भारत में दो जगहों की होली ज्यादा प्रसिद्द हैं एक तो वृन्दावन और दूसरा पुष्कर। वृन्दावन में होली मैंने 4 साल पहले मनाई थी और अभी इस साल पुष्कर में भी होली खेल आया। दोनों जगहों की होली की अपनी अपनी विशेषता हैं। एक तरफ आपको वृन्दावन में आपको अधिकतर आध्यात्मिक लोगों का संगम मिलेगा वही दूसरी तरफ पुष्कर में आपको हर तरह के लोग मिलेंगे। वृन्दावन में मंदिरों में होली खेली जाने वाली होली प्रसिद्ध हैं वही पुष्कर में मेला ग्राउंड और गलियों में खेले जाने वाली होली प्रसिद्द हैं।वृन्दावन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आती हैं होली खेलने ,वही पुष्कर में इंटरनेशनल होली फेस्टिवल आयोजित होने की वजह से आपको खूब विदेशी होली खेलते दिखते हैं। मथुरा -वृन्दावन के मंदिरों में होली पर भगदड़ मचती दिखती हैं वही पुष्कर में कई युवक , लड़कियों और औरतों से पीटते दिखाई देते हैं।
पुष्कर में होली अगर आप मनाना चाहते हैं तो आप करीब दो दिन का प्रोग्राम बनाइये। एक दिन आप होलिका दहन और म्यूजिकल कार्यक्रम को देखिये। अगले दिन पुष्कर की गलियों में भटकते -भटकते सीधे मेला ग्राउंड पहुंचे ,जहाँ हज़ारों की तादाद में भीड़ एक साथ होली खेलती हैं। गलियों में कही आपको विदेशी लोग रंग लगाएंगे तो कही मकानों की छतों से आप पर पानी के गुब्बारों से हमले होंगे।कई सारे इन्फ्लुएंसर भी वहां मिल जाएंगे होली खेलते। सुबह 9 बजे से 2 बजे तक आप आराम से मेला ग्राउंड ,पुष्कर की गलियों और घाट के किनारों को घूम सकते हैं। इसके बाद आप किसी लग्जरी होटल के इवेंट के पास लेकर इवेंट्स में चले जाए। आपके पास समय हो तो 3000 से 4000 रूपये प्रति व्यक्ति देकर हेलीकाप्टर से पुष्कर की होली देखे।
1. अगर आप खुद के वाहन से पुष्कर पहुंच रहे हैं तो 12 बजे से पहले पुष्कर में एंट्री ले लेवे।अन्यथा आपको सिटी से काफी दुरी पर ही गाडी खड़ी करनी पड़ेगी।
2. पुष्कर की प्रसिद्ध गुलकंद लस्सी जरूर ट्राय करे। साथ ही साथ पुष्कर के गर्म मालपुए जरूर खाये।
3. हर बड़ी होटल में अपने अपने होली इवेंट ,पूल पार्टी आदि कुछ होते हैं। इनके टिकट्स 500 रूपये से 3000 रूपये तक के होते हैं। आप इसकी बुकिंग एडवांस्ड में ही करवा लेवे।
4. रंग लगाने के लिए छुए ,छूने के लिए रंग ना लगाए। नहीं तो वहां विदेशी औरतें भी पिटाई कर देती हैं।
5. झील के आसपास रंग खेलने की मनाही रहती हैं।
6. अनजान महिला/लड़की को कई लोग जबरदस्ती रंग लगाने की कोशिश करते है ,काफी स्त्रियां इसीलिए असहज दिखाई देती हैं। अगर आपको अनजान लोगों को रंग लगाना हैं तो सभ्य तरीके से लगाए या उनके मूड को जान कर ही रंग लगाए।
7.यहाँ मेला ग्राउंड में कपडा फाड़ होली खेली जाती हैं।अपने पास एक टीशर्ट एक्स्ट्रा रखे।
8. फटे कपडे पहने और भयंकर काले कलूटे रंग में होने के बाद किसी गुलाल के ठेले के पास खड़े ना हो जाए ,वरना लोग आपसे कहेंगे कि "ऐ भाई चल जल्दी 50 की पीले रंग वाली गुलाल दे🤣 "(भुगत भोगी )
पुष्कर की होली एकदम मौज मस्ती वाली होती हैं। अगर आप एक जैसे माइंडसेट वाले दोस्तों के साथ यहाँ जाए तो होली यादगार हो सकती हैं। इस साल पुष्कर के किसी लग्जरी रिसोर्ट में होली मनाने का प्लान बाकी रह गया था जो अब भविष्य में कभी पूरा करेंगे।
-Rishabh