घर से कहीं घूमने के लिए निकलने पर सबसे बड़ी चिंता गंतव्य पर रहने की होती है। कहां ठहरना अच्छा होगा? कौन सा होटल, होमस्टे या धर्मशाला लेना सही रहेगा? वो इलाका सुरक्षित होगा या नहीं? होटल से पर्यटक स्थल या जहां-जहां जाना है, वो दूर तो नहीं है? वहां से आने-जाने का साधन आराम से मिल पाएगा या नहीं? अहमदाबाद में वर्डप्रेस के वर्डकैंप में जाने से पहले इसी उधेड़बुन में उलझा हुआ था कि एक बहुत ही अच्छा ऑप्शन दिख गया। इस ऑप्शन को देखकर दिल को तसल्ली मिली और मन हल्का हो गया।
अहमदाबाद जाने वाले सभी लोगों की ख्वाहिश दिन में कुछ समय बापू के साबरमती आश्रम में और शाम में रिवरफ्रंट के पास घूमते हुए सुकून से गुजारने की होती है। ऐसे में मुझे जो होटल मिला वह साबरमती आश्रम और रिवरफ्रंट के एकदम करीब आरटीओ सर्कल के पास था। फिर क्या था तुरंत दो दिन के लिए अहमदाबाद के मेट्रोपोल होटल में एक कमरा बुक करा लिया। शाम को राजधानी ट्रेन से दिल्ली से रवाना हुआ और सुबह अहमदाबाद के साबरमती रेलवे स्टेशन पर उतर गया।
स्टेशन से सीधा होटल मेट्रोपोल पहुंच चेकइन किया। रिसेप्शन पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। कमरा बुक होने की बात बताई तो एक स्टॉफ सामान लेकर तीसरी मंजिल पर कमरे की ओर ले चला। बीच में वह रेस्त्रां, कब से कब तक ब्रेकफॉस्ट मिलेगा, कितने बजे तक डिनर कर सकते हैं, स्पा का भी लुत्फ उठा सकते हैं ...ये सब बताता जा रहा था। बीच में मेट्रोपोल का फिटनेस सेंटर भी था जहां कुछ लोग म्यूजिक पर एक्सरसाइज कर रहे थे।
4 स्टार लेकिन किफायती इस होटल के कमरे में पहुंच कर मन एकदम से खुश हो गया। बड़ा कमरा, किंग साइज बेड, शानदार और साफ-सुथरा हाइजेनिक बाथरुम। पर्दा हटाते ही बाहर का खूबसूरत दृश्य। मखलमी मुलायम बेड बैठते ही लगा कि कुछ देर आराम कर लिया जाए लेकिन वर्डकैंप में जाना था इसलिए जल्दी से फ्रेश होकर वहां विदा हो गया।
वर्डकैंप से आने के बाद शाम में साबरमती रिवरफ्रंट की ओर पैदल चल पड़ा। हल्की हवा के बीच सुभाष ब्रिज के दोनों और का शानदार नजारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला था। रिवरफ्रंट रौशनी में जगमग कर रहा था। सभी उम्र के लोग यहां मटरगस्ती कर रहे थे। कुछ लोग साइकिल भी चला रहे थे और कुछ प्रेमी जोड़े एकांत में बैठे भी हुए थे। कुल मिलाकर बड़ा ही खुशनुमा माहौल था।
यहां से लौटने के बाद होटल में डिनर किया। यहां का खाना बहुत ही स्वादिष्ट और दिव्य था। लोगों का कहना था कि गुजरात के लोग सभी कुछ में मीठा डालकर खाते हैं, तुम्हें पसंद आएगा या नहीं। लेकिन यहां का खाना मुझे बहुत अच्छा लगा। यहां के स्टॉफ भी काफी अच्छे हैं। खाना खाकर के बाद आइसक्रीम और गुलाब जामुन का आनंद लिया। यहां आप 24x7 में आप चौबीसों घंटे कॉफी या चाय की चुस्की ले सकते हैं। इसके पैस्ट्री शॉप वैलेंटाइन में आप मन को ललचा देने वाले केक, पैस्ट्री या डेजर्ट को चख सकते हैं।
अंडर द स्टार्स में आप अपने किसी खास के साथ कैंडल लाइट डिनर भी कर सकते हैं। यहां आपके सिवा और कोई नहीं आ सकता। रोमांटिक संगीत के बीच 4 स्टार सुविधा का आनंद ले सकते हैं। मंद- मंद चलती हवा और सितारों की रोशनी के बीच रोमांस का रोमांच ही कुछ अलग होता है। आप यहां बर्थडे या सालगिरह पर अपनों से साथ पार्टी भी कर सकते हैं।
सुबह उठकर पैदल पास ही स्थित साबरमती आश्रम गया। साबरमती नदी के किनारे इस आश्रम मे आकर मन को असीम शांति का अनुभव हुआ। यहां बापू से संबंधित काफी कुछ है। बापू का चरखा और उनके इस्तेमाल की हुई चीजें आप यहां देख सकते हैं। आश्रम के भीतर ही खादी के कपड़े की एक दुकान भी है। यहां गांधी जी से संबंधित किताबें भी खरीद सकते हैं। करीब चार-पांच घंटे यहां रहने के बाद कांकरिया लेक और अन्य पर्यटन स्थलों की ओर विदा हो गया।
वहां से आने पर होटल में डिनर किया और रिसेप्शन पर सुबह एयरपोर्ट के लिए एक गाड़ी की व्यवस्था कर देने के लिए कह दिया। रिसेप्शन से ही एयर इंडिया के टिकट का प्रिंट भी ले लिया। यह होटल स्टेशन और एयरपोर्ट से काफी करीब है। एयरपोर्ट सिर्फ 5 किलोमीटर की दूरी पर है। और आप आसानी से यहां आ सकते हैं। टिकट प्रिंट कराने से लेकर टैक्सी की व्यवस्था हो या फिर रूम सर्विस या साफ-सफाई, माहौल या फिर रेस्त्रां में खाने-पीने का स्वाद... सभी एक से बढ़कर एक। मेट्रोपोल के स्टॉफ के व्यवहार ने मुझे काफी संतुष्ट कर दिया। आगे फिर कभी अहमदाबाद आना हुआ तो फिर यहां आना पसंद करूंगा। अगर आप भी आना चाहते हैं तो पता है- THE METROPOLE HOTEL, Near R.T.O. Circle, Subhash Bridge Corner, Ahmedabad-380027 फोन नंबर हैं- 7941050200 और 9727736903
कब आना चाहिए अहमदाबाद
अहमदाबाद में गर्मी कुछ ज्यादा है। इसलिए अगर आप घूमने के हिसाब से आ रहे हैं तो सबसे बढ़िया मौसम फरवरी-मार्च और सितंबर से नवंबर के बीच का रहता है। नवरात्र में डांडिया के समय यहां जाना काफी अच्छा रहता है।
आसपास के पर्यटक स्थल
अहमदाबाद में घूमने लायक कई जगहें हैं। आप यहां साबरमती आश्रम, कांकरिया लेक, हठीसिंह जैन मंदिर, सीदी सैयद की मस्जिद के साथ अडालज की बावड़ी, इस्कॉन मंदिर, झूलता मीनार, जामा मस्जिद, अहमद शाह की मस्जिद, सरदार वल्लभाई पटेल राष्ट्रीय संग्रहालय, पतंग संग्रहालय भी देख सकते हैं। आप अहमदाबाद के पास गांधीनगर स्थित अक्षरधाम मंदिर भी जा सकते हैं।
कैसे पहुंचे-
अहमदाबाद रेल, सड़क और वायु मार्ग से देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। आप देश के किसी भी इलाके से यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। लोकल शहर में घूमने के लिए यहां ऑटो-टैक्सी की अच्छी व्यवस्था है। लोकल ट्रांसपोर्ट से भी शहर के प्रमुख जगहों को देख सकते हैं।
आप सभी को यात्रा के लिए शुभकामनाएं। कुछ भी कहना हो तो कमेंट में लिख कर मुझे बता सकते हैं। धन्यवाद।