घूमने का शौक हर किसी को होता हैं बस सभी की पसंद अलग हो सकती हैं। किसी को ऐतिहासिक भ्रमण पसंद हैं तो कोई वादियों की सैर करना चाहता हैं। ऐसे में कुछ लोग होते हैं जो रोमांच का आनंद उठाना पसंद करते हैं और ट्रेकिंग की चाहत रखते हैं। ट्रेकिंग में रोमांच के साथ प्राकृतिक खूबसूरती नजदीक से देखने को मिलती हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपके लिए भारत के कुछ ऐसे ट्रेक की जानकारी लेकर आए हैं जो ट्रेकिंग के दीवानों को बहुत पसंद आएंगे। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।
पार्वती घाटी ट्रेक
पार्वती घाटी ट्रेक हिमालयी क्षेत्र में सबसे चुनौतीपूर्ण ट्रेक में से एक के रूप में माना जाता है, जो रोमांच की तलाश करने वालों के लिए एकदम सही है। यहाँ के चारों ओर के मनमोहक दृश्य आपको अपनी सुंदरता से मंत्रमुग्ध कर देंगे। पार्वती घाटी ट्रेक काफी लंबा और काफी हैरान कर देने वाला है लेकिन यह बेहद शानदार है। जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ती है, आसपास के घने जंगलों, हरे-भरे घास के मैदान और नदियाँ आपको अपने आकर्षण से मोहित कर देंगे। पार्वती घाटी ट्रेक, हिमालय पास ट्रेक के बाद सबसे ज्यादा पसंद किये जाने वाले ट्रेक में से एक है। यदि आप युवा होने के साथ ही एकदम फिट भी हैं तब तो आपका पार्वती घाटी ट्रेक जाना बनता है। पार्वती घाटी ट्रेक को हिमालयी क्षेत्र में सबसे चुनौतीपूर्ण ट्रेक माना जाता है, क्योंकि यह साहस से भरपूर है। यह ट्रेक काफी लंबा है, चलते-चलते रास्ता ही खत्म नहीं होता है। लेकिन इस ट्रेक पर आगे बढ़ते जाना तब सार्थक हो जाता है जब पर्वत और नदियों के खूबसूरत दृश्य मन मोहने लगते हैं।
गोमुख तपोवन ट्रेक
गोमुख तपोवन ट्रेक को भारत में सबसे अच्छा ट्रैकिंग स्थल कहा जा सकता है, क्योंकि यह ट्रेकिंग के साथ साथ अद्भुत पर्यटन स्थल प्रदान भी करता है, और इससे आध्यात्मिक महत्व भी जुड़ा हुआ है। ट्रेक पवित्र भागीरथी नदी के किनारे से शुरू होती है इसीलिए इसे आमतौर पर गोमुख तपोवन ट्रेक के रूप में जाना जाता है। तपोवन का शिविर हिमालय के कुछ दुर्लभ स्थलों को प्रस्तुत करता है। गोमुख तपोवन ट्रेकिंग में आठ चोटियों शिवलिंग, चतुरंगी, मेरु पर्वत, भृगुपंत और सुदर्शन गंगोत्री ग्लेशियर के साथ शानदार दृश्य प्रस्तुत करने वाली कई अन्य चोटियाँ भी इस ट्रेक का आकर्षक हिस्सा हैं। ट्रेक के दौरान, आप हरे-भरे घास के मैदान में भी घूमते हुए गढ़वाल हिमालय की विशाल चोटियाँ के सुंदर दृश्यों को महसूस कर सकते हैं। गोमुख तपोवन ट्रेक रोमांचकारी शौकीनों के लिए आदर्श जगह है लेकिन ट्रेकिंग करने से पहले ये सुनश्चित करे लें की आप पूरी तरह स्वस्थ और फिट है। गोमुख तपोवन ट्रेक भागीरथी नदी के किनारे से शुरू होता है और लगभग नौ दिनों में यह पूरा होता है। यह भारत के सबसे अच्छे ट्रेकिंग स्थलों में से एक है। इसके पीछे एक वजह यह भी है कि यह ट्रेक रोमांच के साथ आध्यात्मिक अनुभूति भी करवाता है। इस ट्रेकिंग में शिवलिंग, चतुरंगी, मेरु पर्वत, भृगुपंत और सुदर्शन गंगोत्री ग्लेशियर के साथ कई शानदार पर्वत चोटियां अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती हैं।
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आदि कैलाश ट्रेक
आदि कैलाश ट्रेक पर कई सारे लोग अपने परिवार के साथ जाने की इच्छा रखते हैं क्योंकि यह एक धार्मिक ट्रेक है लेकिन यह ट्रेक इतना आसान नहीं है इसलिए जो लोग एकदम स्वस्थ हैं और अनुभवी हैं, उन्हें ही इस ट्रेक पर जाने दिया जाता है। समुद्रतल से 6191 मीटर की ऊंचाई पर स्थित आदि कैलाश भारत देश के उत्तराखण्ड राज्य में तिब्बत सीमा के समीप है और देखने में यह कैलाश की प्रतिकृति ही लगता है। कैलाश मानसरोवर यात्रा की तरह ही आदि कैलाश यात्रा भी रोमांच और खूबसूरती से लबरेज है, इसमें भी 105 किमी की यात्रा पैदल करनी पड़ती है। इस ट्रेक से पर्यटक कुमाऊं हिमालय के केंद्र में जाते हैं। ट्रेकिंग के दौरान अन्नपूर्णा, काली नदी, जंगलों और प्रसिद्ध नारायण आश्रम की शानदार पर्वत श्रृंखलाओं के एक से एक सजीव चित्र दिखाई देते हैं। काली मंदिर पर जाकर यह ट्रेक खत्म होता है। प्राकृतिक सुंदरता इस क्षेत्र में पूर्ण रूप से फैली हुई है। लोग यहाँ आकर आपार शांति का अनुभव करते हैं।
चोपता चंद्रशिला ट्रेक
चोपता चंद्रशिला ट्रेक भारत के उन गिने-चुने ट्रेकों में से एक हैं जहाँ सालभर में कभी भी जाया जा सकता है। हालांकि अनुभवी ट्रेकर्स के मुताबिक मार्च से जून और सितंबर से दिसंबर के बीच यहाँ ट्रेकिंग करना बहुत अच्छा माना जाता है। इस ट्रेक के दौरान केदारनाथ, चौखम्बा, नंदा देवी और त्रिशूल जैसे विभिन्न हिमालयी चोटियों के खूबसूरत दृश्य दिखाई देते हैं। ट्रेक का मुख्य आकर्षण भगवान शिव को समर्पित 1000 साल पुराना तुंगनाथ मंदिर है। तुंगनाथ से 1 घंटे की दूरी पर चंद्रशिला पीक (4130 मीटर) है जहाँ से हिमालय रेंज और पीक का सांसें रोक लेने वाला नजारा दिखता है। चोपता से ट्रेक करते हुए घने जंगलों में आपको बर्ड्स की 76 से भी ज्यादा अलग प्रजातियां देखने को मिलेंगी। इस ट्रैक पर आसपास की और भी पीक का मजा लें। जिसमें चौखंबा, नंदा देवी, त्रिशूल, केदार और भी कई पीक शामिल हैं।
वैली ऑफ़ फ्लावर्स ट्रेक
वैली ऑफ़ फ्लावर्स ट्रेक भारत के सबसे अच्छे ट्रेकिंग टूर में से है जो यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल है। इस क्षेत्र में 300 से अधिक प्रकार के अल्पाइन फूल हैं, इसके अलावा एक जैव विविधता भी है जो अपेक्षाकृत अछूती रही है। वैली ऑफ़ फ्लावर्स नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व का एक हिस्सा है, और इसके लिए ट्रेक घांघरिया से शुरू होता है। बता दे वैली ऑफ़ फ्लावर्स ट्रेक का सबसे अच्छा समय मानसून का समय है, क्योंकि मानसून के मौसम के दौरान, यह प्राचीन घाटी विभिन्न प्रकार के हजारों रंगीन और उच्च-ऊंचाई वाले हिमालयी फूलों से भर जाती है जिससे यह एक स्वर्ग जैसी प्रतीत होती है। यदि आप ट्रेकिंग करते हुए मनमोहनीय सुन्दरता में खोना चाहते है तो वैली ऑफ़ फ्लावर्स की ट्रेकिंग आपने लिए रोमांचक और यादगार अनुभव हो सकता है।
मारखा घाटी ट्रेक
मारखा घाटी लद्दाख क्षेत्र की सबसे बड़ी घाटियों में से एक है और यह घाटी इस क्षेत्र में सबसे लंबी पैदल यात्रा ट्रेल्स में से एक है। लद्दाख के सबसे प्रसिद्ध ट्रेकों में से एक, मारखा घाटी की ट्रेकिंग दूरदराज के पहाड़ी दर्रों, विचित्र मठवासी बस्तियों, और कांग यात्ज़ पीक के सिल्हूट में निमलिंग के हल्के अल्पाइन घास के मैदानों से गुजरती है। मारखा घाटी ट्रेक मार्ग में अधिकाँश गावों में आपको रुकने के लिए पैराशूट टेंट आवास मिलते है जहाँ आप ट्रेकिंग के दौरान रात रुक सकते हैं। ठंडी रेगिस्तानी घाटी की ट्रेकिंग में पर्यटकों को ज़ांस्कर और लद्दाख पर्वतमाला, कांग यात्ज़े और स्टोक कांगड़ी के मनोरम दृश्य देखने को मिलते है। इस ट्रेक एक और रोमांचक हिस्सा मारखा नदी है जिसे ट्रेकर्स को पार करना होता है हालाकि यह नदी ज्यादा गहरी नही होती है। इसके अलावा इस ट्रेक के बारे में और कई बातें हैं जो इस ट्रेक को आकर्षक और रोमांचक बनाती है।
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