बिहार भारत के उन राज्यों में एक है, जहाँ गंगा नदी का विस्तार बहुत ज़्यादा है। इस पूरे राज्य को लगभग दो भागों में बाँटने वाली गंगा के कारण लोगों को आने जाने में कठिनाई से दो चार होना पड़ता है। इसी समस्या को दूर करने के लिए बिहार सरकार ने 3 महासेतु का निर्माण करने का फ़ैसला लिया है।
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गंगा नदी पर पहले से ही महात्मा गाँधी सेतु विक्रमशिला सेतु जैसे पुल थे, लेकिन इन 3 महासेतु से बिहार की रफ़्तार को अधिक मज़बूती मिलेगी।
औटा घाट सिमरिया ब्रिज
गंगा नदी पर बनने वाले इस महासेतु की लागत 1491 करोड़ की है और आने वाले 2023 तक इस पुल का काम पूरा हो जाएगा।
कच्ची दरगाह बिदुपुर ब्रिज
कच्ची दरगाह से बिदुपुर के बीच बनने वाला यह ब्रिज देश का सबसे बड़ा एक्स्ट्राडोज़ केबल ब्रिज होगा जिसका 45 प्रतिशत काम पहले ही पूरा हो चुका है। आने वाले 2023 को इस पुल पर भी काम पूरा हो जाएगा।
इस ब्रिज की लम्बाई लगभग 20 किमी0 की होगा। इस ब्रिज की मदद से राजधानी पटना का इलाक़ा उत्तर बिहार से सीधा जुड़ जाएगा।
सुल्तानगंज अगवानी घाट पुल
सुल्तानगंज से अगवानी घाट तक जाने वाले इस पुल का निर्माण 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा और इसी साल जनता के लिए खोल दिया जाएगा। चाल लेन वाले इस पुल की मदद से भागलपुर से खगरिया जाने वाले लोगों को बहुत सहूलियत होगी।
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