हिमाचल की ये गुमनाम घाटी में, पहाड़ों और तारों भरे आसमान के बीच वक्त बिताने के लिए बेस्ट है!

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Photo of हिमाचल की ये गुमनाम घाटी में, पहाड़ों और तारों भरे आसमान के बीच वक्त बिताने के लिए बेस्ट है! by Rishabh Dev

जब खूबसूरती और घुमक्कड़ी का नाम एक साथ लिया जाता है तो हिमाचल प्रदेश ही दिमाग में आता है। लोग हिमाचल जाते भी बहुत हैं। कुछ शिमला और मनाली जाते हैं तो कुछ यहाँ के गाँव और कस्बों की सैर करते हैं। जिस जगह पर लोग ज्यादा जाते हैं वो जगह अपनी मौलिकता खो देती है, वहाँ के लोग पैसे कमाने के बारे में सोचने लगते हैं। तब उस जगह में वो आकर्षण नहीं रह जाता है जिसे पहली बार देखने पर आया होगा।

तब नई जगह की तलाश की जाती है जहाँ खूबसूरती के साथ उसकी मौलिकता बनी हो, जो पहाड़ और आसमां के शानदार नज़ारे दिखाती हों। हिमाचल प्रदेश में ऐसी बहुत सारी जगहें हैं जिन्हें एक्सप्लोर करना अभी बाकी है। ऐसी ही एक जगह है, राजगुंधा घाटी। ये घाटी बरोट और बिलिंग के बीच में है। यहाँ आप पहाड़, साफ आसमान और रात को तारों से सजे जहां को देख सकते हैं। चलिए आज इस खूबसूरत घाटी की सैर पर चलते हैं।

राजगुंधा घाटी

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राजगुंधा वैली। श्रेय: रचिता सक्सेना।

राजगुंधा धौलाधार रेंज के बीच एक छोटा-सा गाँव है, जिसकी ऊँचाई 8,900 फीट है। बरोट घाटी और बिलिंग के बीच बसे इस गाँव तक ट्रेकिंग करके ही पहुँचा जा सकता है। इस जगह के बारे में अभी बहुत कम लोगों को पता है। ये गाँव बेहद खूबसूरत है और जन्नत से कम नहीं है। आप एक जगह पर बैठकर घंटों पहाड़ को निहार सकते हैं।

आप इस जगह को कुछ दिनों में अच्छी तरह से देख सकते हैं। अगर आपको शांति और सुकून में कुछ दिन गुज़ारने हैं तो इससे अच्छी जगह और कोई नहीं होगी। अगर आप सर्दियों में यहाँ आते हैं तो बर्फबार का आनंद भी ले सकते हैं।

कब जाएँ?

वैसे तो आप यहाँ साल में कभी भी आ सकते हैं, फिर भी मॉनसून में यहाँ आने से बचें। तब यहाँ पहुँचने में मुश्किल हो सकती है। तब बारिश से सड़कें टूट भी जाती हैं और भूस्खलन से रास्ता भी कट जाता है, ऐसे में आप फंस सकते हैं। इसलिए मॉनसून में ना ही आएँ तो अच्छा रहेगा। अगर आप गर्मियों से बचने के लिए यहाँ आना चाहते हैं मार्च से जुलाई सबसे अच्छा समय है।

राजगुंधा वैली जाने के लिए सर्दियाँ सबसे अच्छा समय है। तब पूरी जगह बर्फ की चादर से ढकी होती है। आप बर्फ से ढके घर में बैठकर शानदार नज़ारे का लुत्फ उठा सकते हैं। यहाँ खूब बर्फबारी होती है इसलिए यहाँ आने की प्लानिंग ठीक तरह से बनाएँ। अगर खूब बर्फबारी के समय आप आए तो कई दिनों तक वहीं रुकना पड़ेगा।

कैसे पहुँचे?

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राजगुंधा की ट्रेकिंग। श्रेय: रचिता सक्सेना

राजगुंधा घाटी तक जाने का एक ही तरीका है, ट्रेकिंग। ट्रेकिंग के दो रास्ते हैं जिससे आप राजगुंधा पहुँच सकते हैं।

बिलिंग सेः

सबसे पहले आप बीर जाइए। वहाँ से बिलिंग पैराग्लाइडिंग साइट तक टैक्सी से जा सकते हैं। अगर आप पैकेज के साथ नहीं आएँ हैं तो आपको वहाँ खुद कैब से पहुँचना होगा क्योंकि इस रूट पर कोई बसें नहीं चलती। बिलिंग साइट से आपको राजगुंधा वैली तक ट्रेकिंग करनी होगी जिसकी दूरी लगभग 14 कि.मी. है। ट्रेक सीधा और सरल है, इसलिए आपको ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। रास्ते में खतरा यहाँ के जंगली जानवरों से है। इसलिए आप अपने साथ गाइड लेकर जाएँ तो बेहतर होगा।

बरोट घाटी सेः

अगर आप ज्यादा लंबी ट्रेकिंग नहीं करनी है तो दूसरा रास्ता सरल है। इसके लिए आप बरोट से राजगुंधा जा सकते हैं। सबसे पहले आप बरोट गाँँव तक बस से पहुँचें।बरोट गाँव से आपको एक बस या टैक्सी मिल जाएगी जो आपको गाँव के आखिरी छोर तक ले जाएगी। जहाँ से आपको राजगुंधा वैली के लिए 6 कि.मी. का ट्रेक करना होगा। 6 कि.मी. की ये चढ़ाई थका देनी वाली है। राजगुंधा पहुँचने से पहले आपको एक नदी पार करनी पड़ती है और उसके कुछ मिनटों के बाद आप अपनी मंज़िल तक पहुँच जाएँगे।

कहाँ ठहरें?

राजगुंधा गाँव में ठहरने के लिए आपको ज्यादा विकल्प मिलेंगे नहीं। यहाँ कुछ शिविर और गेस्ट हाउस हैं जो एक रात के ₹500- ₹1,000 लेते हैं। अगर आपके पास अपना टेंट है तो उसे भी लगा सकते हैं। टेंट ज्यादा दूर ना लगाएँ क्योंकि रात में यहाँ सियार भी आते हैं। इसलिए ज्यादा दूर रहना खतरनाक हो सकता है।

क्या-क्या कर सकते हैं?

राजगुंधा वैली उन जगहों जैसी नहीं है जहाँ जाने के लिए कुछ स्पाॅट होते हैं। यहाँ आप खूबसूरती को निहार सकते हैं, उसको महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा आसपास के इलाके को देख सकते हैं। फिर भी कुछ चीजें हैं जो आपको इस वैली में करनी चाहिए।

नदी किनारे चलें!

राजगुंधा के बगल से उहल नदी बहती है जो बरोट में जाकर अलग हो जाती है। नदी काफी साफ और सुंदर है। आप नदी किनारे जाकर कुछ समय बिता सकते हैं, धूप सेक सकते हैं और कुछ दूर तक किनारे-किनारे चल भी सकते हैं। इसके अलावा आप यहाँ पानी में नहा भी सकते हैं या अपने पैरों को डुबोकर बैठ सकते हैं।

छोटा मनाली देखें

राजगुंधा घाटी में एक छोटा-सा जंगल है जहाँ आपको चारों तरफ चीड़ के पेड़ मिलेंगे। इस जगह को छोटा मनाली के रूप में जाना जाता है। आपको इस जंगल तक पैदल-पैदल जाना चाहिए। आपको ये जगह बेहद खूबसूरत और शानदार लगेगी।

तारों के बीच रात

राजगुंधा वैली में रात को आप सुंदर आसमान देख सकते हैं। आप ऊपर देखेंगे तो तारे ही तारे नज़र आएँगे तब आपको लगेगा कि अगर कहीं जन्नत है तो इसी पल में हैं। आपको खूबसूरत मिल्की-वे यानि आकाशगंगा नज़र आएगी। आप तारों के नीचे घंटों बैठकर बातें कर सकते हैं।

पहाड़ों पर कैंपिंग

पहाड़ पर कैंपिंग करना एक शानदार अनुभव है और आप राजगुंधा वैली में कैंपिंग कर सकते हैं। आप कैंपिंग के अलावा यहाँ ट्रेकिंग पर जा सकते हैं जहाँ से आप 360 डिग्री. का खूबसूरत नज़ारा देख पाएँगे। बर्फ से ढकी पहाड़ की चोटी को देखकर आपका मन खुश हो जाएगा। आप यहाँ पर खूबसूरत सूर्योदय के नज़ारे ज़रूर देखें। इस नज़ारे को देखने के लिए आपको सुबह-सुबह जल्दी उठना पड़ेगा।

रोज छोटे ट्रेक और हाइक पर जाएँ

राजगुंधा के बारे में सबसे अच्छी बात ये है कि पूरा इलाका अनएक्सप्लोरड है। इसलिए आप हर रोज़ यहाँ की नई जगह पर जा सकते हैं। यहाँ आप सुंदर जगह की ट्रेकिंग कर सकते हैं,आप नदी के तट पर जा सकते हैं, यहाँ के स्थानीय लोगों के साथ बात कर सकते हैं। अगर आप कोई नई ऑफबीट जगह की तलाश में हैं तो राजगुंधा वैली इसके लिए सबसे बेस्ट है।

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