अपनी गाड़ी लेकर नेपाल जाना है बेहद आसान, ऐसे करें ये रोड ट्रिप प्लान!

Tripoto
Photo of नेपाल by Manglam Bhaarat

नेपाल की अगर बात की जाए तो भारत का पड़ोसी मुल्क है लेकिन कोई ऐसी विशेष बात नहीं है जो इसे भारत से अलग रखे। ख़ासकर दूरी के और संस्कृति के मामले में। नेपाल को लेकर लोगों के अन्दर अलग अलग तरह का भ्रान्तियाँ हैं, जिसके कारण लोगों का भारी नुकसान होता है।

नेपाल की पहचान पूरी दुनिया में माउंट एवरेस्ट के ज़रिए पहुँची है। के2 कंचनजंघा भले भारत में हों लेकिन सबसे ऊँची मंज़िल माउंट एवरेस्ट नेपाल से होके ही पूरी होगी। इसके अलावा दूसरा सबसे बड़ा कारण है यहाँ का धार्मिक रंग। नेपाल में हिन्दू और बौद्ध धर्म मानने वालों की घनी आबादी है। भगवान बुद्ध का देश होने का गौरव भी इस देश को हासिल है। लुम्बिनी में भगवान बुद्ध का जन्म स्थान, मायादेवी मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर, दरबार स्क्वायर दर्शन के लिहाज़ से बेहद आकर्षक हैं।

दरबार स्क्वायर, नेपाल

Photo of माउंट एवरेस्ट by Manglam Bhaarat

नेपाल की सबसे बड़ी ख़ासियत है बिना वीज़ा वाला देश होना। बिना किसी पासपोर्ट वीज़ा के आप नेपाल की सीमा में  आ सकते हैं। लेकिन अब वो बात जो बेहद ज़रूरी है, वो ये कि आपकी गाड़ी भी नेपाली सीमा में बिना कोई दिक्कत आ-जा सकती है।

नेपाल में ख़ुद की गाड़ी लाने के लिए क्या करना होगा

आपको नेपाल की सीमा पर बस अपनी गाड़ी के साथ पहुँच जाना है। बिना कोई ऑनलाइन या ऑफ़लाइन फॉर्म भरे। बस आपको कुछ ज़रूरी चीज़ें अपने साथ रखनी होंगी।

1. पहचान पत्र- आधार कार्ड, वोटर आई डी कार्ड, पासपोर्ट या कोई भी सरकारी पहचान पत्र, जिसमें आपका पता हो; साथ लेकर चलें।

2. गाड़ी के कागज़ात- गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेन्स, सीमा शुल्क परमिट (नेपाल में भानसर नाम से प्रचलित), गाड़ी का परमिट (यातायात की अनुमति का प्रमाण पत्र) भी साथ ले लें।

प्रक्रिया-

1. सीमा शुल्क परमिट (भानसर) के लिए- इसके लिए भारत-नेपाल सीमा पर पहुँचें। यहाँ पर मुफ़्त में गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के लिए फ़ॉर्म मिल जाएगा। ये फॉर्म नेपाल की आधिकारिक भाषा देवनागरी में मिलेगा। फ़ॉर्म भरने के बाद आपको ग़ुलाबी टिकट मिलेगा। 1 दिन के लिए, बाइक का 100 नेपाली रुपइया (62.50 भारतीय रुपया), वहीं 4 पहिया के लिए 400 नेपाली रुपइया (250 भारतीय रुपया) चुकाना होगा।

2. यात्रा अनुमति के लिए- भानसर से मिले स्लिप को ट्रैफ़िक विभाग में जाकर दिखाएँ। यहाँ से आपको यात्रा अनुमति का प्रमाण पत्र मिल जाएगा। अब आप नेपाल में अपने वाहन के साथ घूमने के लिए तैयार हैं।

पोखरा, नेपाल

Photo of भीमदत्त पन्त राजमार्ग, Attariya, Nepal by Manglam Bhaarat

परमिट कहाँ-कहाँ से मिलेगा?

1. बनबसा-भीमदत्त बॉर्डर- यह नेपाल का पश्चिमी बॉर्डर है जो दिल्ली से क़रीब 325 किमी0 की दूरी पर है। यहाँ आपको भानसर और यात्रा अनुमति, दोनों ही प्रमाण पत्र मिल जाएँगे।

2. नेपालगंज बॉर्डर- यह बॉर्डर लखनऊ से 200 किमी0 दूर है। परमिट यहाँ बॉर्डर पर नहीं मिलेगा। परमिट के लिए आपको शहर जाना पड़ेगा।

3. सनौली बॉर्डर- यहाँ गोरखपुर से क़रीब 100 किमी0 की दूरी पर है और सबसे प्रसिद्ध भी। यहाँ लोगों और सामान का यातायात बहुत होता है, इसलिए थोड़ी लम्बी लाइन से सामना करना पड़ेगा। यहाँ से 30 किमी0 दूर है लुम्बिनी, पोखरा 184 किमी0 और काठमांडू 270 किमी0।

4. रक्सौल-बिरगंज बॉर्डर- यह पटना (210 किमी0) के सबसे नज़दीकी बॉर्डर है। यहाँ से काठमांडू 130 किमी0 दूर है। बॉर्डर पर परमिट तो नहीं मिलेगा, इसके लिए आपको शहर जाना होगा।

वैसे तो नेपाल और भारत की सीमा बहुत बड़ी है, लेकिन दिए गए बॉर्डर सबसे प्रसिद्ध और विख्यात हैं जहाँ से आपको परमिट लेने में कोई परेशानी नहीं होगी।

हिमालय, नेपाल

Photo of बीरगंज, Nepal by Manglam Bhaarat

Tripoto टिप्स-

1. कैश लेकर जाएँ। UPI या अन्य किसी ऑनलाइन ट्रांज़ेक्शन में समस्या होती है। भारतीय रुपया साथ रखें। आसानी से लेन देन हो जाता है।

2. जितने दिन के लिए जा रहे हैं, उससे ज़्यादा दिन का परमिट बनवाएँ। अगर परमिट कैंसल होने के बाद गाड़ी नेपाल में ही मिली तो तलाशी से लेकर अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

3. नेपाल की सड़कें बहुत शानदार नहीं हैं, इसलिए आपको एक से दूसरी जगह पहुँचने में अनुमान से ज़्यादा समय लगेगा। उसके हिसाब से अपना प्लान तय करें।

अगर आपने नेपाल में ड्राइविंग की है, तो अपना अनुभव कमेंट बॉक्स में ज़रूर साझा करें।

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