Bharat Mata मंदिर की बात आती है तो मन में देवी-देवताओं की आकृतियां बनने लगती हैं, उनका स्मरण हो जाता है। वहीं काशी में एक ऐसा अनोखा भारत माता मंदिर है, जहां देवी-देवता की मूर्ति नहीं, बल्कि भारत माता-अखंड भारत के मानचित्र को लोग पूरी श्रद्धा से शीश नवाते हैं। देश-विदेश से हजारों लोग हर वर्ष मंदिर देखने आते हैं। यहां जूता-चप्पल पहनकर प्रवेश की अनुमति नहीं है।
भारत माता मंदिर वाराणसी, उत्तर प्रदेश, काशी विद्यापीठ के परिसर में स्थित है, और वाराणसी के सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है।
करीब 10 लाख रुपये से शिव प्रसाद गुप्त ने इसका निर्माण कराया था। इसका उद्घाटन महात्मा गांधी ने 1936 में किया था।मंदिर की स्थापना में शामिल 30 श्रमिकों और 25 राजमिस्त्रियों ने शानदार काम किया और उनके नाम मंदिर के एक कोने पर एक पट्टिका पर लिखे हैं।
इस मंदिर के केंद्र में, भारत के एक अविभाजित मानचित्र का प्रदर्शन है जिसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान के साथ-साथ बलूचिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार शामिल हैं, जिन्हें पहले बर्मा और श्रीलंका के नाम से जाना जाता था।
भारत माता मंदिर में मौजूद नक्शा आजादी से पहले के अखंड भारत को दर्शाता है। मैदान, पहाड़ियाँ और महासागर सभी मानचित्र पर विस्तृत हैं
Bharat Mata Mandir,Varanasi
HOW TO REACH-
1.हवाई मार्ग से : वाराणसी हवाई अड्डा भारत माता मंदिर से 24 किमी दूर है। आप एयरपोर्ट से कैब बुक कर आराम से मंदिर जा सकते हैं। 2. 2.रेल द्वारा :- भारत माता मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन 3 किमी दूर वाराणसी रेलवे स्टेशन है, यहाँ से आप रिक्शा लेकर आराम से जा सकते हैं। 3.सड़क मार्ग द्वारा :- वाराणसी कई अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, और भारत माता मंदिर तक निजी वाहन द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
TIMING & ENTRY FEES - भारत माता मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस है। इन राष्ट्रीय पर्वों पर स्वतंत्रता की गाथाएं और संघर्ष बताए जाते हैं। आपको बता दें यहां कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। आप किसी भी मौसम में सुबह 9:30 से रात 8:00 बजे के बीच इस मंदिर में दर्शन कर सकते हैं।
LOCATION -
गुरु नानक नगर कॉलोनी, चेतगंज, वाराणसी, वाराणसी
वाराणसी में मंदिर कोई नया निर्माण नहीं है, जो उत्तर भारत में धार्मिक तीर्थयात्रियों का पसंदीदा रहा है। संगमरमर पर अविभाजित भारत के नक्शे के प्रदर्शन के लिए मंदिर को अद्वितीय माना जाता है।
गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस मंदिर की गेंदा के फूलों से सजावट की जाती है। यही नहीं मानचित्र में बने नदियों व झरने में पानी भी भरा जाता है जो देखते में काफी आकर्षक लगता है।