भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वृन्दावन में जल्द ही 70 मंजिला गगनचुंबी मंदिर का होगा निर्माण

Tripoto
18th Apr 2024
Photo of भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वृन्दावन में जल्द ही 70 मंजिला गगनचुंबी मंदिर का होगा निर्माण by Priya Yadav


        पर्यटन के माध्यम से भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अब मथुरा के वृंदावन में 70 मंजिला गगनचुंबी मंदिर, जिसे वृन्दावन हेरिटेज टॉवर या वृन्दावन चंद्रोदय मंदिर के नाम से जाना जाएगा जल्द ही बन कर तैयार हो जाएगा।रिपोर्ट्स की मानें तो यह मंदिर 80 मिलियन डॉलर (668.64 करोड़ रुपये) की अनुमानित लागत से बनाया जा रहा है।जोकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्कृति के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा और भारत में पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।

          मीडिया से की गई एक बातचीत में ग्लोबल हरे कृष्णा मूवमेंट के उपाध्यक्ष और सह-संरक्षक, साथ ही इस्कॉन बैंगलोर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, चंचलपति दासा ने भारत के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने में धार्मिक बुनियादी ढांचे की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा है कि,"हमारे माननीय प्रधान मंत्री जी ने विदेशों में रह रहे हमारे भारतीय प्रवासियों से कहा है कि जब आप भारत आए तो अपने साथ  किसी भी 5 विदेशी को साथ लेकर आए और पूरे भारत का भ्रमण करवाए ।आप पाएंगे की कोई भी जो दुनिया के किसी भी कोने से भारत आता है निश्चित रुप से आध्यात्मिता की तलाश में ही आता है।"ऐसे में हमार पास विदेशियों को भारत लाने और उन्हें दिखाने के लिए आध्यात्मिक बुनियादी ढांचा, धार्मिक बुनियादी ढांचा होना चाहिए, जिन पर आप गर्व कर सकें। 

Photo of भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वृन्दावन में जल्द ही 70 मंजिला गगनचुंबी मंदिर का होगा निर्माण by Priya Yadav


       इस्कॉन नेता ने कहा कि हमने देखा है की हवाई अड्डों जैसी आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ, आगंतुकों के बीच आध्यात्मिक अनुभवों की भी स्पष्ट मांग है। इस प्रकार, भारत की समृद्ध विरासत को दुनिया के सामने प्रभावी ढंग से प्रदर्शित करने के लिए असाधारण गुणवत्ता के आध्यात्मिक और धार्मिक बुनियादी ढांचे का विकास बहुत ही  अनिवार्य है।इसीलिए उन्होंने वृन्दावन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कृष्ण की शिक्षाओं के इर्द-गिर्द एक विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचा तैयार करने के महत्व को जोड़ा।

        दासा ने वृंदावन के ढांचे का वर्णन करते हुए बताया की इस अष्टकोणीय डिज़ाइन वाले मंदिर में चार मुख्य मंदिरों के साथ तीन अतिरिक्त मंदिर और श्रील प्रभुपाद को समर्पित एक स्मारक शामिल है।इसके साथ ही मंदिर परिसर में आने वाले पर्यटकों के लिए आरामदायक सुविधाएं भी होंगी।उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग के अनुमानों का हवाला देते हुए, उन्होंने अनुमान लगाया कि अगले छह से दस वर्षों में वृन्दावन में आगंतुकों की संख्या में पांच गुना वृद्धि होगी, जो आश्चर्यजनक रूप से 100 मिलियन तक पहुंच जाएगी।इस मंदिर परिसर में सबसे बड़ी पार्किंग सुविधाओं में से एक, मल्टी-लेवल पार्किंग होगी, जिसमें एक समय में 3,000 कारें रह सकती हैं।

       कुल मिलाकर यह वृन्दावन का हेरिटेज टॉवर एक महत्वपूर्ण प्रयास का प्रतिनिधित्व करेगा। जिसका उद्देश्य न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना है बल्कि वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए इसके पर्यटन उद्योग को आवश्यक बढ़ावा भी प्रदान करना है।

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