पहाड़ों और झरनों से अलग असम के टॉप 8 ऐतिहासिक स्थल जिनको बहुत कम लोग देखते हैं

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इस बात में कोई शक नहीं है कि असम सबसे खूबसूरत पूर्वोत्तर राज्यों में से है। यहाँ की वाइल्डलाइफ, झरने, पहाड़, आदिवासी जीवन, चाय के बागान जैसी तमाम चीजें हैं जिसके सभी कायल हैं। असम में रंगारंग कार्यक्रम, प्राकृतिक सुन्दरता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत तो है ही लेकिन यहाँ एक चीज और है जिसके ऊपर हमेशा से काफी कम लोगों का ध्यान जाता है। वो है असम की ऐतिहासिक धरोहर। असम में ऐसी कई सारी जगहें हैं जो किसी खजाने से कम नहीं हैं। इन सभी जगहों पर आपको प्राकृतिक सुंदरता तो मिलेगी ही लेकिन यहाँ आपको ऐसा बेहतरीन आर्किटेक्चर देखने के लिए मिलेगा कि आप विश्वास नहीं करेंगे।

ये हैं असम की 8 सबसे खास ऐतिहासिक जगहें जहाँ हर घुमक्कड़ को जाना चाहिए।

1. रंग घर

रंग घर असम की फेमस और सबसे अधिक देखी जाने वाली ऐतिहासिक जगहों में से है। रंग घर असल में एक थिएटर है जो एशिया के सबसे पुराने एम्फीथिएटर में से है। रंग घर का समतलब होता है मनोरंजन का घर और ये जगह पूरी तरह से ऐसी ही है। रंग घर का निर्माण 1746 ईस्वी में अहोम सम्राट स्वर्गदेव रुद्र सिंह ने करवाया था। रंग घर को शुरू से अहोम राजाओं द्वारा तमाम आयोजनों के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। खासतौर से रोंगली बिहू फेस्टिवल का आयोजन रंग घर में ही किया जाता है। फिलहाल ये जगह देख रेख के अभाव के कारण जर्जर हो चुकी है लेकिन इसके बावजूद इसके इतिहास को अनदेखा नहीं किया जा सकता है।

2. सत्र

असम की दरांग यात्रा तबतक अधूरी है जबतक आप सत्र नहीं देख लेते हैं। दरांग में दो सत्रास हैं। बरपेटा सत्र और डीहिंग सत्र असम के दो अनमोल नगीनों में से हैं। सत्र का आर्किटेक्चर असल में मठ की तरह होता है जिसमें प्रार्थना करने के लिए हॉल भी होता है। सत्र में मेहमानों और श्रद्धालुओं के ठहरने की भी व्यवस्था होती है। सत्र में आकर आपको असम की सांस्कृतिक विरासत के बारे में काफी कुछ जानने को मिलेगा। सत्र में आकर आपको स्थानीय लोगों द्वारा परफॉर्म किया जाने वाला असम का पारंपरिक नृत्य भी जरूर देखना चाहिए।

3. हाजो पोवा मक्का

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हाजो पोवा मक्का असम का बहुत ही पवित्र स्थल है जिसके नाम का मतलब मक्का का चौथाई हिस्सा होता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मस्जिद में प्रार्था करने के श्रद्धालुओं को मक्का में प्रार्थना करने जितना पुण्य प्राप्त होता है। इस मस्जिद का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां के समय हुआ था और इसके पीछे भी तमाम कहानियाँ हैं। असम की यात्रा करने वाले सभी घुमक्कड़ों को इस मस्जिद को जरूर देखना चाहिए और लोकल लोगों के इस मस्जिद से जुड़ी कहानियाँ भी सुननी चाहिए।

4. तलातल घर

असम के पूर्वी हिस्से में स्थित तलातल घर यकीनन राज्य की सबसे खास ऐतिहासिक जगहों में से है। तलातल घर की सबसे खास बात ये है कि ये अहोम साम्राज्य से जुड़ा विश्व का सबसे विशाल स्मारक है। अगर आपको इतिहास और आर्किटेक्चर से लगाव है तब ये जगह आपको खूब पसंद आएगी। तलातल घर में आपको अहोम आर्किटेक्चर का बेहतरीन उदाहरण देखने के लिए मिलेगा। जानने वाली बात ये भी है कि ये पूरी इमारत ईंट और ऑर्गेनिक सीमेंट से बनाई गई है। इसके बावजूद तलातल घर आज भी मजबूती से खड़ा हुआ है और असम आने वाले हर इतिहास प्रेमी की बकेट लिस्ट में इसका नाम ज़रूर शामिल होता है।

5. सूर्य पहर

असम की एक और देखने लायक जगह है सूर्य पहर। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस जगह पर 99,999 शिवलिंग हैं। सूर्य पहर असम के गोलपाड़ा से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर है और प्राचीन भारत की सबसे महत्वपूर्ण जगहों में से है। लोगों का मानना ये भी है कि इस जगह पर कई सारे छुपे हुए राज और खजाने हैं। खैर वजह चाहे जो भी हो, हमारी सलाह तो यही रहेगी कि आपकी अगली असम यात्रा में सूर्य पहर जैसी रोचक जगह को देखना जरूर होना चाहिए।

6. खासपुर

खासपुर सिलचर से 20 किलोमीटर की दूरी पर है। खासपुर में दिमासा राजवंश के अवशेष देखे जा सकते हैं जो हर इतिहास में रुचि रखने वाले को जरूर पसंद आएंगे। खासपुर में आप राजा का दरबार, सिंह द्वार और सूर्य द्वार देख सकते हैं। खासपुर की एक और चीज जो आपको आकर्षक लगेगी वो है यहाँ के दरवाजे जिनपर हाथियों से प्रेरणा लेते हुए बेहतरीन नक्काशी की गई है। यकीन मानिए अगर आपने खासपुर के इन खूबसूरत दरवाजों को नहीं देखा है तो आपकी यात्रा अधूरी है।

7. चराईदेव

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चराईदेव अहोम राजवंश का राजधानी शहर था जिसका निर्माण सुखापा द्वारा करवाया गया था। चराईदेव में तमाम अहोम सम्राट और उनकी रानियों की कब्र बनी हुई हैं। चराईदेव की चोटी पर आपको कम से कम 42 अहोम राजाओं और रानियों की कब्र दिखाई देंगी। रोचक बात ये है कि चराईदेव को असम के पिरामिड के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए क्योंकि चराईदेव में बनी कब्र के आर्किटेक्चर में मिस्र के पिरामिड की झलक साफतौर पर देखी जा सकती है। इन कब्र से दफनाने की प्रक्रिया और अहोम राजवंश के बारे में भी काफी जानकारी मिलती है। इन सभी कब्रों पर फूलों की डिजाइन भी बनाई गई है जो उस समय के कारीगरों की रचनात्मक कला दर्शाता है। अगर आप असम जाने का मन बना रहे हैं तो आपको चराईदेव जरूर देखना चाहिए।

8. सुकफा समान्य क्षेत्र

सुकफा समान्य असम के पहले अहोम राजा सुकफा की स्मृति में बनाया गया है। ये स्मारक सुकफा के शौर्य और नेतृत्व करने के शानदार तरीके के सम्मान में बनाया गया है। देखने में ये जगह बेहद सुंदर है। सुकफा समान्य क्षेत्र में आपको अहोम राजवंश के बारे में बहुत कुछ ऐसा जानने के लिए मिलेगा जो आपको हैरान कर देगा। फिलहाल इस जगह पर खनन विभाग द्वारा अहोम साम्राज्य के बारे में और जानकारी इकठ्ठा करने के लिए काम किया जा रहा है। सुकफा समान्य क्षेत्र आने के लिए आप जोरहाट में किसी भी जगह से ऑटो, बस या टैक्सी ले सकते हैं।

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