आगरा का नाम लेते ही ताजमहल की तस्वीर आँखों के सामने उभरती है। दुनिया भर में भारत के पर्यटन का आइकॉन बन चुका ताजमहल टूरिस्टों को आकर्षित करता रहा है। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश में यमुना तट पर खड़ा ये महल फिजाओं में प्यार का पैगाम घोलता है। दिलचस्प बात ये है कि दुनिया के 50 सबसे पॉपुलर टूरिस्ट जगहों में आगरा का ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी तीनों ही शुमार है। इतना ही नहीं, इनकी गिनती यूनेस्को के विश्व धरोहर में भी की जाती है। और सबसे अच्छी बात, इस शहर की इन शानदार जगहों को देखने के लिए आपको लंबी छुट्टी की ज़रूरत भी नहीं है। बस दो दिन निकालिए और आगरा की यात्रा कर लीजिए! ये रहा आपका प्लान:
आगरा की कहानी
अमूमन दिल्ली की सैर पर आने वाले टूरिस्टों की लिस्ट में आगरा सबसे ऊपर होता है। जाहिर है, ताजमहल को देखने की ललक लोगों को यहाँ तक लाती है। आगरा के इतिहास पर गौर करें तो सिकंदर लोधी ने 1504 में इस शहर को व्यवस्थित किया तो वहीं उसके बेटे सुल्तान इब्राहिम लोदी ने इसे संवारा। बताया जाता है कि 1526 में मुगल बादशाह बाबर ने इस शहर को राजधानी बनाया। तभी से यहाँ स्मारक बनने का सिलसिला शुरू हुआ। सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल के लिए जो भव्य मकबरा बनाया उसे ही ताजमहल नाम दिया गया। मुगलों के बाद यहाँ मराठा और ब्रिटिश ने भी अपने केन्द्र बनाए। लेकिन ताजमहल की चमक ने ही इस शहर को जन-जन के दिलों अमर कर दिया।
कहाँ घूमें?
मुगल वास्तुकला के बेहतरीन नगीनों में शुमार ताजमहल पर दुनिया भर के पर्यटक अपना प्यार लुटाते हैं तो इसी से अपने सफर की शुरआत करते हैं।ताजमहल सफेद संगमरमर से बना हुआ है जिसे बनाने में 17 साल का समय लगा था। 1653 में तैयार ये महल तब से अब तक प्रेमियों के लिए किसी तीर्थ से कम नहीं है। 60 बीघा में फैला ताजमहल कैम्पस खूब सजाया हुआ है। यह शुक्रवार को छोड़कर सप्ताह से बाकी सभी दिन टूरिस्टों के लिए खुला रहता है।इसमें आप शाहजहां और मुमताज की कब्रों वाले मुख्य गुम्बद तक जा सकते हैं। ताजमहल देखने के बाद आप पास मौजूद ताज संग्रहालय की ओर बढ़ सकते हैं।
टिकट: ताजमहल देखने के लिए आपको ₹250 का टिकट लगता है जो 3 घंटे के लिए मान्य होता है। अगर आपके साथ 15 साल से कम आयु के बच्चे हैं तो उन्हें टिकट की कोई ज़रूरत नहीं पड़ती है!
ताजमहल टूर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव ताज म्यूजियम है। यहाँ इससे कई ऐतिहासिक जानकारी आपको मिलती है। ये ताजमहल के निकट ही गार्डन के पश्चिमी किनारे पर मौजूद है। ताजमहल निर्माण और उससे जुड़ी जानकारी के साथ ही संग्रहालय की वास्तुकला भी आपको आकर्षित करती है। इसे साल 1982 में खासकर देश-विदेश से आने वाले टूरिस्टों के लिए बनाया गया था। ताज देखने पहुँचें तो जरा समय निकालकर संग्रहालय ज़रूर देखें जो कि सुबह 10 बजे खुल जाता है। यहाँ के शांतिपूर्ण माहौल में इतिहास की चीजों को देखने और समझने की कोशिश करें!
टिकट- ताज संग्रहालय देखने का कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होता है।
ताजमहल और संग्रहालय देखने के बाद यमुना तट पर स्थित मेहताब बाग आपका अगला पड़ाव होगा। आगरा टूर पर प्रकृति के बीच जाकर समय बिताने का अच्छा विकल्प है मेहताब बाग। स्थानीय रूप से 'मूनलाइट गार्डन' के रूप में मशहूर ये बाग यमुना के किनारे मुगलों द्वारा बनाए बागों के सीरीज का हिस्सा है। गार्डन में चार बलुआ पत्थर के टावर मौजूद हैं। ताजमहल के कैंपस से 7-8 कि.मी. की दूरी पर स्थित इस बगीचे को शाहजहाँ ने खासतौर पर अपने लिए सजाया था। यमुना के दूसरे किनारे स्थित इस बाग से ताजमहल को देखना जादुई अनुभव से कम नहीं है!
टिकट- मेहताब बाग की एंट्री फी ₹20 है।
मेहताब गार्डन में रिलैक्स करने के बाद आप किले की ओर प्रस्थान कर सकते हैं। आगरा किला यूनेस्को की विश्व धरोहर लिस्ट में शुमार है जो कि वर्ष 1573 में मुगल बादशाह अकबर द्वारा बनवाया गया था। ताजमहल से ये 2.5 कि.मी. उत्तर-पश्चिम में मौजूद है जहाँ से ताजमहल को निहारना एक अलग ही अनुभव देता है तो वहीं इस कैंपस में पर्ल मस्जिद, दीवान-ए-ख़ास, दीवान-ए-आम, मोती मस्जिद और जहाँगीरी महल देखते ही बनता है। मुगलकालीन वास्तुकला को समझने के लिए किले की भव्य इमारतों का दौरा करना चाहिए।
टिकट: यहाँ आपको ₹50 का टिकट लेना होता है।
ताजमहल से लगभग एक घंटे की दूरी पर मौजूद अकबर का मकबरा अपनी वास्तुकला के लिए मशहूर है। बताया जाता है कि इसे अकबर ने खुद डिज़ाइन किया था। अमूमन मुस्लिम राजाओं के कब्र मक्का की दिशा में होते हैं लेकिन अकबर का ये कब्र पूर्व की ओर है। ये मकबरा आगरा के बाहर सिकंदरा में स्थित है। यहीं कुछ ही दूरी पर अकबर की पत्नी मरियम-उज़-ज़मानी बेगम का भी मकबरा है।
टिकट- मकबरे को देखने के लिए आपको ₹15 देने होंगे।
बेबी ताज महल
नाम से ही जाहिर है कि ये ताजमहल की नकल है। इत्मद-उद-दौला का मकबरा संगमरमर से बना हुआ है। ये उन चंद निर्माण में से है जो कि किसी फेमस निर्माण को प्रभावित करने वाला रहा। बताया जाता है कि इसकी संरचना इंडो-इस्लामिक है जो कि इसके मुख्यद्वार से ही झलकता है।
आगरा ट्रिप के दूसरे दिन फतेहपुर का दौरा करें! आगरा से लगभग 36 कि.मी. दूर फतेहपुर सीकरी अपनी स्थापत्य कला की विशेषताओं के चलते यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया है। अकबर ने इसकी स्थापना 16वीं शताब्दी में की थी जो कि मुगलों की राजधानी थी। सड़क से होते हुए आप एक घंटे में आगरा से फतेहपुर सीकरी पहुँचकर पूरा दिन घूम सकते हैं।
टिकट- यहाँ आपको ₹40 एंट्री फी लगेगी।
जामा मस्जिद
यहाँ का जामा मस्जिद भारत में मुगलों द्वारा निर्मित सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। 1571 में अकबर के समय इसका निर्माण हुआ था। यह एक महत्वपूर्ण पूजास्थल है। यहाँ महारानियों के कब्र मौजूद हैं। बताया जाता है कि इसके पास में फतेहपुर सिकरी की परिकल्पना की गई।
फतेहपुर सिकरी का बुलंद दरवाजा बेहद फेमस जगह है। बताया जाता है कि ये पूरी दुनिया में सबसे ऊँचा प्रवेश द्वारा है। इसे लाल और बदामी रंग के बलुआ पत्थर से बनाया गया है जिसमें सफ़ेद और काले संगमरमर का भी उपयोग किया गया है। 1601 में गुजरात पर अपनी जीत को अकबर ने यहाँ उकेरा था।
टिकट- बुलंद दरवाज़ा देखने का टिकट भारतीय लोगों के लिए महज ₹10 ही है।
ये महल दो मंजिला है जो कि अकबर की हिंदू रानियों के रहने की जगह थी। इसमें हिन्दू और मुस्लिम वास्तुकला के मिश्रण को देखा जा सकता है। स्तंभकार और गुंबजाकार शिल्पकला का बेहतरीन संयोजन यहाँ देखने को मिलता है।
टिकट: जोधाबाई महल देखने का टिकट मात्र ₹20 है।
पंच महल एक पांच मंजिला विशाल महल है जिसका निर्माण अकबर ने अपने मनोरंजन के लिए करवाया था। यहाँ वे अक्सर आराम करने और हल्के-फुल्के पल बिताने आया करते थे। जानकारी हो कि इस भवन में कुल 176 खंभे हैं जो कि इसे टिकाए रखता है और उन पर कलाकृतियाँ बनाई हुई दिखती है।
टिकट- पंच महल देखने में कोई शुल्क नहीं देना होता है!
दीवान-ए-खास और दीवान-ए-आम
दीवान-ए-खास वो जगह है जहाँ मुगल सम्राट अकबर अपने नवरत्नों से सलाह-मशविरा किया करते थे। वैसे तो ये एक मंजिला महल दिखता है लेकिन भीतर जाने पर दोमंजिला है। महल के नक्काशीदार खंभा पर्यटकों को हैरत में डाल देता है। वहीं दीवान-ए-आम लाल पत्थर से बना एक अहाता है जहां बैठ कर अकबर जनता की फ़रियाद सुनते थे।
टिकट- यहाँ प्रवेश के लिए भारतीय लोगों के लिए ₹10 और ₹20 का भुगतान करना होता है!
कब और कैसे पहुँचें
गर्मीं और बरसात से बचते हुए सर्दी के मौसम में यहाँ का दौरा करें। आगरा घूमने के लिए अक्टूबर से मार्च के बीच का समय बेहतरीन होता है। आगरा रेल, सड़क और हवाई मार्ग से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। देश की राजधानी दिल्ली से आप मात्र दो घंटों में सड़क से होते हुए आगरा पहुँच सकते हैं। राजमार्गों और सात रेलवे स्टेशनों वाले शहर आगरा पहुँचने के लिए सभी तरह के विकल्प मौजूद हैं।
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