भारत में बहुत सी ऐसी खूबसूरत जगहें हैं। जिन जगहों के बारे में आप जरूर जानते होंगे। लेकिन क्या आपको मालूम हैं उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की इन 8 खूबसूरत धार्मिक और मनोरंजक जगहों के बारें में जो हर घुमक्कड़ी को जरूर देखनी चाहिए।
मुरादाबाद शहर जिले का औद्योगिक और प्रशासनिक मुख्यालय की राजधानी है। यह शहर गंगा नदी की सहायक नदी, रामगंगा के तट पर स्थित यह शहर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से जाना जाता है। वैसे तो मुरादाबाद अपने पीतल के हस्तशिल्प के कारण बहुत विख्यात है। मुरादाबाद में कई बर्षों से पीतल की कई आकर्षक वस्तुएँ बनाई जाती आ रहीं हैं। इसी कारण मुरादाबाद को पीतल के शहर के नाम से भी जाना जाता है।
हम अगर बात करें घूमने के लिए खूबसूरत जगहों की, तो मुरादाबाद में आकर्षक स्थलों में मनोरंजन स्थल और ऐतिहासिक व अनेक धार्मिक स्थल देखने लायक है। जहां जाकर आप अपने अस्त व्यस्त हुई जिंदगी को सुकून भरी पटरी पर ला सकते हैं। तो चलिए आपका ज्यादा समय ना लेते हुए बताते हैं मुरादाबाद के उन 8 खूबसूरत जगहों के बारें में जिन्हें घुमक्कड़ी लोगों को भी देखना चाहिए।
मुरादाबाद में घूमने की खूबसूरत जगहें
1) डीयर पार्क
इस पार्क में आपको ऐसे बहुत से जानवरों को देखने का मौका मिलेगा जो आपने कभी देखे ना हों। डीयर पार्क, प्रेम वंडरलैंड के पास ही स्थित हिरण पार्क, और इको-पार्क हैं जो कि एक मनोरंजक स्थल है।
इस पार्क में आपको मगरमच्छ, बतख और हिरण के साथ साथ और भी कई जानवरों की प्रजातियां देखने को मिलेंगी, और साथ ही यह पार्क उनके संरक्षण के लिए भी काम करता है। यहां आप पार्क में एक जॉगिंग ट्रैक का भी मज़ा ले सकते है, जो कि 13 किमी तक फैला हुआ है। इस पार्क में आपको हमेशा पर्यटकों की आवाजाही देखने को मिल जाएगी। मुरादाबाद से डीयर पार्क 170 दूरी मात्र है।
2) मंडावर का महल
कहा जाता है कि इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया उर्दू भाषा की शौकीन हुआ करती थीं। उसने भारत से एक शिक्षक मजहर अली को उर्दू और फारसी भाषा सिखाने के लिए इंग्लैंड में अपने महल में बुलाया। उस शिक्षक की सेवाओं से प्रसन्न होकर, इंग्लैंड की महारानी ने 1850 में मंडावर में उस शिक्षक लिए एक शानदार खूबसूरत महल बनवाया, जिसे आज मंडावर का महल के नाम से जाना जाता है। मंडावर के महल में आने वाले पर्यटकों की भारी संख्या इसी बात का प्रमाण है। कि इस महल का आकर्षक कितना ज्यादा होगा।
इस महल में आप बिना किसी शुल्क के घूम सकते हैं और तो और इस महल को आप कभी भी आकर घूम सकते हैं। यह महल 24 घण्टे खुला रहता है।
3) नजीबुदौला का किला
नजीबुदौला का किला उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में नजबबाद पर स्थित है। इस किले के पीछे की कहानी भी बेहद खूबसूरत है। नजिबुदौला का यह किला मुगल साम्राज्य के पतन के बाद 18 वीं शताब्दी में गुलाम कादिर उर्फ नजिबुदौला द्वारा बनाया गया था। गुलाम कादिर एक कुख्यात डकैत हुआ करता था जिसे सुल्ताना डाकू के नाम से भी जाना जाता था।
यहाँ डकैत ब्रिटिश पुलिस द्वारा गिरफ्तारी से बचने के लिए किले में छुपा रहते थे। आज भी किला उसी तरह खड़ा है। जैसे कि पहले बना हुआ था। आज बही किला पर्यटकों का मुख्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस किले में 12 महीने पर्यटक देखे जा सकते हैं। मुरादाबाद से यह किला 105 किलोमीटर की मात्र दूरी पर है।
4) प्रेम वंडरलैंड और प्रेम वाटर किंगडम
प्रेम वंडरलैंड और प्रेम वाटर किंगडम मुरादाबाद के रामपुर पर रेलवे क्रॉसिंग के पास स्थित है। प्रेम वंडरलैंड और प्रेम वाटर किंगडम एक बहुत बड़े क्षेत्र में बना मनोरंजन परिसर है।
यहां पर आकर बुढ़े हों या बच्चे सभी मस्ती करने के लिए बाध्य हो ही जातें हैं। यह वाटर स्पोर्ट्स सभी आयु वर्ग के लोगों विशेष रूप से शहर और आसपास के क्षेत्रों के बच्चों के लिए वाटर स्पोर्ट्स और अन्य मनोरंजक वाटर पार्क है। यहाँ आकर हर कोई अपनी परेशानीयों को बुलाना चाहेगा।
5) पातालेश्वर मंदिर
सुनने मात्र से ही पातालेश्वर मंदिर अपने नाम से ही आकर्षक लगता है। मुरादाबाद-आगरा राजमार्ग पर बहजोई से लगभग 6 किमी दूर सादातबाड़ी नामक एक छोटे से गाँव में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। हर साल शिवरात्रि के दिन, सावन के सोमवार को यहां भक्तों की भीड़ देख कर ही आप इस मंदिर की ख्याति और महानता को समझ सकते हैं।
पातालेश्वर मंदिर में शिवलिंग के दर्शन एवं जलाभिषेक करने को श्रद्धालु कई प्रांतों से सादात बाड़ी पहुंचते हैं। सावन व फाल्गुन मास की शिवतेरस को मंदिर परिसर के निकट मेला लगता है, जिसमें विभिन्न प्रांतों के श्रद्धालु यहां आते हैं।
6) विदुर कुटी
विदुर महाभारत काल से ही महानतम पुरुषों में गिने जातें हैं। कहा जाता है की, जब महाभारत का युद्ध आरम्भ होने वाला था तो पांडवों और कौरवों ने विदुर से अनुरोध किया की वे उनके छोटे बच्चों और महिलाओं की देखभाल करें। विदुर सबकी सुरक्षा नहीं कर सकते थे इसलिए उन्होंने विदुर कुटीर के नाम से एक आश्रम बनाया।
दुर्योधन से मतभेद के बाद से उन्होंने यह फैसला किया की वे अपना सारा जीवन इस कुटिया में बिताएगे। हालांकि उस दौरान भगवान श्री कृष्ण जी ने भी विदुर कुटी की खास बनावट पर विदुर की काफी प्रशंसा की थी। आज वही विदुर कुटीर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में स्थित है। जिसे अब दारानगर के नाम से भी जाना जाता है। भारी तादाद में पर्यटक इस विदुर कुटी के दर्शन करने आते हैं।
7) बड़े हनुमान जी मंदिर
वैसे देखा जाए तो भारत में हनुमानजी के कई बहुत सारे भव्य मंदिर मौजूद हैं लेकिन मुरादाबाद के चदौंसी के छोटे शहर हनुमानघरी में स्थित बड़े हनुमानजी के मंदिर की अपनी एक अलग ही विशेषता है। यह मंदिर सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहाँ भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित है। ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि यह मंदिर लगभग 400 साल पहले बनाया गया था और मंदिर ठीक सीता आश्रम के मैदान के पास ही मौजूद है। और यह मंदिर एक पहाड़ी के ऊपर विद्यमान है।
इस मंदिर की एक खास बात यह है कि इस मंदिर के ठीक नीचे प्राचीन समय की एक गुफा है जो कि एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचने के लिए बनी हुई थी। पुराणों के अनुसार इस पवित्र गुफा में हनुमान जी अवतरित हुए थे। मंदिर में भगवान राम की मूर्ति के साथी उनके परिवार की भी मूर्तियाँ है और श्री कृष्णा और भगवान शिव के परिवार की मूर्तियाँ भी है। मंदिर की पवित्रता से रू व रू और दर्शन करने के लिए पर्यटक यहां दूर दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं।
8) प्रकटेश्वर शिव धाम मुरादाबाद
प्रकटेश्वर शिव धाम मुरादाबाद का एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है और यह मंदिर बहुत सुंदर है। यह मंदिर मुरादाबाद में काठ तहसील में लाडलाबाद में स्थित है। यहां पर आकर शांति मिलती है। इस मंदिर की स्थापना 2006 में की गई थी। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि, मंदिर में आकर मनोकामना मांगने से मनोकामना पूरी होती है।
प्रकटेश्वर शिव धाम पर आपको और बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आपको हनुमान जी, शिव भगवान जी, माता सीता जी, गणेश जी, नंदी महाराज जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर विष्णु भगवान जी की भी बहुत सुंदर प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यहां पर सावन सोमवार में बहुत सारे लोग आते हैं।
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जय भारत