हिमाचल की ये 7 जगहें आपको इतिहास के पन्ने पलटने के लिए मजबूर कर देंगी

Tripoto
Photo of हिमाचल की ये 7 जगहें आपको इतिहास के पन्ने पलटने के लिए मजबूर कर देंगी by Deeksha

भारत का इतिहास एक ऐसा टॉपिक है जो हमें बचपन से सिखाया जाता है। दादा-दादी की कहानियों से लेकर स्कूल की पढ़ाई तक के रूप में हमें भारत की ऐतिहासिक विरासत का बढ़िया ज्ञान मिला है। लेकिन क्या आपने कभी इन्हीं ऐतिहासिक जगहों को घुमक्कड़ी के नजरिए से देखने की कोशिश की है? भारत के हर राज्य में आपको कोई ना कोई जगह जरूर ऐसी मिल जाएगी जिसका इतिहास से गहरा रिश्ता रहा है। फिर चाहे आप नॉर्थ के पहाड़ों में ट्रेक करने का मजा ले रहे हों या साउथ इंडिया में किसी बीच के किनारे रिलैक्स कर रहे हों। आप इतिहास से कभी दूर नहीं जा सकते। हिमाचल प्रदेश वो राज्य है जो हर घुमक्कड़ की बकेट लिस्ट में जरूर शामिल होता है। यहाँ घूमने के लिए तमाम जगहें हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं जिन जगहों को आप आजतक केवल घुमक्कड़ीय नजरों से देखते आए हैं उनका इतिहास से भी पक्का संबंध जुड़ा हुआ है?

1. हिडिम्बा देवी मंदिर

मनाली के बर्फीले पहाड़ों के बीच स्थित है मंदिर हिडिंबा देवी को समर्पित है। हिडिंबा देवी भीम की पत्नी और घटोत्कच की माँ को नाम है। चारों तरफ से ऊँचे-ऊँचे देवदार के घने पेड़ों से घिरा ये मंदिर अपने आप में बेहद अनोखा है। मंदिर की बनावट से लेकर इसके आसपास के इलाकों तक हर एक चीज आपको हैरान होने पर मजबूर कर देगी। असल में ये मंदिर एक पत्थर के ऊपर बना हुआ है। लोगों का मानना है कि ये पत्थर हिडिंबा देवी की छवि है जिसकी वजह से मंदिर इसी के ऊपर बना हुआ है। स्थानीय लोगों की भाषा में हिडिम्बा देवी मंदिर को धुंगरी मंदिर में नाम से भी जाना जाता है। मंदिर का पगोडा आर्किटेक्चर इसको बाकी सभी मंदिरों से एकदम अलग बनाता है। आमतौर पर सभी मंदिर पत्थरों से बने होते हैं। लेकिन मनाली का ये मंदिर लकड़ी के इस्तेमाल से बनाया गया है। मंदिर में दीवारों से लेकर दरवाजों तक सारी चीजों को बनाने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। यहाँ तक कि मंदिर की छत को भी लकड़ी से बनाया गया है।

2. कांगड़ा फोर्ट

कांगड़ा जिले के बाहरी हिस्से में स्थित ये किला हिमाचल के प्राचीन और गौरवशाली इतिहास का जीता जागता उदाहरण है। इस किले का ताल्लुक ट्रिगर्ता साम्राज्य से है जिसका जिक्र महाभारत में भी किया गया है। कुछ लोगों का कहना है कि ये किला हिमालय का सबसे बड़ा और पुराना किला है। ब्यास और उसकी सहायक नदियों से बनी घाटी के निचले हिस्से में खड़ा ये किला एक समय पर पंजाब और हिमाचल के लोगों के लिए बढ़िया हिल स्टेशन का काम भी किया करता था। इस किले के अंदर एक मंदिर भी है जिसका नाम बृजेश्वरी मंदिर है। कहा जाता है एक समय पर इस मंदिर में बड़ी मात्रा में चढ़ावा चढ़ाया जाता था। उस समय इस किला का इस्तेमाल मंदिर में हुए दान दक्षिणा को सुरक्षित रखने के लिए भी किया जाता था। शायद इसी वजह से इस किले को कई बार लूटने की कोशिश भी की जा चुकी है। इस किले को जीतकर अपने राज्य में जोड़ने के लिए भी राजाओं द्वारा काफी प्रयास किए जा चुके हैं। दुख की बात ये है कि आज ये किला लगभग खंडहर हो चुका है।

3. की मोनास्ट्री

अगर आप हिमाचल के दीवाने हैं और आप स्पीति की मशहूर की मोनास्ट्री के बारे में नहीं जानते है तो आपको एक बार वापस से हिमाचल घूमने की जरूरत है। लाहौल और स्पीति घाटी में स्थित ये गोंपा बहुत फेमस तिब्बती लैंडमार्क है। जिसको देखने के लिए विश्वभर से लोग आते हैं। समुद्र तल से 4166 मीटर की ऊँचाई पर स्थित ये मोनास्ट्री स्पीति नदी के पास है। माना जाता है इस मोनास्ट्री की खोज ड्रोमतों ने की थी जो 11वीं शताब्दी से जुड़े हुए थे। 1000 साल से भी ज्यादा पुरानी ये मोनास्ट्री स्पीति घाटी की सबसे बड़ी और सुंदर जगह है। खास बात ये भी है कि इस गोंपा में बौद्ध लामाओं को विद्या दी जाती है। ये मोनास्ट्री लगभग 300 लामाओं का घर भी है। की मोनास्ट्री के पीछे भी एक रोचक और लंबी कहानी है। इस मोनास्ट्री पर भी कई बार आक्रमण हुए हैं। लेकिन अच्छी बात ये है कि उन सभी चीजों इस गोंपा को कोई नुकसान नहीं हुआ। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि साल 2000 में इस मोनास्ट्री की 1000वीं वर्षगांठ मनाई गई थी जिसमें दलाई लामा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।

4. बैजनाथ मंदिर

बैजनाथ मंदिर का नाम हिमाचल के सबसे फेमस और देखे जाने वाले मंदिरों में शुमार है। ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। असल में बैजनाथ या वैद्यनाथ भगवान शिव के है एक अवतार का नाम है जिसमें वो अपने सभी भक्तों के दुख दर्द का निवारण करते हैं। इसी वजह से इस मंदिर की लोकप्रियता देखने लायक है। आप किसी हुई समय यहाँ आ जाइए आपको लोगों की अच्छी भीड़ मिलेगी। क्योंकि इस मंदिर की इतनी मान्यता है इसलिए यहाँ का पानी भी बेहद पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि ये पानी कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इस पानी के इस्तेमाल से सारी बीमारियाँ और तकलीफें भी दूर हो जाती हैं। पालमपुर से केवल 16 किमी. की दूरी पर स्थित इस मंदिर में आकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। मंदिर का शांतिपूर्ण माहौल महसूस करके आपका मन खुश हो जाएगा। हिन्दू धर्म के ग्रंथों के मुताबिक भगवान शिव ने कुल 12 ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की थी और ऐसा माना जाता है उनमें से एक ज्योतिर्लिंग इस मंदिर में स्थापित है। बर्फीले धौलाधार पहाड़ों की गोद में बसा ये मंदिर देखने में बेहद सुंदर लगता है।

5. पैलेस होटल

चैल जैसे खूबसूरत और आकर्षक शहर में स्थित ये पैलेस होटल 75 एकड़ जमीन पर बना हुआ है। इस राजमहल का निर्माण भूपिंदर सिंह ने 1891 में करवाया था जो उस समय पटियाला के महाराजा हुआ करते थे। बाद में 1972 में इस पैलेस को हिमाचल के पर्यटन विभाग ने खरीद लिया जिसके बाद इसको एक हेरिटेज होटल में बदल दिया गया। इस शानदार होटल में ठहरना एकदम किसी महल में रहने जैसा है। इस होटल में आपको अपना मनपसंद कमरा चुनने की भी पूरी छूट दी गई है। हर कमरे में बढ़िया क्वालिटी का फर्नीचर और कार्पेट बिछाया गया है। होटल के रेस्त्रां में आपको बार की सुविधा भी दी गई है। यकीन मानिए रेस्त्रां का लाजवाब खाना आपके दिल को छू जाएगा। इस रेस्त्रां में आप इंडियन से लेकर तमाम विदेशी व्यंजनों का भी स्वाद के सकते हैं। इस होटल में बच्चों के खेलने के लिए पार्क और लॉन टेनिस कोर्ट का इंतेजाम भी किया गया है। अगर आप इस होटल में कोई मीटिंग करना चाहते हैं तो उसके लिए आप इनके बढ़िया मीटिंग हॉल का इस्तेमाल कर सकते हैं। जो सबसे लेटेस्ट तकनीकों से लैस है। होटल के आसपास जंगल हैं। तो यदि आप बाजार निकलकर कुछ समय प्राकृतिक छटा देखना चाहते हैं तो आपको उसमें भी कोई परेशानी नहीं होगी।

6. नग्गर महल

कुल्लू घाटी में स्थित ये ऐतिहासिक जगह वादियों के बीच में किसी आशियाने से कम नहीं है। इस महल का निर्माण पत्थरों और लकड़ी को इस्तेमाल करके किया गया है। जिसकी वजह से देखने में ये एकदम प्राचीन समय का लगता है। 1460 एडी में बना ये महल वेस्टर्न और पारंपरिक हिमालई आर्किटेक्चर को मिलकर बनाया गया है। असल में ये महल राजा सिद्ध सिंह के परिवार की संपत्ति का हिस्सा हुआ करता था। लेकिन 1978 में इस महल को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा एक हेरिटेज होटल के रूप में ढाल दिया गया था। भले ही इसको होटल में बदल दिया गया है लेकिन आज भी इसका राजमहल वाला सौंदर्य बरकरार है। होटल में दाखिल होते ही आपको किसी खास महल में होने का एहसास होगा। ये जगह पर्यटकों के बीच भी काफी फेमस है। कुछ लोग इस होटल में ठहरने आते हैं और कुछ लोग केवल इस महल की सुंदरता को देखने भी आते हैं। इस महल में आर्ट गैलरी भी है। जिसमें रूसी आर्टिस्ट निकोलस रोयरिच द्वारा बनाई गई पेंटिंग लगाई गईं हैं। केवल यही नहीं ये होटल इतना खास है कि यहाँ कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है।

7. नालागढ़ फोर्ट

हिमाचल के पहाड़ों के बीच बने इस किले का निर्माण 1421 में किया गया था। अन्य किलों की तरह ये किला भी एक पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है। लगभग 10 एकड़ जमीन पर बने इस किले की बनावट मुगल आर्किटेक्चर को ध्यान में रखकर की गई है। इस किले में कुल 5 मजिलें हैं। खास बात ये है कि अब इस किले को भी हेरिटेज होटल में बदल दिया गया है। इस होटल में एक कॉन्फ्रेंस हॉल बनाया गया है जिसका नाम दीवान ए खास रखा गया है। इस हॉल का निर्माण राजा संसार चंद द्वारा करवाया गया था। हरे-भरे लैंडस्केप और बेशकीमती नजारों से सजे इस हेरिटेज होटल में आपको सभी तरह की आधुनिक सुख सुविधाएँ मिलेंगी। होटल के कमरों से शिवालिक पर्वत श्रृंखला का बेहतरीन नजारा भी दिखाई देता है जो आपकी ट्रिप को और भी खूबसूरत बना देगा। मनाली, धर्मशाला और हिमाचल के अन्य हिल स्टेशनों से आप आसानी से नालागढ़ फोर्ट आ सकते हैं।

क्या आपने हिमाचल प्रदेश में किसी ऐतिहासिक जगह की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें

बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।

Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ।

Further Reads