अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला या इंटनैशनल ट्रेड फेयर, दिल्ली में होने वाला इस सालाना मेले का इंतज़ार हर किसी को रहता है, चाहे वो दिल्ली वाला हो, दिल्ली घूमने आए सैलानी या फिर शहर में रह रहे दूसरे राज्यों के लोग। हो भी क्यों ना, आखिर एक ही जगह देश के राज्यों से लेकर दुनिया के देशों तक, खाने से लेकर पहनावे और हुनर के इतने रंग एक छत के नीचे देखने को जो मिलते हैं। तो खुश हो जाइए क्योंकि ट्रेड फेयर 14 नवंबर से शुरू होने वाला है।
कब से शुरू ?
इस बार ये मेला 14 से 27 नवम्बर तक लगने वाला है। आम लोगों के लिए यह फ़ेयर 19 नवम्बर से शुरू होगा। पहले पाँच दिन व्यापारियों का है। अगर आपके पास बिज़नेस डेज़ के पास हैं तो आप 14 नवंबर से भी ट्रेड फेयर का लुत्फ उठा सकते हैं।
कहाँ और कैसे पहुँचें?
हर साल की तरह ये मेला इस साल भी दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित किया जा रहा है। 22000 स्कवैयर मीटर में फैले इस मेले का आयोजन हॉल नं 7, 8, 9, 10, 11, 12 और 12 A के अलावा बाहर लगे स्टॉल में भी किया जाएगा।
प्रगति मैदान पहुँचना बेहद आसान है। आप आसानी से बस या कार से तो आ ही सकते हैं, अगर मेट्रो से आना चाहें तो प्रगति मैदान स्टेशन से उतरकर ऑटो लेना होगा।
टिकट
आम विज़िटर्स के लिए सप्ताह के दिनों में टिकट की कीमत ₹60 है और अगर वीकेंड की टिकट लेनी है तो ₹120 चुकाने होंगे।
टिकट ऑनलाइन बुक माई शो या फिर कुछ मेट्रो स्टेशन से की जा सकती है। बुकिंग की ज़्यादा जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
इस साल क्या होगा खास?
ट्रेड फेयर में हर साल एक थीम और खास देश और राज्य पर फोकस रहता है। इस बार व्यापार मेले की थीम ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस रखी गई है, यानी व्यापार करने की सहजता। इस साल अफगानिस्तान पार्टनर देश के तौर पर जुड़ा है वहीं साउथ कोरिया इस साल फोकस में होगा, यानी यहाँ कि संसकृति से लेकर व्यापार की झलक आप यहाँ देख पाएँगे।
इसके भारतीयों प्रदेशों में बिहार और झारखंड इस साल के मुख्य राज्य होंगे।
आपके लिए क्या है खास, कहाँ से करें शॉपिंग
यहाँ असम, सिक्किम, मणिपुर, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और भारत के दूसरे प्रदेशों के साथ विदेशों का खान पान, संस्कृति, नाच गाने, वेश-भूषा का जलसा पूरे चौदह (14) दिन तक प्रगति मैदान में लगता है।
अगर आप किसी दूसरे प्रदेश के रहने वाले हैं और घर का कुछ चाहते हैं तो इस ट्रेड फ़ेयर में आपको ज़रूर आना चाहिए।
जैसे मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ और मुझे अपने पास की जगह का अचार बहुत पसन्द है। अगर संजीव कपूर भी मेरे लिए खाना बना दें, तो भी अचार बिना मेरा पेट नहीं भरता। दिल्ली के इस ट्रेड फ़ेयर में मानो मेरे लिए तो अचार सबसे ज़रूरी चीज़ है, जो मैं लेना चाहता हूँ।
लज़ीज़ों के लिए विशेष
केरलिया फ़्लेवर का बना लज़ीज़ खाना होगा यहाँ, और बगल में ही बन रहा होगा मराठाओं का प्रसिद्ध वड़ा, वड़ापाव, मिसल पाव और भाखरी। कहीं दूर से मध्य प्रदेश के पोहे चाव से उड़ाते मिलेंगे लोग।
तमिलनाडु का डोसा भी मिलेगा अपने रवायती स्वाद से लबरेज़। इनके बीच बिहारी भैया ख़ुद को अकेला अकेला महसूस न करें, लिट्टी चोखे की भी जबर व्यवस्था होती है। गुजराती ढोकला, असम की विशेष पपीते की खीर, हिमांचल का स्वादिष्ट धाम, भारत के कोने कोने से लोग अपने प्रदेश का प्रसिद्ध पकवान आपके लिए सजाते मिल जाएँगे।
विदेशी आइटमों पर नज़र डालेंगे तो पचासों क़िस्म की चॉकलेट मिलती हैं यहाँ पर। और न जाने कितनी फ़िलिंग के साथ।
खाने का सामान घर के लिए
कश्मीर के अखरोट मिलेंगे, केसर मिलेगा, बादाम मिलेंगे। मैंने पहली बार दिमाग की बनावट वाले अखरोट भी यहीं पर देखे। चार साल जम्मू में रहने पर भी ये न दिखा।
केरल के मसाले भी ठीक दामों पर मिलते हैं। मैं तो इस बार भी अपने लिए अचार लेने के मूड में हूँ। महाराष्ट्र की शींगदाना चटनी बहुत चटखारे वाली होती है। सामान्य खाने को भी लज़ीज़ बना देने वाली। और मेरा यूपी का अचार तो छूट ही गया।
कपड़े और दूसरी चीज़ों की सेल
रोज़मर्रा के सामान, प्रदेशों के प्रसिद्ध कपड़ों की बड़ी सेल लगती है यहाँ। जैसे मणिपुर के ख़ास साड़ियों की सेल होती है, उत्तर प्रदेश की बनारसी साड़ियाँ भी लोग जम कर ख़रीदते हैं। गुजराती ड्रेस बहुत बिकती हैं इधर। सब जगह की ट्रेडिशनल ड्रेस भी इस ट्रेड फ़ेयर की जान होती हैं।
इसके इतर घर का ज़रूरी सामान बड़ी तादाद में लगता है। कोल्हापुरी चप्पलें, विदेशों की प्रसिद्ध लाइटें, तेल, इम्पॉर्टेड साबुन, खाना बनाने के लिए बर्तन, और भक्ति पूजा वालों के लिए विशेष चंदन की, मोगरे की, ग़ुलाब की और कई क़िस्म की सुगन्ध वाली धूप मिलेगी, जो ठीक दामों में बड़े मॉल में भी नहीं मिलतीं।
जिन लोगों को दूसरे प्रदेशों का सामान बहुत पसन्द हो तो उनके लिए भी मेला होगा यहाँ पर। टू स्टेट्स वाली लव स्टोरी आपकी भी है तो मैडम को कोई तमिलियन गिफ़्ट करने का सुनहरा मौक़ा है। या फिर पंजाबी पगड़ी ख़रीदकर एक फ़ोटो खिंचा लें। ग़ज़ब लगेगी।
सांस्कृतिक माहौल की एक झलक
एक क़िस्म का सांस्कृतिक माहौल बन जाता है इस ट्रेड फ़ेयर में आकर, जहाँ घर का सा एहसास मिलता है। मानो आप अपने घर पर रहते हुए ही भारत की सैर पर निकले हों।
भारत के 29 राज्यों, 7 केन्द्र शासित प्रदेशों के लोग नृत्य के माध्यम से अपनी संस्कृति का दर्शन कराते हैं। भारत की संस्कृति के बारे में जानने वालों के लिए कितना कुछ होता है यहाँ पर, इसका अन्दाज़ा यहाँ आकर ही होता है। आपको यहाँ तमिनाडू से लेकर नॉर्थ ईस्ट से आए लोग वहाँ लोक गीत और नृत्य पेश करते नज़र आ जाएँगे।
मैंने पहली बार इसी ट्रे़ड फ़ेयर में मणिपुर और असम के अलग लोकगीत देखे। इससे पहले मुझे उत्तर पूर्व के सभी प्रदेश एक ही लगते थे।
विदेशी स्टॉल
इस ट्रेड फ़ेयर में कई विदेशों के भी लोग होते हैं जो इस ट्रेड फ़ेयर में अपना सामान लेकर आते हैं। भूटान के देसी कपड़े मिलते हैं, दुबई की शीशे वाली लाइटें मिलती हैं, अफ़ग़ानिस्तान का शोरबा, वियतनामी लालटेनें, विदेश की भी ठीक-ठाक दमक देखने मिलती है।
ऐसे घर पर रहते हुए आपको भारत के बारे में उन चीज़ों की जानकारी भी नहीं होती, जो यहाँ मिलती हैं और हम पागलों की तरह विदेशों की तरफ़दारी करते फिरते हैं। कई बार तो जो सामान विदेशों में धूम मचा रहा होता है, वो भी भारत के किसी गली मोहल्ले से आया होता है। अगर आपको भी कुछ ऐसा चाहिए तो ज़रूर इस ट्रेड फ़ेयर में आना चाहिए।
तो फिर इस ट्रेड फ़ेयर में आप अपने लिए और दोस्तों के लिए कौन-सा सामान लेने जा रहे हैं, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।