ओरछा एक ऐसा पर्यटन स्थल है जो आध्यात्म , इतिहास और प्रकृति की सुन्दरता से भरा पड़ा है यह मात्र एक ऐसी जगह है जहाँ भगवान राम की पूजा राजा के रूप में होती है यह स्थल बुन्देला राजाओ का केंद्र रहा है ओरछा में घूमने की जगहों Orchha Tourist Places में श्री रामराजा सरकार मन्दिर , जहाँगीर महल , दाउजी की हवेली , राजा महल , राय परवीन महल , चतुर्भुज मन्दिर , बेतवा नदी के किनारे शाही छतरियां , लक्ष्मी नारायण मन्दिर , फूल बाग़ , सावन भादो पिलर , वन्य जीव अभयारण्य , श्री हरदौल बैठका , जानकी जू मन्दिर धाम , अमर महल , श्री दिगंबर जैन मन्दिर आदि है |
ओरछा मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में है इस जगह की स्थापना राजा रूद्र प्रताप सिंह जू जी ने की थी फिर मधुकर शाह , वीर सिंह देव ने भी यहाँ राज किया है इस जगह पर पहले परिहार राजाओ ने राज किया फिर चंदेल राजाओ ने यहाँ राज किया और फिर बुंदेलो ने बताते है की ओरछा का राम राजा सरकार मंदिर विश्व में एकलौता ऐसा मन्दिर है जहाँ श्रीराम की पूजा भगवान के रूप में नहीं बल्कि एक राजा के रूप में होती है रामराजा सरकार को ओरछा की महारानी गणेश कुंवर पैदल ही अयोध्या से लाइ थी |
ओरछा के बारे में
मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में स्थित ओरछा सच में एक ऐसा पर्यटन स्थल है जहाँ आपको जरूर आना चाहिए यहाँ के भव्य किले अपनी बेजोड़ वास्तुकला के लिए जाने जाते है इस स्थल में बहती बेतवा नदी के जल की कल-कल की आवाज आपको मंत्रमुग्ध कर देती है यहाँ के पुरानी शैली में बने भव्य मन्दिर भी देखते ही बनते है ओरछा के कण-कण में इतिहास छुपा हुआ है और इस छोटे से पर्यटन स्थल की प्राकृतिक ख़ूबसूरती , किलो महलों की भव्यता विशालता , यहाँ के मन्दिरों की मान्यता इसे एक ऐसा पर्यटन स्थल बना देती है जिसमे इतिहास भी है आध्यात्म भी है और प्राकृतिक सुंदर नज़ारे भी है |
Orchha Tourist Places में आपको महलों किलो मंदिरो के अलावा रिवर राफ्टिंग , जंगल सफारी का भी लुत्फ़ मिलेगा ओरछा को मध्य प्रदेश की अयोध्या भी कहते है यहाँ जब आप प्रवेश करते हो तो सबसे पहले आप का स्वागत होता है ऐतिहासिक प्रवेश द्वार से बस यही से आपको लगता है की हम किसी राजा महाराजो की नगरी आ गए है |
कैसे पहुंचे यहाँ - How to Reach Orchha
यह पर्यटन स्थल उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से सटा हुआ है अगर भौगोलिक स्थिति की बात करे तो ओरछा मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के अंतर्गत आता है वही उत्तर प्रदेश के शहर झाँसी से यहाँ की दूरी महज 14-15 किलोमीटर होगी मध्य प्रदेश के एक और शहर ग्वालियर से की दूरी लगभग 120 किलोमीटर होगी यहाँ पहुंचना बहुत ही आसान है |यदि आप यहाँ तक वायुमार्ग से आना चाह रहे है तो आपको बता दे ओरछा का सबसे नजदीक का एअरपोर्ट ग्वालियर में है और ग्वालियर से यहाँ की दूरी लगभग 128 किलोमीटर होगी अच्छा यहाँ का दूसरा नजदीक का एअरपोर्ट खजुराहो है जिसकी ओरछा से दूरी लगभग 176 किलोमीटर होगी तो आपको आगे का सफ़र ट्रेन या बस या गाडी बुक करके करना पड़ेगा |अब यदि आप ट्रेन से आना चाह रहे हो तो आपको बता दे कि में खुद का रेलवे स्टेशन है जिसका कोड ORC है लेकिन यहाँ पर बहुत की कम ट्रेन चलती है जो ट्रेन है भी वो लोकल की है मतलब झाँसी से ही तो ट्रेन से आपके लिए क्या बेस्ट रहेगा आइये बताते है ओरछा से महज 14-15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है झाँसी का वीरांगना लक्ष्मीबाई जंक्शन जिसका कोड VGLB है |
झाँसी के लिए आपको भारत के लगभग हर बड़े शहर से कोई न कोई ट्रेन मिल जाएगी तो पहले आओ झाँसी फिर झाँसी से पब्लिक साधन से आना है तो झाँसी बस स्टैंड से टेम्पो सीधे ओरछा आते है बाकी आप अपना ऑटो या गाड़ी बुक करके भी जा सकते हो |यदि आपको सड़क मार्ग से आना है तो आप को बता दे यहाँ का सबसे नजदीकी बस स्टैंड झाँसी का है तो आप झाँसी तक आइये फिर झाँसी से तमाम बस ऑटो टेम्पो चलते है बाकी आप ग्वालियर खजुराजो से भी आराम से ओरछा तक आ सकते बढ़िया सड़के है |
पब्लिक साधन से आना है तो झाँसी बस स्टैंड से टेम्पो चलते है जो 40 रूपये लेंगे और आपको ओरछा पहुंचा देंगे ये टेम्पो आपको जहाँ पर उतारेंगे वहां से थोडा सा पैदल चलेंगे तो आप श्री राम राजा मन्दिर के सामने पहुँच जायेंगे |
नगर ओरछा के अन्दर घूमने के साधन
अब आपको बताते है कि ओरछा के अन्दर एक प्लेस से दूसरे प्लेस तक घूमने के लिए क्या-क्या साधन मौजूद है तो देखिये ओरछा के सभी टूरिस्ट स्पॉट लगभग पास-पास ही है तो यदि आप थोडा बहुत पैदल चल सकते है तो आपको यहाँ घूमने के लिए किसी भी साधन की आवश्कता नहीं पड़ेगी बाकी यदि आप साधन से ही घूमना चाहते है तो आप यहाँ ई-रिक्शा या ऑटो या फिर कोई गाड़ी बुक कर लीजिये और घूमिये लेकिन साधन की आवश्यकता नहीं है |
कहाँ रुके
अब Orchha Tourist Places घूमने के लिये हो सकता है आपको रुकना पड़े वैसे आप चाहे तो एक दिन में ओरछा घूम सकते है लेकिन मेरी मानिये तो एक रात तो यहाँ जरूर रुकिए यह एक जाना माना पर्यटन स्थल है तो यहाँ होटल गेस्ट हाउस आदि की कोई भी कमी नहीं है आप अपने बजट के अनुसार रूम देखकर इतमिनान से कोई भी होटल बुक कर ले यहाँ सस्ते से लेकर महंगे होटल तक सब है |
यदि आपका बजट कम है तो आप राम राजा सरकार मंदिर की धर्मशाला जिसका नाम श्री राम राजा धर्मशाला है जहाँ आपको रूम महज 100 रूपये में मिल जायेगा इसमें अटैच वाशरूम नहीं होगा वैसे यहाँ पर अटैच वाशरूम वाले रूम भी मिल जाते है जो की थोडा सा महंगे है आप इनकी बुकिंग ऑनलाइन इनकी वेबसाइट से कर सकते हो और आपको वहां पर जाकर भी कमरा मिल जायेंगे यह धर्मशाला राम राजा मंदिर ट्रस्ट की है और मंदिर परिसर में ही है यहाँ थोड़ी सी साफ़ सफाई की कमी है |
यहाँ के दार्शनिक स्थल मतलब क्या क्या घूम सकते है - Orchha Tourist Places
अब बात करेंगे ओरछा के प्रमुख दार्शनिक स्थलों की कहने का तात्पर्य आप जब भी यहाँ आओ तो आप क्या क्या घूम सकते हो उसकी जानकारी अब पढिये
श्री राम राजा मन्दिर ओरछाधाम
श्री राम राजा मन्दिर ओरछा का सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र है यह मन्दिर क्या महल लगता है यह एक ऐसा मन्दिर है जहाँ पर श्रीराम को भगवान के रूप में नहीं अपितु एक राजा के रूप में पूजा जाता है यहाँ के लोकल लोग श्रीराम को अपना राजा मानते है यहाँ श्रीराम को सम्मान स्वरुप पुलिस द्वारा बदूक की सलामी भी दी जाती है जब आप श्री राम राजा मन्दिर की ओर आएंगे तो रास्ते में आपको ढेर सारी प्रसाद की दुकाने, फूल-माँलो की दुकाने, भोजनालय , खिलौनों आदि की दुकाने दिखाई पड़ेंगी आप अपनी आवश्कता अनुसार जो चाहे वो खरीद सकते है |
मन्दिर परिसर में आकर अपने चप्पल जूते उतार दे जिसकी यहाँ बढ़िया व्यवस्था है यहाँ पर लगेज रूम भी है जहाँ आप अपना सामान रख सकते हो फिर जाकर अन्दर प्रवेश करे और लाइन में लगकर राजा राम के दिव्य दर्शन करे राजा राम के दर्शन के बाद मन्दिर प्रांगण में अन्य मंदिरों के दर्शन कर ले और चुपचाप कही पर बैठ कर इस दिव्य जगह की अनुभूति करे यकीन मानिये जब यहाँ पर श्रद्धालु जय श्री राम के जयकारे लगते है तो शरीर में राम भक्ति की बिजली कौंध जाती है यहाँ पर दिन में चार बार आरती होती है |
राम जन्मभूमि अयोध्या में घूमने की जगहे
राम राजा मन्दिर ओरछा की पहचान है यहाँ मन्दिर प्रांगण में आप महाप्रसाद ले सकते हो जो की आपको 25 रूपये 60 रूपये और 120 रूपये में मिल जाता है 25 रूपये के महाप्रसाद में आपको दो लड्डू एक पान का बीड़ा और एक इत्र की कली रुई मिलती है आप इस महाप्रसाद को जरूर ले एक बात और और बता दे मंदिर प्रांगण में फोटोग्राफी मना है तो आप अन्दर फोटो न ले और बेल्ट पर्स आदि भी मना है फिर आपकी इच्छा जब मै गया था था कुछ लोग चोरी छिपे अन्दर फोटो ले रहे थे खैर वहां का नियम यही है की आप फोटोग्राफी न करे और बेल्ट पर्स वर्जित है |
सावन भादो पिलर
राम राजा मन्दिर के समीप ही दो ऊँची ऊँची मीनारे बनी हुई है जिन्हें सावन भादो पिलर कहा जाता है इस मीनारों में खास यह है कि इनके नीचे सुरंगे बनी है जिनमे राजपरिवार के लोग आ जा सकते थे हालाँकि अब ये सुरंग बंद कर दी गई है लेकिन ये दोनों सावन भादो पिलर आज भी शान से खड़े है |
श्री हरदौल बैठक फूलबाग
सावन भादो से थोडा आगे जाने पर स्थित है श्री हरदौल बैठका जो कि राजा हरदौल के लिए जाना जाता है हरदौल जी राजा जुझार सिंह के भाई थे ओरछा में आज भी कोई मांगलिक कार्यक्रम होता है तो उसका पहला निमंत्रण राजा हरदौल को ही दिया जाता है हरदौल राजा वीर सिंह देव के सबसे छोटे पुत्र थे जहाँ पर हरदौल बैठका बना हुआ है वहां आसपास पेड़ पौधे है फव्वारे बने है और एक चबूतरा है जिसपर राजा हरदौल की प्रतिमा बनी है स्थानीय लोग राजा हरदौल को पूजते है इसी जगह को हरदौल बैठक , फूलबाग , हरदौल की समाधी स्थल आदि कहते है |
जानकी जू मन्दिर धाम
जानकी जू मन्दिर श्री राम राजा मन्दिर के समीप ही मुख्य चौराहे पर एक ऊँचे चबूतरे पर बना हुआ यहाँ आप जरूर आये और आकर माँ जानकी के दिव्य दर्शन का लाभ अवश्य ले इस मन्दिर का महत्त्व विवाह पंचमी में दिखाई देता है जब राम राजा सरकार की बारात निकलती है वह जानकी मंदिर में ही आती है यही पर इसी मन्दिर के पुजारी बरातियो को और राम राजा का स्वागत करते है तो आप यहाँ पर माँ जानकी के दर्शन जरूर करे |
श्री दिगम्बर जैन मन्दिर
श्री दिगम्बर जैन मन्दिर जानकी जू मन्दिर से थोड़ी ही दूरी पर है मुख्य सड़क पर ही इस मंदिर का नाम लिखा हुआ है आप यहाँ पर भी दर्शन कर ले यहाँ टाइमिंग का ध्यान देना रहता है आप सुबह ही दर्शन कर लो तो बेहतर है हम तो शाम को गए थे तब मन्दिर बंद था परन्तु एक सज्जन व्यक्ति चाभी लाकर मंदिर खोलकर दर्शन करवा दिए थे हमारी Orchha Tourist Places की लिस्ट में यह जैन मन्दिर भी शामिल है |
चतुर्भुज मन्दिर
चतुर्भुज मंदिर ओरछा के प्रमुख मंदिरों में से एक है और इस भव्य मंदिर को राजा मधुकर शाह ने सन 1558 से 1573 के मध्य बनवाया था वैसे तो राजा मधुकर शाह ने राम जी के लिये यह मंदिर बनवाया था परन्तु उन्हें यहाँ किन्ही कारणों वश भगवान विष्णु को स्थापित करना पड़ा था तो अब यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है यह मंदिर एक ऊँचे मंच पर बना एक बहुमंजिला मन्दिर है चतुर्भुज मंदिर की स्थापत्य कला असाधारण है |चतुर्भुज मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत है यह मंदिर आयताकार है और इसमें दो ऊँचे ऊँचे शिखर है और चार छोटे शिखर है अगर हम मंदिर के अन्दर की बात करे तो आप यहाँ की नक्खाशी देखिये आपको आश्चर्य होगा यह बहुत ही खूबसूरत है अब ज्यादा क्या बताये आप जब जाओगे तो खुद ही चतुर्भुज मंदिर की बुन्देली शिल्पकला के कायल हो जाओगे यह श्री राम राजा सरकार मन्दिर के समीप ही है |
ओरछा फोर्ट काम्प्लेक्स - ओरछा का किला
अब बात करते है ओरछा के किले की जिसमे घूमने के लिए आपको कम से कम 3-4 घंटे चाहिए बाकी आप चाहे तो 30 मिनट में घूमे इच्छा आपकी ओरछा का किला श्री राम राजा सरकार मन्दिर के सामने ही बना हुआ है यहाँ पर 10 रूपये का टिकट है आप टिकट लेकर अन्दर जाइये और बस घूमते रहिये वैसे तो इस किले में बहुत कुछ है लेकिन यहाँ के तीन महल सबसे महत्वपूर्ण है एक जहाँगीर महल दूसरा राजा महल तीसरा राय प्रवीण महल तो आइये जानते है इन सब महलों को |
जहाँगीर महल
जहाँगीर महल का निर्माण राजा वीर सिंह देव ने सन 1605 से सन 1627 के मध्य करवाया था और इस महल को जहाँगीर के सम्मान में बनवाया गया था इस महल में आपको बुन्देली स्थापत्य कला , राजपूत स्थापत्य कला , हिन्दू मुस्लिम स्थापत्य कला का मिश्रण देखने को मिलेगा निसंदेह यह महल बहुत ही बड़ा और भव्य है जहाँगीर महल वर्गाकार है इसमें बहुत से कमरे है आकर्षक गुम्बद है और बालकनी भी बनी है इस महल में आप ऊपर जा सकते है ऊपर जाने के लिए सीढिया बनी हुई है जहाँगीर महल को आप सीढियों से जाकर ऊपर से भी अवश्य देखे यह बहुत ही सुन्दर महल है |जहागीर महल के सामने ही ऊंट खाना है जो की पहले एक बारादरी था लेकिन सत्रहवी शताब्दी से इसे ऊंट खाना बना दिया गया आप इस ऊंट खाना को भी देख सकते है यह एक ऊची चट्टान पर बना हुआ है , इस महल में पत्त्थरो पर जाली का काम शानदार है Orchha Tourist Places में यह महल भी खास है |
राय प्रवीण महल
ऊंट खाना से आप नीचे जायेंगे तो वही पास में ही राय प्रवीण महल है इस महल का निर्माण राजा इन्द्रजीत सिंह ने सन 1592 से 1605 के मध्य कराया था राय प्रवीण एक नृत्यांगना थी इसलिए राय प्रवीण महल के उपरी मंजिल में नृत्य करती हुई पेंटिंग बनाई गई है यह महल दो मंजिल का है इस महल के अन्दर एक खूबसूरत उद्यान भी है अच्छा राय प्रवीण कुशल नृतकी के साथ साथ कवियत्री व गायिका भी थी यह महल ज्यादा बड़ा नहीं है लेकिन आप इसे Orchha Tourist Places की लिस्ट में जरूर शामिल कर ले |
राजा महल या राज महल
राजा महल बनवाने की शुरुआत राजा रूद्र प्रताप ने सन 1531 में की थी फिर इसको इनके पुत्र भारती चन्द्र ने राजा महल को पूर्ण करवाया फिर इस महल को अंतिम रूप राजा मधुकर शाह ने प्रदान किया इस महल में दीवान ए खास और दीवान ए आम भी है में विष्णु जी के दसो अवतारों का चित्रण किया गया है राजा महल में स्थित दीवान ए खास को मधुकर शाह ने बनवाया था इस महल के कई कमरों की छतो पर सुन्दर चित्र बने है वही जाली कार्य यहाँ भी बेहतरीन है इस महल में बने मेहराब भी उत्कृष्ट है |
इन तीनो महलों के अलावा आप ओरछा फोर्ट काम्प्लेक्स में शीश महल , दाउजी की कोठी , तीन दसियों की समाधी , पंचमुखी हनुमान मन्दिर , राधिका बिहारी मन्दिर , वनवासी राम मन्दिर , शाही दरवाजा , शिव मन्दिर , तोप खाना , बारूद खाना , पुरुषोत्तम दस का मकान, हमाम खाना , और कई कोठियां देख सकते हो और मेरी राय यही है आप यहाँ पर समय लेकर आओ और हर एक चीज देखो |
अब बात करते है ओरछा किले के टिकट की तो यहाँ भारतीयों के लिए मात्र 10 रूपये टिकट है वही विदेशी नागरिको के लिए टिकट 250 रूपये है आपको बता दे ओरछा किले में एक साउंड एंड लाइट शो भी आयोजित होता है जो हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओ में होता है तो जो साउंड एंड लाइट शो अंग्रेजी भाषा में होता है उसकी टाइमिंग गर्मियों ( मार्च से सितम्बर ) में शाम 7:30 से 8:30 है और ठंडी ( अक्टूबर से फरवरी ) में शाम 6:30 से 7:30 है |
वही हिंदी भाषा में होने वाले साउंड एंड लाइट शो की टाइमिंग गर्मियों ( मार्च से सितम्बर ) में रात 8:45 से 9:45 है और ठंडी ( अक्टूबर से फरवरी ) में रात 7:45 से 8:45 है अब हम इस शो के टिकट शुल्क की बात करे तो यह भारतीय वयस्क केलिए 200 रूपये है और भारतीय बच्चो के लिए 100 रूपये है जबकि विदेशी वयस्क के लिये टिकट 400 रूपये है और विदेशी बच्चो के लिए 250 रूपये का टिकट है |अब बात करते है इस साउंड एंड लाइट शो के आयोजन स्थल की तो यह ओरछा किले के अन्दर राजा महल में आयोजित किया जाता है | अच्छा ओरछा के किले में आपको गाइड की भी सुविधा मिल जाएगी और यदि आप गाइड कर लेते तो आपको ज्यादा मजा आएगा बस आपसे फिर अनुरोध कर रहा हु यहाँ जाए तो समय लेकर जाये |
लक्ष्मी नारायण मन्दिर
लक्ष्मी नारायण मंदिर ओरछा का एक जाना माना और महत्वपूर्ण मंदिर और पर्यटन स्थल है यह मन्दिर मुख्य रूप से माँ लक्ष्मी को समर्पित है इस मंदिर की दीवारों पर जो चित्रकारी है वह अद्भुत है लक्ष्मी नारायण मन्दिर को राजा वीर सिंह देव ने सन 1622 में बनवाया था यह एक ऊँची पहाड़ी पर बना एक महल जैसा मन्दिर है इस मन्दिर की पेंटिंग्स , गुम्बद , खिड़कियाँ बहुत ही खूबसूरत है यह एक मस्ट विजिट प्लेस है यहाँ आप जरूर आये Orchha Tourist Places में इस मन्दिर का महत्त्व अत्यधिक है |
ओरछा अभयारण्य
सन 1994 में ओरछा अभयारण्य की स्थापना की गई थी यह घूमने के लिए एक बढ़िया जगह है यह विशेष रूप से पक्षियो के लिए प्रसिद्ध है आप यहाँ पर कई तरह के पक्षी देखने को पाएंगे इस अभयारण्य के दोनों तरफ नदी बहती है अगर यहाँ के टिकट की बात करे तो 50 रूपये है अच्छा पैदल आप जाओगे तो 50 रूपये प्रति व्यक्ति पड़ेंगे यदि आप दुपहिया वाहन से जाते हो टिकट आपको २०० रूपये की पड़ेगी जिसमे दो व्यक्ति जा सकते है वही यदि आप कार जीप से जाते हो तो आपको 600 रूपये देने पड़ेंगे यदि आप ऑटो से जा रहे हो तो आपको 400 रूपये देने होंगे जिसमे आप ऑटो चालक सहित चार लोग ही जा सकते हो तो आप यहाँ भी अवश्य आये |
शाही छतरियां
शाही छतरियां बेतवा नदी के किनारे पर है और यकीन मानिये ये शाही छतरियां वाकई में शाही है इनकी भव्यता देखने योग्य है अगर लोकेशन की बात करे तो यह सभी शाही छतरियां कंचना घाट पर स्थित है यहाँ बुंदेला राजाओ की छतरियां बनी हुई है इन छतरियो के सामने ही कल-कल बहती बेतवा नदी को देखना एक सुखद अनुभव रहता है यहाँ पर आप रिवर राफ्टिंग बोटिंग का भी मजा ले सकते हो और इसी स्थल पर I Love Orchha सेल्फी पॉइंट भी है फोटोग्राफी के लिए यह स्थल एक अच्छा विकल्प है |राजा वीर सिंह देव की छत्री यहाँ पर सबसे भव्य है जिसे राजा जुझार सिंह ने सन 1627 में शुरू करवाया था यहाँ पर बुंदेला राजाओ और राज परिवार के सदस्यों की 15 छतरियां है जिनमे सबसे प्रमुख छत्री वीर सिंह देव , मधुकर शाह , पहाड़ सिंह , उद्वेत सिंह , जसवंत सिंह की है यह सभी छत्री पंचायतन मंदिरों के शैली में बनाइ गई है सभी छतरियां एक वर्गाकार चबूतरे पर बनी है बीच में गर्भगृह है वो भी वर्गाकार है ज्यादातर छतरियां तीन मंजिल की है यहाँ एक सुन्दर उद्यान भी है तो आप यहाँ जरूर जाए और समय लेकर जाए बेतवा नदी के किनारे घाट की सीढियों पर बैठना एक सुखद अनुभव होता है |
संतोषी माता मन्दिर
संतोषी माता मंदिर ओरछा के श्री राम राजा मन्दिर के समीप ही है और एक पहाड़ी पर बना हुआ है यह भी एक सुन्दर मन्दिर है जब आप यहाँ जाते हो तो ऊपर से आपको राम राजा सरकार मन्दिर चतुर्भुज मन्दिर ओरछा का किला छतरियां सबका बढ़िया व्यू मिल जाता है तो आप यहाँ भी दर्शन और व्यू हेतु जा सकते है Orchha Tourist Places में आप इस मन्दिर को इसके सुन्दर व्यू के लिए जरूर शामिल करे |
ये तो हो गए ओरछा में घूमने के ख़ास ख़ास पॉइंट इसके अलावा और भी ढेरो ऐतिहासिक इमारते यहाँ पर है कई ऐतिहासिक धरोहरे होटल में बदल दी गई है जैसे अमर महल होटल शीश महल होटल आप यहाँ भी घूमने जा सकते है |
बरुआसागर
वैसे तो यह स्थल झाँसी जिले में है लेकिन ओरछा से भी ज्यादा दूर नहीं है आप यहाँ से भी बरुआसागर ऑटो आदि से बड़ी ही आसानी से पहुँच सकते है बरुआसागर में आपको एक सुन्दर झील एक किला और कुछ मन्दिर देखने को मिलेंगे बरुआसागर एक बढ़िया जगह है यहाँ आपको जरूर जाना चाहिए Orchha Tourist Places में आप इसे जगह दे सकते है |
विवाह पंचमी ओरछा - Festival Of Orchha
देखिये अगर हा ओरछा में मनाये जाने वाले त्योहारों की बात करे तो यहाँ पर रामनवमी धूम-धाम से मनाई जाती है इसके अलावा ओरछा का सबसे बड़ा आकर्षण है यहाँ होने वाली विवाह पंचमी जो कि नवम्बर -दिसम्बर में आयोजित की जाती है और इसमें राजा राम का विवाह होता है इस रा, विवाह पे निवाड़ी जिला के डीएम यजमान बनते है पूरी ओरछा को सजा दिया जाता है श्री राम राजा धर्मशाला में एक विशाल भण्डारे का आयोजन किया जाता है | इस दिन राम राजा मंदिर से बाहर निकाले जाते है दुल्हा बनाये जाते है फिर रात करीब 8 बजे राजसी अंदाज में राम राजा की बारात निकाली जाती है जो ओरछा धाम के गलियारों से होती हुई जानकी मन्दिर आती है फिर यही पर रामजी का विवाह संपन्न होता है वाकई में यह त्यौहार अद्भुत होता है जीवन में आपको एक बार की विवाह पंचमी जरूर देखनी चाहिये इस दिन राजा राम को पुलिस द्वारा बन्दूक की सलामी भी दी जाती है |
अब हम आपको अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर कुछ टिप्स देने जा रहे जिससे आप की ओरछा धाम यात्रा और भी बढ़िया होगी -
श्री राम राजा मन्दिर में आप दिन में दर्शन करे आरती में भी शामिल हो और शाम को लाइट जलने के बाद भी दर्शन करे | चतुर्भुज मन्दिर में भी आप दिन में दर्शन करे और शाम को लाइट जलने के बाद भी दर्शन करे | ओरछा फोर्ट काम्प्लेक्स घूमने में जल्दबाजी न करे यहाँ पर कम से कम 3-4 घंटे जरूर दे इसके साथ ही साउंड एंड लाइट शो भी देख सकते है जिससे आपको यहाँ के इतिहास की जानकारी मिल जायेगी | शाही छतरियो को भी दिन में देखे वाही घाट के कीनारे बेतवा रिवर देखे राफ्टिंग भी करे और फिर शाम को लाइट जलने की बाद भी शाही छतरियों की तरफ जरूर आये |
दोस्तों ओरछा आकर आप निराश नहीं होंगे यहाँ के भव्य ऐतिहासिक किले-महल तो आपको पसंद आयेंगे ही साथ में बेतवा नदी के किनारे के व्यू आपको बार बार फोटो लेने पे मजबूर करेंगे वही श्री राम राजा मन्दिर में बजते राम जी के कीर्तन आपमें राम भक्ति की सकारात्मक उर्जा भर देंगे वही Orchha Tourist Places के लक्ष्मी नारायम मन्दिर और चतुर्भुज मन्दिर अपनी वास्तुकला से आपको कायल कर देंगे तो सोचिये मत समय निकालकर एक बार मध्य प्रदेश के ओरछा धाम अवश्य आइये पोस्ट अच्छी लगी हो तो कमेन्ट करे शेयर करे |
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