एक दिन राधा रानी जी के बरसाने में व्यतीत करने सौभाग्य प्राप्त हुआ। बरसाने जाने के लिए आप मथुरा, छाता या कोसीकलां से बस या टैम्पो में जा सकतें हैं। आप अपनी खुद की गाड़ी से भी जा सकते हैं।
बरसाना राधा रानी जी की जन्मभूमि है और साथ ही साथ कर्मभूमि भी हैं।
बरसाने में मुख्यतय मैं राधा रानी जी का मन्दिर है जो पहाड़ी पर है। राधारानी जी के मन्दिर के अलावा कीर्ति मन्दिर, कुशल बिहारी मन्दिर और मान मन्दिर भी प्रमुख मन्दिरों में हैं।
कई सीढ़ियां चढ़ने के बाद राधारानी का मन्दिर के दर्शन होते हैं। बहुत से राधारानी के भक्त हमेशा राधारानी जी के दर्शनों के लिए आतुर रहते हैं। राधारानी जी के मन्दिर के साथ ही राधारानी जी के दादाजी (महीभान जी) एवम् दादीजी (सुखदा दादीजी) के मन्दिर प्राचीन महीभान जी मन्दिर और उनके माता-पिता (बृषभान और कीरत रानी) और भाई के मन्दिर बृषभान मन्दिर के भी दर्शन अवश्य करने चाहिए।
कीर्ति मन्दिर की शिल्पकला देखने लायक हैं। भारतीय शिल्पकला का एक और चमत्कार कह सकते हैं। बहुत ही साफ सुथरा मन्दिर हैं।
इन मन्दिरों के साथ-साथ कुशल बिहारी मन्दिर और मान मन्दिर के भी दर्शन करने चाहिए।