जी का मंदिर की महिमा भी कम नहीं है। प्रेम मंदिर भी वृंदावन के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।विश्व प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर भी अनूठा है।