अगर सुकून चाहिए तो मॉनसून में गोआ आइए..
गोआ की बारिश में पीछे छूट जाएगा चेरापूंजी, किश्तों में होती मूसलाधार बारिस ने तन मन सबको उत्साह में भिगो दिया....
प्रिय मित्रों...
अगर मॉनसून के दिनों में आप गर्मी से बेहाल है, और सुकून की तलाश में हैं तो सीधा गोआ जाइए और बस गोआ ही जाइए, गोआ का मॉनसून आपको चेरापूंजी का एहसास ना दिला दे फिर कहिए, यहाँ जब तब बसरते बदरा और अपने वेग में उफान मारते समुद्र की खूबसूरत लहरे आपके मन मस्तिष्क को प्रफुल्लित कर देंगी, ऐसा बस मैं नहीं कह रही इन दिनों गोआ आने वाले हज़ारों घुमक्कडों की ऐसी ही राय है। ये अलग बात है कि इन दिनों बीचों पर विदेशी सैलानी भले कम दिखें लेकिन देशीजन का जोश ऊफान पर ज़रुर दिखेगा। दिन में चमकती गोआ रात के पहर कैसे चमचामा उठती है उसे यहाँ आकर ही देखा जा सकता है।
गोआ गए और समुद्ध तटों की "रानी" को नहीं देखा तो क्या देखा?
गोआ के बीचों में से सबसे प्रमुख कलंगूट बीच को ‘समुद्र तटों की रानी’ कहा जाता है। ब्रिटिश पर्यटकों के लंबी छुट्टियाँ बिताने के लिए सबसे लोकप्रिय समुद्र तटों में से एक कलंगूट और कैंडोलिम बीच बेहद खास है। यहाँ के रिसॉर्ट्स में बहुत ही अनुकूल वातावरण है, और यहाँ पर स्वादिष्ट व्यंजन पर्यटकों की फेवरेट है। कलंगूट बीच अपनी सुनहरी झिलमिलाती रेत के लिए प्रसिद्ध है और उत्तरी गोवा का सबसे बड़ा समुद्र तट है। यह गोवा में जाने के लिए सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक है। यह समुद्र तट नरम रेत के साथ थोड़ा चौड़ा है लेकिन समुद्र की लहरें यहाँ काफी तेज़ होती हैं। इसके अलावा आप यहाँ पैरासेलिंग और वाटर-स्कूटर राइड्स जैसी कुछ बेहतरीन वॉटर स्पोर्ट्स भी कर सकते हैं। लेकिन याद रहे वाटर स्पोर्ट का आनन्द आप मॉनसून के दिनों में नहीं ले सकते है।
बागा बीच दिन में शांत रात में मच जाता है धमाल...
कलुगुट बीच से सटा बागा बीच की बात ही सबसे खास है। यह गोआ का सबसे मशहूर बीच है। यहाँ का माहौल अपने आप में बेहद खास है जो अलग अनुभव कराता है। यहाँ आपको एकदम शांत माहौल और प्यारा वातावरण देखने को मिलेगा और इसके साथ-साथ कैफे, और सुनहरे रंग की रेत में एन्जॉय करने लोगों की भीड़ सर्वाधिक होती है। यहाँ भी वाटरर्स्पोर्ट्स गतिविधियों का मज़ा ले सकते हैं जैसे की जेट स्की, स्पीड बोट, बनाना राइड आदि। यह बीच अपनी नाईट लाइफ के लिए और भी मशहूर है। दिन के उजाले में जितना शांत रहता है रात में बीच उतना ही हर्षोल्लास वाला है। बीच से सटे क्लब और बार में म्यूजिक की धुन पर थिरकते युवाओं का मनोरंजन देखते ही बनता है। बागा बीच अपने स्वादिष्ट सी फूड, नाईट लाइफ, टीटोस और मेंबोस नाइट क्लब, और मैकीज सैटरडे नाईट के लिए फेमस है।
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बेहद शांत है और खूबसूरत है वागातोर बीच...
उत्तरी गोवा में स्थित वागातोर बीच समुद्र की रेतीली पट्टी के पीछे काले लाल रंग की चट्टानों का एक द्रश्य देखने को मिलता है। चट्टानों के नीचे की सुनहरी रेत है। पूरा समुद्र तट भी ऊँचे ताड़ के पेड़ों से भरा पड़ा है। वागातोर को क्रेजी ट्रान्स पार्टियों के लिए जाना जाता है। यहाँ के क्राउड में ज्यादातर यूरोपीय और भारतीय युवा होते हैं। अन्य समय में वागातोर एक मधुर और शांत समुद्र तट है, और शायद ही यहाँ कभी भीड़ होती है। वागातोर में खाने, पीने और रहने के लिए बहुत सारे विकल्प हैं। सुखद और आरामदायक छोटे तटीय स्थानों का एक अलग ही सौंदर्य और आकर्षण है। रेत की छोटी-छोटी क्यारियाँ, खाड़ी की चट्टानों और खदानों से समृद्ध हैं, और यहाँ के सूर्यास्त का आनंद उठाना बहुत बेहतरीन दृश्य है।
बेहद खास है गोआ के बीचों का अपना अपना रंग..
वैसे तो गोआ में दर्जनों छोटे बड़े बीच है और हर बीच की अपनी अपनी खासियत, बीचों में तमाम ऐसे भी बीच है जो हम भारतीयों को तो ज्यादा पसंद नहीं आते लेकिन विदेशी सैलानियों के लिए वह किसी जन्नत से कम वहीं है। तभी तो अपनी छुट्टियाँ बिताने आने वाले तमाम विदेशी सैलानी महीनों गोआ की आबो हवा में बिखरी शांति और सुकुन को महसूस कर यही के रंग में रंगजाते है।ऐसा माना जाता है कि विदेशी सैलानियों को ज्यादा क्राउड वाले बीच पसंद नहीं आते और वे हमेशा एकांत और शांत बीच पर ही ज्यादा समय बिताते है, फिर कलुंगूट से लेकर मोरजिम बीच तक विदेशी सैलानियों की मौजूदी से गोआ दिसम्बर से जनवरी तक अपनी रंगीनियों के लिए जाना जाता है। लेकिन मई से सितम्बर तक यहाँ का सिजन नहीं होता है, इस दौरान यहाँ बरसात ज्यादा होती है और विदेशी सैलानी लौट जाते है। लेकिन इनदिनों में हम भारतियों की भीड़ ज्यादा होती है, हनीमून ट्रिप पर आने वाले जोडों से यहाँ का मॉनसून सीजन गुलजार रहता है।
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हमने भी देखा.... और मजेदार रहा हमारा गोआ का सफर
हमारा यह गोआ का पहला ट्रिप था।मन में तमाम सवाल और एक ही जवाब अब तो बस देखना ही है, 2 अगस्त को लखनऊ से हमारी गोआ की फ्लाईट थी। करीब 3:30 बजे हम एअरपोर्ट पहुँच गए और शाम हमारी फ्लाईट ने 5:50 पर उड़ान भरी और 8:15 पर हम गोआ एयरपोर्ट पर लैंड कर गए। बाहर निकले तो टैक्सी यूनियन के हड़ताल की खबर मिली, ओला वगैरह सब बंद था। आपको बता दें कि गोआ एयरपोर्ट से कलुंगूट की दूरी करीब 42 कि.मी. की है।इस लिए सोच कर थोड़ी टेंशन हुआ कि कैसे पहुँचेंगे, पर सुकुन इस बात की हमारे तरह वहाँ कुछ और भी लोग थे। इनमे कुछ फैमिलियर भी थे। लेकिन हमें थोडा इंतजार करने के बाद सरकारी बस मिली और हम आसानी से अपने गंतव्य तक पहुँचे गए। कलुंगूट चौक पहुँचे पर हम सीधा अपने होटल पहुँचे और खाना वगैरह खाकर आराम करने लगे।इंज्वाय का सपना सजाये हम जब अगली सुबह उठे और मूसलाधार पानी देखी तो मन थोड़ा अपसेट हुआ।लेकिन नाश्ता कर जब हम रेंट पर स्टूटी लेकर बारिश में भीगने का मन बनाया तो फिर बारिश की चंद फुहारों ने हमारे उत्साह को और बढ़ा दिया। फिर क्या था बारिश थी कि थमने का नाम नहीं ले रही थी, तो भला हम कहा रुकने वाले थे जैसे जैसे बारिश बढ़ती गई हमारा उत्साह भी बढ़ता चला गया है।फिर कलुंगूट बीच, बागा बीच, अंजूना बीच, मोरजिम, कैंडोलिम से लेककर वागातोर बीच और चपोरा फोर्ट से गोआ के बीचों की सैर कर हमने खूब मस्ती की।इन बीचों को देखने का तो सुकुन था उसे शब्दों में नहीं समेटा जा सकता है। पण्जी से सटे ओल्ड गोआ में अतिप्राचीन " बोम जीसस का महागिरिजा घर" और समुद्र के छोर पर बसे पण्जी शहर की खूबसूरती अपने आप अद्भुत है। यहाँ समंदर में बड़े बड़े क्रूज और उसमे कैसिनों और डिस्को जैसी चीजे भी थी जिसे हमने बाहर से ही देखना मुनासिब समझा, इसके बाद रात में बागा बीच की नाइट लाइफ और फिर टिटोस के डांस क्लब में मस्ती, अगली सुबह बीचों पर मौज के बाद शाम को बागा बीच पर कैंडिल लाइट डिनर और बीच पर मिले नये दोस्तों के साथ डांस और मस्ती का माहौल लाजवाब था।
रवि सिंह "प्रताप"