राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में पिछले कई सालों से बन रही शिव प्रतिमा का आज लोकार्पण कार्यक्रम शुरू हो गया हैं। यह प्रतिमा राजसमंद से उदयपुर जाते हुए मुख्य हाईवे पर ही पड़ती हैं।इसकी ऊंचाई 369 फ़ीट हैं जो कि दुनिया की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा होगी। राजसमंद से उदयपुर जाते वक्त यह मूर्ति कई किलोमीटर दूर से ही दिखाई देने लग जाती हैं। आगे जानिये कि यहाँ ऐसी क्या क्या ख़ास चीजे बन रही है जो कि राजस्थान में नाथद्वारा को टूरिस्ट का एक बड़ा सेंटर बनाने की काबिलियत रखती हैं।
नौ दिन तक चलेगा लोकार्पण कार्यक्रम :
शिव प्रतिमा का लोकार्पण कार्यक्रम नौ दिन तक चलेगा जिसमे मुरारी बापू के द्वारा रामकथा सुनाई जायेगी।नौ दिन तक रोज 60000 श्रद्धालु इसे सुनेंगे। इनके रहने की व्यवस्था के लिए सर्वसुविधा युक्त कई टेंट लगा दिए गए हैं। आस पास के होटल्स की सारी बुकिंग्स भी फुल हो गयी हैं। यहाँ विदेशों से भी अनेक श्रद्धालु आएंगे और रोज करीब एक लाख श्रद्धालु यहाँ भोजन प्रसाद लेंगे।फ़िलहाल नाथद्वारा में भव्य उत्सव सा माहौल हो चूका हैं जो 6 नवम्बर तक रहेगा।इस दौरान यहाँ धार्मिक,आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
यह हैं शिव प्रतिमा का नाम ,यह होगी विशेषताएं :
मूर्ति के चारो ओर भव्य प्रांगण रहेगा जिसमे कुछ बगीचे होंगे।प्रांगण में ही भगवान नंदी की भी एक विशिष्ट अवस्था वाली मूर्ति बनाई गयी हैं। स्टेचू ऑफ़ यूनिटी और बुर्ज खलीफा की तरह इसमें भी लिफ्ट से ऊंचाई पर जाने की व्यवस्था होगी।इसमें कुल चार तेज स्पीड वाली लिफ्ट लगाई गयी हैं जो कि अलग अलग ऊंचाई तक ले जाकर ,अलग अलग दृश्य दिखाएगी। लिफ्ट के अलावा इसमें गेलेरी ,बड़े बड़े हॉल और पुस्तकालय भी रहेगा। एक बार में इसमें कई हज़ारों श्रद्धालु घूम सकते हैं। 280 फ़ीट की ऊंचाई पर गिलास ब्रिज भी बनाया गया हैं जो कि राजस्थान का पहला गिलास ब्रिज होगा।
प्रतिमा को अपना रूप लेने में करीब 10 साल का समय लगा।प्रतिमा पर तेज हवा ,बरसात ,तूफ़ान ,धुप का कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ेगा। रात को यहाँ लेजर लाइट एंड साउंड शो भी चलेगा।शिव जी का आसान ही करीब 110 फ़ीट ऊँचा बनाया हैं जिसे बर्फ की तरह का रूप दिया हैं। इसे देखकर ऐसा लगेगा कि भगवान 'कैलाश पर्वत' पर विराजमान हैं।
और हाँ ,सबसे महत्वपूर्ण बात। स्टेचू ऑफ़ यूनिटी (वडोदरा ),स्टेचू ऑफ़ इक्वलिटी(तेलंगाना ) के बाद अब जो नाम भारत में सुनने को मिलेगा वह हैं - स्टेचू ऑफ़ बिलीफ (statue of belief)....... जी हाँ ,दुनिया की सबसे ऊँची इस शिव प्रतिमा का नाम "विश्वास स्वरूपम" और "स्टेचू ऑफ़ बिलीफ" रहेगा।
यही तैयार हो रहा हैं इस खतरनाक एडवेंचर एक्टिविटी का प्लेटफार्म :
"विश्वास स्वरूपम" के थोड़ा पीछे ही बन कर तैयार हो चूका हैं राजस्थान का सबसे ऊँचा बंजी जंपिंग प्लेटफॉर्म।इसके लिए यहाँ जंपिंग टावर खड़ा हो चूका हैं। यहा देश की सबसे ऊँची 'टावर बंजी जंपिंग ' होगी। तो इस रोमांचक एक्टिविटी में ऋषिकेश के साथ अब नाथद्वारा का नाम भी काफी बड़े स्तर पर जुड़ने वाला हैं। 'स्टेचू ऑफ़ बिलीफ' फ़िलहाल आम लोगों के लिए 10 से 15 दिन बाद खुलेगा। इसके टिकट की जानकारी भी जल्द ही ऑफिसियल वेबसाइट पर दे दी जायेगी।
कुल मिलाकर ''विश्वास स्वरूपम'' का राजस्थान के टूरिज्म में आने वाले समय में बहुत ही बड़ा योगदान होने वाला है और हर साल लाखों विदेशी पर्यटक यह खींचकर लाएगा जिस से नाथद्वारा के आस पास के क्षेत्र में भी आमदनी के कई अवसर बनेंगे।वैसे नवरात्री से मार्च तक का समय राजस्थान भृमण के लिए सबसे बेस्ट माना जाता हैं तो देर किस बात की ,अपनी लिस्ट में आज ही 'स्टेचू ऑफ़ बिलीफ ' का भी नाम जोड़ लीजिये और चले आइये राजस्थान।
अन्य नजदीकी स्थल : श्रीनाथ जी मंदिर (आधा किमी ),उदयपुर (45 किमी ),एकलिंग जी (30 किमी ),कुम्भलगढ़ (50 किमी )
-ऋषभ भरावा