हर देश के लिए एक चीज ऐसी होती है जो सबसे खास होती है। वो है देश का राष्ट्रीय ध्वज। देश के ध्वज को हवा में शान से लहराते हुए देखकर हर भारतवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन ये एहसास और भी खास हो जाता है। जगह जगह पर राष्ट्र के सम्मान में देशभक्ति वाले गीत चल रहे होते हैं और झंडा रोहण की तैयारियाँ चल रही होती हैं।
इन दो दिनों पर भारतीय होने की खुशी कुछ अलग महसूस होती है। भारतवासियों के लिए तिरंगा कितना महत्वपूर्ण है ये सभी जानते हैं। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि देश में सबसे ऊँचा तिरंगा कहाँ पर है? अगर आप नहीं जानते हैं तो ये जानकारी हम आपको दे देते हैं। हमने भारत की 7 ऐसी जगहों की सूची तैयार की है जहाँ आप सबसे ऊँचा तिरंगा देख सकते हैं।
1. बेलगाम, कर्नाटक- 361 फीट
कर्नाटक के बेलगाम फोर्ट के नजदीक आपको देश का सबसे ऊँचा तिरंगा देखने के लिए मिलेगा। 361 फीट लंबे खंबे पर शान से लहराता तिरंगा आपको दूर से ही दिखाई देने लगेगा। इस तिरंगे को पहली बार साल 2018 में फहराया गया था। तिरंगे की खास बात है कि इसमें इस्तेमाल किया गया कपड़ा खास वाटरप्रूफ मटेरियल से बना हुआ है। झंडे के आसपास दो छोटे खंबों पर लाइट भी लगाई गई हैं। क्योंकि ये तिरंगा संबरा एयरपोर्ट से मात्र 25 किमी. की दूरी पर है इसलिए इस तिरंगे को लगवाने के लिए अधिकारियों को भारत के उड्डयन मंत्रालय से खास परमिशन लेनी पड़ी थी। जिससे विमानों की आवाजाही में कोई परेशानी ना आए।
2. अटारी बार्डर, पंजाब- 360 फीट
अमृतसर पंजाब के मशहूर वाघा अटारी सीमा पर लहराता ये तिरंगा देश का दूसरा सबसे ऊँचा तिरंगा है। इसकी ऊँचाई 360 फीट है। बेलगाम के पहले काफी समय तक ये भारत में लगा सबसे ऊँचा झंडा भी था। 2017 में पहली बार लहराया गए इस तिरंगे का शुभारंभ श्री अनिल स्वरा किया गया था जो उस समय पंजाब के मंत्री हुआ करते थे। इस झंडे की चौड़ाई 24 मीटर और वजन 55 टन है। वाघा बॉर्डर के नजदीक पहुँचते ही तिरंगा आपको दूर से ही दिखाई देने लगता है। 3.50 करोड़ रुपए की लागत से बना ये तिरंगा पंजाब सरकार की अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट अथॉरिटी का बड़ा प्रोजेक्ट था।
3. भक्ति शक्ति, पुणे- 351 फीट
निगडी का भक्ति शक्ति तिरंगे की स्थापना 2018 में पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम द्वारा की गई थी। 107 मीटर ऊँचे इस तिरंगे का कुल भार लगभग 42 टन के आसपास है। इस तिरंगे को पॉलिएस्टर के कपड़े से बनाया गया है। अकेले झंडे का वजन 90 किलो है। ये झंडा 25 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हवा के बीच भी मजबूती से खड़ा रह सकता है। ये तिरंगा पुणे की शान को दोगुना कर देता है। पुणे की तमाम जगहों को देखने के साथ-साथ आपको इस तिरंगे का दीदार भी जरूर करना चाहिए।
4. गांधी मंडप, गुवाहाटी- 319.5 फीट
भारत का चौथा सबसे ऊँचा तिरंगा गुवाहाटी के गांधी मंडप में महात्मा गांधी की 150वें जन्मदिवस के मौके पर फहराया गया था। ये तिरंगा असम के सरानिया पहाड़ियों के ऊपर बने गांधी मंडप पर स्थित है। गांधी मंडप महात्मा गांधी का शहीद स्मारक है। असम के इस तिरंगे को स्थापित करने में कुल 2.92 करोड़ रुपए का खर्च आया था जिसमें इसके एक साल के रख-रखाव की कीमत भी जुड़ी हुई है। गुवाहाटी की खूबसूरती में चार चाँद लगाने वाले इस तिरंगे को आपको जरूर देखना चाहिए।
5. कोल्हापुर- 303 फीट
कोल्हापुर को मिसल और चप्पलों की नगरी कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं भारत का पाँचवां सबसे ऊँचा तिरंगा कोल्हापुर में है? कोल्हापुर के इस 303 फीट ऊँचे तिरंगे का शुभारंभ महाराष्ट्र दिवस पर किया गया था। ये तिरंगा कसबा बावडा में स्थित पुलिस मुख्यालय के ठीक सामने बने पुलिस गार्डन में है। खंबे की लंबाई कुल 90 मीटर है और वजन 24 टन के आसपास है। ये प्रोजेक्ट हमेशा से कोल्हापुर के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल रहा है। शान से लहराते हुए तिरंगे को देखना यकीनन हर भारतवासी के लिए गर्व करने की बात है।
6. रांची- 293 फीट
293 फीट ऊँचे इस तिरंगे को पहली बार 2016 में मनोहर परिकर ने फहराया था। इस तिरंगे की रोचक बात ये है कि इसका खंबे को वालमार्ट इंडिया की पुणे यूनिट से लिया गया था। 66 फीट लंबाई और 99 फीट चौड़ाई वाले इस तिरंगे का कुल वजन 60 किलो है। हर साल 26 जनवरी और 15 अगस्त के मौके पर इस तिरंगे को भारत के वीर योद्धाओं के सम्मान में फहराया जाता है।
7. तेलंगाना- 291 फीट
भारत का सबसे नवीन राज्य तेलंगाना ने भी सबसे ऊँचे राष्ट्रीय ध्वजों की दौड़ में अपनी भागीदारी पक्की की है। भारत का 7वाँ सबसे ऊँचा तिरंगा तेलंगाना के संजीवई पार्क में स्थित है। ये पार्क हैदराबाद की ऐतिहासिक हुसैन सागर झील के किनारे पर बना हुआ है। शाम के समय झील का नजर बेहद खूबसूरत होता है। इस खूबसूरती को और भी बढ़ाने का काम करता है यहाँ लहराता हुआ भारतीय तिरंगा। तेलंगाना के दर्शनीय स्थलों की सूची में इस पार्क का नाम भी जोड़ लेना चाहिए।
क्या आपने इनमें से की यात्रा की है ? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।
रोज़ाना टेलीग्राम पर यात्रा की प्रेरणा के लिए यहाँ क्लिक करें।