शिमला से करीब 12 किमी. की दूरी पर एक समुच्चय पहाड़ी पर स्थित है, आस्था से भरा तारा देवी का मंदिर

Tripoto
15th Aug 2023
Photo of शिमला से करीब 12 किमी. की दूरी पर एक समुच्चय पहाड़ी पर स्थित है, आस्था से भरा तारा देवी का मंदिर by Yadav Vishal
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हिमाचल प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य हैं, जो पूरी तरह से प्राकृतिक आकर्षणों से भरा हुआ हैं। यहां कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जहां देश से क्या विदेशों से भी पर्यटक पहुंचते हैं। हिमाचल प्रदेश की गोद में बसा शिमला अपनी खूबसूरती और प्रकृति के कई अद्भुत नजारों के लिए जाना जाता है। अपनी प्राकृतिक और खूबसूरत वातावरण,मंदिरों की वजह से सालभर भर शिमला में पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता हैं। ऐसे ही एक मंदिर शिमला से करीब 12 किमी. की दूरी पर एक समुच्चय पहाड़ी पर स्थित हैं। अपनी दिव्य सुंदरता और आध्यात्मिक शांति के लिए प्रसिद्ध यह मंदिर हिमाचल के लोगों के लिए आस्था का भी केंद्र हैं।

तारा देवी मंदिर, शिमला

शिमला से करीब 12 किमी. की दूरी पर शोघी की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित हैं, तारा देवी का मंदिर। यह मंदिर  250 से भी अधिक पुराना हैं। यह मंदिर शिमला-कालका रोड पर समुद्र तल से 6070 फीट की ऊँचाई पर स्थित हैं और चारों ओर से कुदरत के विहंगम दृश्य से घिरा हुआ हैं। तारा देवी का यह मंदिर यहां आने वाले श्रद्धालों के आकर्षण का केंद्र है तो वहीं आस्था और श्रद्धा का महत्वपूर्ण प्रतीक भी माना जाता हैं।

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तारा देवी मंदिर का इतिहास

ऐसा माना जाता हैं कि तारा देवी मंदिर लगभग 250 साल से भी पुराना हैं। इसकी स्‍थापना सेन वंश के राजा ने करवाई थी। कहा जाता हैं कि माता तारा सेन वंश की कुल देवी थी। एक बार जब राजा चंद्रसेन रात को सो रहे थे तब माता ने राजा को सपने में दर्शन दिया और राजा से मंदिर बनवाने की बात कहीं। तब राजा ने मंदिर का कार्य शुरू किया। राजा ने तारव पर्वत पर देवी की लकड़ी की प्रतिमा स्थापित कर भव्य मंदिर का निर्माण करवाया।

तारा देवी मंदिर की वास्तुकला

तारा देवी मंदिर के मुख्य भवन को हिमांचल की पहाड़ी वास्तुकला द्वारा सहेजा गया हैं। यह मंदिर जितना बाहर से सुन्दर लगता हैं, उतना ही अन्दर से भी खूबसूरत हैं। मंदिर के अन्दर भाग के दरवाज़े को देवी देवताओं के लघु चित्रों से बारीकी डिजाइन किया गया हैं। तारा देवी मंदिर का मुख्य भवन के भीतर देवी माँ के के दर्शन होते है, मंदिर के चारों ओर श्रद्धालुओ के लिए एक परिक्रमा पथ भी हैं। यहां तारा देवी के आलावा मां सरस्वती, मां भगवती और अन्य देवी देवताओं के भी मूर्तियां विराजमान हैं।

मंदिर खुलने और बंद होने का समय

तारा देवी मंदिर सुबह 7 बजे से शाम के 6:30 बजे तक खुला रहता हैं। आप शाम 6:30 बजे तक आराम से मंदिर में दर्शन कर सकते हैं। मंदिर तक पहुंचनें के लिए आपको पैदल यात्रा करना होगा या आप पोनी सवारी की सुविधा भी ले सकते हैं। आपको बता दूं कि प्रत्येक रविवार को मंदिर में भंडारा भी आयोजित किया जाता हैं।

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कैसे पहुंचे?

हवाई जहाज से - सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जुबारहटी शिमला में स्थित हैं। यहां से आप टैक्सी या कैब ले कर मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। 
ट्रेन द्वारा - ट्रेन द्वारा अगर आप मंदिर तक जाना चाहते हैं, अच्छी बात यह है कि आपको रेलवे स्टेशन शिमला में ही मिल जाएगा। यहां से आप टैक्सी ले कर मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग से - शिमला शहर सभी राज्यों से अच्छी तरह सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ हैं। आप बस ले कर बहुत ही आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

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