मनोकाना देवी मन्दिर: आस्था के रंगों के बीच प्रकृति के अद्भुत नजारे......
प्रिय मित्रों...
भारत के मित्र राष्ट्र नेपाल में यूँ तो पर्यटन के अनगिनत रंग है, हिमालय की विशाल पर्वत मालाओं से सजे नेपाल में हर कदम आँखों को सुकून देने वाले अद्भुत नज़ारे हैं। पहाड़ों से कल-कल करते उतरती पहाडी नदीयों और बादलों को छुते पहाडों को देख मन प्रफुल्लित हो उठता है। नेपाल के आस्था और पर्यटन के चटख रंगों में से एक है मनोकामना मन्दिर, यह नेपालीजन के आस्था का दूसरा सबसे प्रमुख केन्द्र है।
नेपाल की राजधानी काठमाडू स्थित पशुपतिनाथ मन्दिर के बाद मनोकामना देवी मन्दिर दूसरी ऐसी मन्दिर है, जहाँ बडी संख्या में श्रद्धालु पहुँचते है। नेपाल के साथ-साथ भारत से भी बड़ी संख्या में लोग माता मनोकामना देवी के दर्शन के लिए आते है। नवरात्र के नौ दिन यहाँ बडी भीड़ होती है। मनोकामना देवी मन्दिर में बड़ी संख्या में लोगों के पहुँचने का एक कारण यह भी है कि यहाँ आस्था के साथ साथ प्रकृति के बेहद खूबसूरत नज़ारे है। जो फैमिली टूर के लिए खासा लोकप्रिय है। नेपाल की प्रमुख नदी त्रिशुली के ऊपर से उठती और पहाड़ों के शिखर तक चढ़ती अत्याधुनिक रोप-वे सफर यात्रा को और भी आकर्षक बना देता है। ऊँची पहाड़ियों के बीच बादलों के बीच से निकल कर हमारी रोप-वे कैब मनोकामना देवी मन्दिर स्टेशन पहुँच गई। पुरे रास्ते पहाड़ों से लुका-छुपी खेलते बादलों के अद्भुत नज़ारों को देख आँखो को जो सुकुन मिलता है, उसे शायद शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।
नेपाल में आस्था और पर्यटन का इन मनोरम संगम को देखने के लिए सड़क मार्ग से भारत की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा सोनौली (महराजगंज उ०प्र०) और ठूठीबारी (महराजगंज उ०प्र०) के रास्ते आसानी से पहुँचा जा सकता है। इसके अलावा हवाई मार्ग से काठमांंडू और पोखरा से भी मनोकामना पहुँचा जा सकता है।
सोनौली बार्डर से करीब 183 कि.मी. की दूरी पाँच से छह घण्टे में तय की जा सकती है। सोनौली से भैरवहां, नारायणघाट होते मुंगलिंग और वहाँ से काठमांडू हाईवे पर पाँच कि.मी. का सफर तय कर मनोकामना पहुँचा जा सकता है।मनोकामना मन्दिर पहुँचने के लिए आपको मनोकामना रोपवे स्टेशन से रोप-वे से सफर करना होगा जो सुबह छह बजे से शाम पाँच बजे तक चलता है। मनोकामना मन्दिर के पास पहाड़ी पर भी रहने खाने का उचित प्रबंध है। यहाँ साधारण होटल और रेस्टोरेंट उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त मनोकामना पहाड़ी के नीचे रोपवे स्टेशन के बाहर भी दर्जनों होटल व खान पान की दुकाने हैं। मनोकामना मन्दिर जाने के लिए साल के 12 महीनें उत्तम है।
कुल मिला कर परिवार के साथ छुट्टी बिताने का इससे बेहतर और कोई जगह नहीं हो सकती। आस्था और पर्यटन के बीच प्रकृति के मनोरम दृश्य को देखना है तो एक बार मनोकामना ज़रुर आएँ!!
रवि सिंह "प्रताप"