हमने भारत को उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से लेकर पश्चिम तक छाना और इन 8 मंत्रमुग्ध कर देने वाली रेल यात्राओं को आप तक लाने की कोशिश की |
1. कालका–शिमला टॉय ट्रेन
अपने सुंदर नजारों और बेहतरीन रास्ते के लिए मशहूर कालका-शिमला टॉय ट्रेन में सफर करना प्रकृति की गोद में एक जादुई यात्रा करने जैसा है| 102 सुरंगों सत्या सी फूलों और 900 मुड़ा ऊपर से सत्या सी फ्लोर और 900 घुमाओ से होती हुई यह टॉय ट्रेन कालका से शिमला का सफर लगभग साढे 5 घंटे में तय करती है| 1903 से आज तक यह ट्रेन सैलानियों को हिमालय की गोद में ले जाती आई है| रूट कालका धर्मपुर सोलन कांगड़ा घाट तारा देवी बरोग अनुग्रह तो तू समर हिल शिमला
रूट: कालका – धरमपुर – सोलन – कंड़ाघात – तरदेवी – बरोग – सलोग्रा – तोतू – समर हिल – शिमला
याद रहे कि कालका शिमला टॉय ट्रेन की बुकिंग अन्य रेलों के हिसाब से 2 महीने पहले नहीं होती | इसकी बुकिंग मात्र 1 महीने पहले ही करवा सकते हैं|
2. क़ाज़ीगुंड – बरामूल्ला
यात्रा कश्मीर की हसीन वादियों में बर्फ से ढके पहाड़ों और चिनार के वृक्षों के बीच से जब ये ट्रेन निकलती है तो हर मुसाफिर का कश्मीर घूमने का सपना सच हो जाता है |
इस यात्रा के दौरान आपके पास अपना कैमरा होना बहुत जरूरी है और ध्यान रहे कि आप सर्दियों में यात्रा करें जब चारों और बर्फ ही बर्फ हो|
रूट: क़ुाज़ीगुंड – सदूरा – अनंतनाग – बीजबेहरा – पांजगाम – आवंतिपुरा – काकपोरे – पांपोरे – बुड़गम – मज़ों – पट्टन – हमरे – बरामूल्लाह
3. द डेज़र्ट क्वीन (दिल्ली जैसलमेर एक्सप्रेस)
इस रेल द्वारा यात्रा करना आपकी जिंदगी में कुछ खास यादें छोड़ जाएगा | और अगर आप सोचते हैं कि रेगिस्तान से निकलती हुई रेल में यात्रा करना नीरस होगा तो आप काफ़ी ग़लत सोच रहे हैं | रेगिस्तान की शांति और स्थिरता से निकलती हुई यह रेल आपको एक अलग ही आध्यात्मिक अनुभव देगी | एक बार के लिए रुक कर जब आप मीलों दूर फैले रेगिस्तान को देखेंगे तो आपको लगेगा कि शहरी जिंदगी की भागदौड़ और परेशानियाँ कितनी छोटी और महत्त्व हीन है |
रूट : दिल्ली – जैसलमेर – ओसियन – जोधपुर
4. द महाराजा एक्सप्रेस
महाराजा एक्सप्रेस को लगातार चार बार दुनिया की सबसे भव्य रेलगाड़ियों में आगे का दर्जा मिला है| शाही लाल गलीचों वाली इस ट्रेन में यात्रा करना पुराने समय की भव्यता और प्रेमरस की दुनिया में कदम रखने जैसा है| अक्टूबर से अप्रैल महीने के बीच में चलने वाली यह रेल उत्तर पश्चिमी और मध्य भारत के 12 से अधिक स्थानों से घूमते हुए 5 सर्किट ओं को पूरा करती है|
रूट : आप नीचे लिखे रास्तों की सूची में से अपना मनपसंद चुन सकते हैं|
• द हेरिटेज ऑफ इंडिया ( 7 रातें/ 8 दिन )
मुंबई - अजंता - उदयपुर - जोधपुर - बीकानेर - जयपुर - रन्थम्भोर - आगरा - दिल्ली
• ट्रेजर्स ऑफ इंडिया ( 3 रातें/4 दिन )
दिल्ली - आगरा - रन्थम्भोर - जयपुर - दिल्ली
• गेम्स ऑफ इंडिया ( 3 रातें / 4 दिन )
दिल्ली - आगरा - रन्थम्भोर - जयपुर - दिल्ली
• इंडियन पनोरमा ( 7 नाइट्स / 8 डेज़ )
दिल्ली - जयपुर - रन्थम्भोर - फतेहपुर सीकरी - आगरा - ग्वालियर - ओरछा - खजुराहो - वाराणसी - लखनऊ - दिल्ली
• इंडियन स्प्लेनडर ( 7 नाइट्स / 8 डेज़ )
दिल्ली - आगरा - रन्थम्भोर - जयपुर - बीकानेर - जोधपुर - उदयपुर - बालासिनोर - मुंबई
5. गोवा एक्सप्रेस
सहयाद्री पर्वतों के पास से गुजरती हुई इस रेल की खिड़की से गोवा की सुंदरता कुछ ऐसी दिखती है मानो आपके सामने कोई फिल्म चल रही हो| गोवा की नैसर्गिक सुंदरता को चीरती हुई यह रेल धुआंधार सागर जलप्रपात के पास से गुजरती है|
रूट : वास्को दा गामा, गोआ – लोंदा, कर्नाटका.
6. द दार्जीलिंग हिमालयन रेलवे
पहाड़ी रेलों में सबसे पुरानी और विश्व धरोहरों में से एक दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे आपको मैदान और पर्वतों से घुमाती हुई जलवायु के सभी बदलावों से अवगत करवा देगी | जलपाईगुड़ी मैदानी इलाका है और दार्जिलिंग पहाड़ी इलाका है जहाँ की चाय पूरे भारत में मशहूर है| इस रेलवे ट्रैक की सबसे खास बात यहाँ के घुमावदार मोड़ है जिनमे से खास है बतासिया मोड़ जो कंचनजंगा शिखर और जलपाईगुड़ी का एक विहंगम दृश्य प्रस्तुत करते हैं|
रूट : दार्जिलिंग – न्यू जलपाईगुड़ी
7. दा आईलैंड एक्सप्रेस (कन्याकुमारी –त्रिवेंद्रम)
आईलैंड एक्सप्रेस एक छोटी सी रेल यात्रा है जो आपको गहरे घने ताड़ के वृक्ष और लंबी घास के बीच से ले जाती हुई केरल के ग्रामीण जीवन को करीब से देखने का मौका देती है| मज़ेदार बात है कि इस रेल के रास्ते में कोई द्वीप आता ही नहीं है| तो इसका नाम आईलैंड एक्सप्रेस पड़ा क्योंकि 1970 के दशक के मध्य तक यह रेल यात्रा कोचिंग के वेलिंगटन द्वीप मे स्थित कोचीन बंदरगाह टर्मिनस स्टेशन पर समाप्त होती थी|
रूट: कन्याकुमारी – तिरुवनंतपुरम
8. दा सी ब्रिज राइड ( मण्डपम् तो रमेश्वरम)
मंत्रमुग्ध कर देने वाली रोमांच से भरी पाम्बन-रामेश्वर सेतु पर चलने वाली रेल 143 खंभों वाली 2 कि.मी. लंबे पुल पर से गुजरती है| इस 2 कि.मी. लंबे पुल से धीरे-धीरे गुजरती हुई इस रेल के नीचे मीलों तक फैली मन्नार की खाड़ी आपको मंत्रमुग्ध कर देगी | यह हमारा दावा है|
रूट: मण्डपम् – रमेश्वरम
भारतीय लोग रेल यात्रियों को पसंद तो करते ही हैं| मगर यह कुछ चुनिंदा रेल यात्राएँ भारत के युवाओं के मन पर एक बहुत गहरी छाप छोड़ने की क्षमता रखती है| क्या आप भी रेल यात्रियों की शौकीन है ? ऐसी कौन सी रेल यात्राएँ हैं जो आप जिंदगी में एक बार तो जरूर करना चाहेंगे? अपने अनुभव और विचार हमें नीचे लिखकर बताएँ |
आपने इनमें से कितनी रेल यात्राओं का आनंद लिया है? हमें कॉमेंट में लिखकर बताएँ या अपना अनुभव Tripoto पर लिखने के लिए यहाँ क्लिक करें।
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